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कंधे पर सिस्टम, आफत में जान, देखिए पहाड़ की बदहाल तस्वीर

पौड़ी जिले के कोट ब्लॉक में सड़क न होने के कारण ग्रामीण इलाज के लिए कई किमी पैदल चलने को मजबूर हैं. गांव के युवाओं ने मंगलवार को डंडी-कंडी के सहारे बुजुर्ग को 3 किमी पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया.

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पौड़ी
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Published : Jun 28, 2023, 6:10 PM IST

Updated : Jun 28, 2023, 8:26 PM IST

सड़क न होने से 3 किमी पैदल चलकर मरीज को पहुंचाया अस्पताल.

पौड़ी: राज्य को पांच-पांच मुख्यमंत्री देने वाले पौड़ी जिले में आज भी ग्रामीणों को सड़क सुविधा से जूझना पड़ रहा है. आलम यह है कि ग्रामीणों को मरीजों को कंधे पर लादकर डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है. यह तस्वीर किसी दूरस्थ ब्लॉक की नहीं बल्कि पौड़ी से सटे कोट ब्लॉक की है. जहां ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं का रोना रो रहे हैं.

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कोट ब्लॉक में सड़क न होने कारण पैदल मरीज को अस्पताल ले जाते ग्रामीण

जिला मुख्यालय पौड़ी से सटे कोट ब्लॉक में आज भी लोगों को मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. यहां तक मंत्रियों और अधिकारियों के द्वारा लगाए जाने वाले रात्रि चौपाल और जनता दरबार में आज भी लोग हाईटेक सुविधाओं के बजाय मूलभूत सुविधाओं की ही मांग करते हैं. इसमें लोगों की सर्वप्रथम सुविधा मोटर मार्ग की ही होती है. ग्रामीण क्षेत्र में सड़क सुविधाएं नहीं होने के कारण पहाड़ों से लगातार पलायन हो रहा है.

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भाजपा विधायक राजकुमार पोरी के पौड़ी विधानसभा के अंतर्गत कोट ब्लॉक आता है.

पौड़ी से सटे कोट ब्लॉक में मूलभूत सुविधाओं की पोल तब खुली जब 62 साल के बुजुर्ग शिव सिंह के बीमार पड़ जाने पर वहां के युवाओं को उन्हें डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाना पड़ा. बुजुर्ग को डंडी-कंडी के सहारे 3 किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाना पड़ा, इसके बाद एंबुलेंस से 25 किमी का सफर तय कर श्रीनगर अस्पताल पहुंचे, जहां करीब 2 घंटे के बाद बुजुर्ग को उपचार मिल पाया.
ये भी पढ़ेंः अगस्त्यमुनि के औरिंग गांव में पुष्कर हुए बीमार तो डंडी कंडी बनी सहारा, 3 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल

गांव के पूर्व प्रधान विजय सिंह का कहना कि सड़क नहीं होने से ग्रामीण आए दिन परेशान रहते हैं. ग्रामीणों को आज भी गांव में किसी के बीमार पड़ जाने अथवा गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए कई किलोमीटर कंधे पर ढोकर सड़क मार्ग पर लाना पड़ता है. ग्रामीणों ने कई बार शासन से लेकर प्रशासन और मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की गुहार लगाई. लेकिन अभी तक इन गांवों में सड़क नहीं पहुंची. उन्होंने कहा कि सड़क की मांग करते-करते कई विधायक और सरकारें बदल चुकी है. लेकिन गांव की स्थिति आज भी पुराने ढर्रे पर ही है.

सड़क न होने से 3 किमी पैदल चलकर मरीज को पहुंचाया अस्पताल.

पौड़ी: राज्य को पांच-पांच मुख्यमंत्री देने वाले पौड़ी जिले में आज भी ग्रामीणों को सड़क सुविधा से जूझना पड़ रहा है. आलम यह है कि ग्रामीणों को मरीजों को कंधे पर लादकर डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है. यह तस्वीर किसी दूरस्थ ब्लॉक की नहीं बल्कि पौड़ी से सटे कोट ब्लॉक की है. जहां ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं का रोना रो रहे हैं.

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कोट ब्लॉक में सड़क न होने कारण पैदल मरीज को अस्पताल ले जाते ग्रामीण

जिला मुख्यालय पौड़ी से सटे कोट ब्लॉक में आज भी लोगों को मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. यहां तक मंत्रियों और अधिकारियों के द्वारा लगाए जाने वाले रात्रि चौपाल और जनता दरबार में आज भी लोग हाईटेक सुविधाओं के बजाय मूलभूत सुविधाओं की ही मांग करते हैं. इसमें लोगों की सर्वप्रथम सुविधा मोटर मार्ग की ही होती है. ग्रामीण क्षेत्र में सड़क सुविधाएं नहीं होने के कारण पहाड़ों से लगातार पलायन हो रहा है.

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भाजपा विधायक राजकुमार पोरी के पौड़ी विधानसभा के अंतर्गत कोट ब्लॉक आता है.

पौड़ी से सटे कोट ब्लॉक में मूलभूत सुविधाओं की पोल तब खुली जब 62 साल के बुजुर्ग शिव सिंह के बीमार पड़ जाने पर वहां के युवाओं को उन्हें डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाना पड़ा. बुजुर्ग को डंडी-कंडी के सहारे 3 किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाना पड़ा, इसके बाद एंबुलेंस से 25 किमी का सफर तय कर श्रीनगर अस्पताल पहुंचे, जहां करीब 2 घंटे के बाद बुजुर्ग को उपचार मिल पाया.
ये भी पढ़ेंः अगस्त्यमुनि के औरिंग गांव में पुष्कर हुए बीमार तो डंडी कंडी बनी सहारा, 3 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल

गांव के पूर्व प्रधान विजय सिंह का कहना कि सड़क नहीं होने से ग्रामीण आए दिन परेशान रहते हैं. ग्रामीणों को आज भी गांव में किसी के बीमार पड़ जाने अथवा गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए कई किलोमीटर कंधे पर ढोकर सड़क मार्ग पर लाना पड़ता है. ग्रामीणों ने कई बार शासन से लेकर प्रशासन और मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की गुहार लगाई. लेकिन अभी तक इन गांवों में सड़क नहीं पहुंची. उन्होंने कहा कि सड़क की मांग करते-करते कई विधायक और सरकारें बदल चुकी है. लेकिन गांव की स्थिति आज भी पुराने ढर्रे पर ही है.

Last Updated : Jun 28, 2023, 8:26 PM IST
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