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पौड़ी का 200 साल पुराना वैष्णो देवी मंदिर है खास, जम्मू के मंदिर से जुड़ा है इसका महत्व

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Published : Apr 6, 2019, 8:35 PM IST

पौड़ी के अछरीखाल के पास स्थित वैष्णो देवी मंदिर में सुबह से मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे. इस मंदिर में स्थित पिंडी को जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर से पूजा करवाकर यहां स्थापित किया गया है. जिसके बाद से यहां पर दूर-दूर से लोग मां वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचते हैं.

अछरीखाल में वैष्णो देवी मंदिर

पौड़ीः पूरे देश में चैत्र नवरात्रि शुरू हो गई है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जा रही है. जिले के अछरीखाल के पास स्थित वैष्णो देवी मंदिर में सुबह से मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे. माना जाता है कि जम्मू में स्थित मां वैष्णो देवी की तरह ही यहां भी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है.

वैष्णो देवी मंदिर अछरीखाल में पहुंचे भक्तगण.


नवरात्रि के पहले दिन पौड़ी के प्रसिद्ध मंदिर वैष्णो देवी मंदिर में सुबह से लोगों की भीड़ लगी रही. ये मंदिर काफी प्राचीन माना जाता है. पहले इस मंदिर की स्थिति काफी जीर्ण-शीर्ण थी. स्थानीय लोगों ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया. इस मंदिर में स्थित पिंडी को जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर से पूजा करवाकर यहां स्थापित किया गया है. जिसके बाद से यहां पर दूर-दूर से लोग मां वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंडः नेताजी के भाग्य निर्धारण में महत्वपूर्ण होंगे युवा मतदाता, 78 लाख मतदाता बनेंगे भाग्य विधाता

मंदिर के संस्थापक राजेंद्र सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि ये मंदिर करीब 200 साल पुराना है. इस मंदिर को उन्होंने साल 2000 में जीर्णोद्धार करवाया था. उनके मुताबिक यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. यहां दर्शन करना जम्मू की वैष्णो देवी के दर्शन करने के बराबर है.

पौड़ीः पूरे देश में चैत्र नवरात्रि शुरू हो गई है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जा रही है. जिले के अछरीखाल के पास स्थित वैष्णो देवी मंदिर में सुबह से मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे. माना जाता है कि जम्मू में स्थित मां वैष्णो देवी की तरह ही यहां भी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है.

वैष्णो देवी मंदिर अछरीखाल में पहुंचे भक्तगण.


नवरात्रि के पहले दिन पौड़ी के प्रसिद्ध मंदिर वैष्णो देवी मंदिर में सुबह से लोगों की भीड़ लगी रही. ये मंदिर काफी प्राचीन माना जाता है. पहले इस मंदिर की स्थिति काफी जीर्ण-शीर्ण थी. स्थानीय लोगों ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया. इस मंदिर में स्थित पिंडी को जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर से पूजा करवाकर यहां स्थापित किया गया है. जिसके बाद से यहां पर दूर-दूर से लोग मां वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचते हैं.

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मंदिर के संस्थापक राजेंद्र सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि ये मंदिर करीब 200 साल पुराना है. इस मंदिर को उन्होंने साल 2000 में जीर्णोद्धार करवाया था. उनके मुताबिक यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. यहां दर्शन करना जम्मू की वैष्णो देवी के दर्शन करने के बराबर है.

Intro:आज शनिवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गयी है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है अछरीखाल के समीप स्थित वैष्णो देवी मंदिर में सुबह से मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जा रही है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की गई यहां पर जिस जगह मां वैष्णो देवी विराजमान है वहां साफ सफाई कर मां वैष्णो देवी को शुद्ध जल से साफ किया गया उसके बाद श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी की पूजा अर्चना की शुरुआत की। मान्यता है कि जम्मू में स्थित है मां वैष्णो देवी की तरह ही यहां भी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है।


Body:नवरात्रि कि पहले दिन पौड़ी के प्रसिद्ध मंदिर वैष्णो देवी में सुबह से लोगों की भीड़ लगी रही मां के दर्शन करने के लिए महिलाएं और पुरुष भी दूर-दूर से यहां पहुंचे माना जाता है कि यहां पर स्थित मंदिर लगभग 200 साल पुराना है और उसकी स्थिति काफी जीर्ण शीर्ण थी। स्थानीय लोगों ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया और यहां पर स्थित पिंडी को जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर से पूजा करवाकर यहां स्थापित कराया उसके बाद से यहां पर दूर-दूर से लोग मां वैष्णो देवी के दर्शन करने यहां पहुंचते हैं और ऐसा भी माना जाता है कि जिस तरह से जम्मू में स्थित मां वैष्णो देवी अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करती है उसी तरह यहां पर स्थित है मां वैष्णो देवी अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करती है।


Conclusion:मंदिर के संस्थापक राजेंद्र सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि यह लगभग 200 साल पुराना मंदिर है और साल 2000 में उन्होंने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में स्थित मां वैष्णो देवी से पूजा करवा कर पिंडी को उन्होंने यहां पर स्थापित किया है और यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना भी यहां आकर पूर्ण होती है। जिस तरह जम्मू की वैष्णो देवी के दर्शन कर लोग अपनी अपनी मनोकामना मांगते हैं और मां वैष्णो देवी उन्हें पूरी करती है उसी तरह यहां पर भी लोग दूर-दूर से आकर सच्चे मन से अपनी मन्नत मांगने यहां पहुंचते हैं और मां वैष्णो देवी उनकी मनोकामना को पूर्ण भी करती है।
बाईट-पूनम राणा( श्रद्धालु)
वन टू वन- सिद्धांत उनियाल
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