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पौड़ी: कर्मचारियों ने चेताया, मांगें मान लो सरकार नहीं तो... - पौड़ी हिंदी न्यूज

पौड़ी जनपद में अधिकारी और कर्मचारी संघ ने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान कर्मचारी संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द उनकी मांगों को नहीं माना गया तो सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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Published : Jan 22, 2020, 4:58 PM IST

पौड़ी: उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आज एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने विभागों से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. जहां, उन्होंने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जल्द अपनी 6 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग की.

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वह सरकार से लंबे समय से अपनी 6 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है. अगर समय रहते उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

किया एक दिवसीय कार्य बहिष्कार.

मंच के मुख्य संयोजक सोहन सिंह रावत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं मानती है तो कर्मचारी संघ पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेंगे. इसके साथ ही कर्मचारियों ने 27 जनवरी को पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी है.

पढ़ें- पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने वाले विधेयक को राज्यपाल से हरी झंडी, जारी हुई अधिसूचना

वहीं, महिला कर्मचारी सरिता ने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड आंदोलन में मातृशक्ति की अहम भूमिका रही है, उसी तरह से उत्तराखंड में एक बार फिर महिला शक्ति मिलकर एक विशाल आंदोलन की तैयारी पर उतरेगी और जीत हासिल कर के ही रहेगी.

मंच की 6 मांगे ?

  1. वर्तमान में पदोन्नति पर लगी रोक हटाई जाए.
  2. यू हेल्थ स्मार्ट कार्ड की सुविधा केंद्र सरकार की तर्ज पर दी जाए.
  3. सरकारी सेवा में शीतली करण की पूर्ववर्ती व्यवस्था को लागू किया जाए.
  4. प्रदेश के समस्त कार्मिकों को पूरे सेवाकाल में कम से कम 3 पदोन्नति दी जाए.
  5. 1 अक्टूबर 2005 से लागू अंशदाई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था शीघ्र बहाल की जाए.
  6. स्थानांतरण अधिनियम में राज्य के कार्मिकों सेवानिवृत्ति के अंतिम वर्ष में उनके ऐच्छिक स्थान पर अनिवार्य रूप से स्थानांतरित का प्रावधान किया जाए.

पौड़ी: उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आज एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने विभागों से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. जहां, उन्होंने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जल्द अपनी 6 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग की.

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वह सरकार से लंबे समय से अपनी 6 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक है. अगर समय रहते उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

किया एक दिवसीय कार्य बहिष्कार.

मंच के मुख्य संयोजक सोहन सिंह रावत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं मानती है तो कर्मचारी संघ पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेंगे. इसके साथ ही कर्मचारियों ने 27 जनवरी को पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी है.

पढ़ें- पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने वाले विधेयक को राज्यपाल से हरी झंडी, जारी हुई अधिसूचना

वहीं, महिला कर्मचारी सरिता ने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड आंदोलन में मातृशक्ति की अहम भूमिका रही है, उसी तरह से उत्तराखंड में एक बार फिर महिला शक्ति मिलकर एक विशाल आंदोलन की तैयारी पर उतरेगी और जीत हासिल कर के ही रहेगी.

मंच की 6 मांगे ?

  1. वर्तमान में पदोन्नति पर लगी रोक हटाई जाए.
  2. यू हेल्थ स्मार्ट कार्ड की सुविधा केंद्र सरकार की तर्ज पर दी जाए.
  3. सरकारी सेवा में शीतली करण की पूर्ववर्ती व्यवस्था को लागू किया जाए.
  4. प्रदेश के समस्त कार्मिकों को पूरे सेवाकाल में कम से कम 3 पदोन्नति दी जाए.
  5. 1 अक्टूबर 2005 से लागू अंशदाई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था शीघ्र बहाल की जाए.
  6. स्थानांतरण अधिनियम में राज्य के कार्मिकों सेवानिवृत्ति के अंतिम वर्ष में उनके ऐच्छिक स्थान पर अनिवार्य रूप से स्थानांतरित का प्रावधान किया जाए.
Intro:उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच की ओर से आज एकदिवसीय कार्य बहिष्कार किया गया जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने-अपने विभागों से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे जहां उन्होंने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जल्द अपनी 6 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग की प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वह सरकार से लंबे समय से अपनी 6 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है साथ ही बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरकार सचेत रहे यदि जल्द ही उनकी मांग को नहीं माना जाता है तो सरकार दुष्परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार है। वहीं महिला कर्मचारी ने बताया कि जिस तरह से उत्तराखंड आंदोलन में मातृशक्ति के अहम भूमिका रही है उसी तरह से उत्तराखंड में एक बार फिर महिला शक्ति मिलकर एक विशाल आंदोलन की तैयारी पर उतरेगी और जीत  हासिल कर के ही रहेगी।


Body:उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच अपनी 6 सूत्रीय मांग को लेकर एक बार फिर कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्र होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह लंबे समय से सरकार से अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी ओर ध्यान तक नहीं दे रही है। मंच के मुख्य संयोजक सोहन सिंह रावत ने बताया कि वह सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना जाता है तो वह आंदोलन को और उग्र करेंगे और आगामी 27 जनवरी को पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे इस हड़ताल के बाद भी सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आगामी 2022 के चुनाव में सरकार को इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे वही महिला कर्मचारी ने बताया कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महिलाओं की अहम भूमिका रही थी और महिलाओं ने उत्तराखंड राज्य बनाकर ही दम लिया था उसी तर्ज पर अब वह अपनी 6 सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलनरत हो गई है और जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता तब तक महिला शक्ति लगातार प्रयास करती रहेंगी और अपने अधिकारों को लेकर ही दम लेंगी।
बाईट-सोहन सिंह रावत(मंज के मुख संयोजक)
बाईट- सरिता सिंह (प्रदर्शनकारी)


Conclusion:
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