श्रीनगर: उत्तराखंड आंदोलन में शहीद हुए यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत की याद में बनाया गया भक्तयाना स्थित शहीद पार्क बदहाल स्थिति में है. पूरा पार्क परिसर रेत से भरा हुआ है. प्रशासन पार्क की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. जिसको लेकर अब स्थानीय लोग प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं.
बता दें कि 2013 में आई आपदा के बाद से अब तक पार्क को फिर से बनाए जाने की सरकार ने एक भी कोशिश नहीं की है. जबकि दोनों शहीद उत्तराखंड आंदोलन के दौरान श्रीयंत्र टापू गोलीकांड में शहीद हुए थे. पार्क की ऐसी हालत देख स्थानीय लोगों में उत्तराखंड सरकार सहित नगर पालिका के खिलाफ गुस्सा है. वहीं नशेड़ियों ने पार्क को नशे का अड्डा बनाया हुआ है.
मामले में राज्य आंदोलनकारी अनिल स्वामी ने कहा कि आंदोलन के शहीदों का अपमान किया जा रहा है. उन्होंने पालिका और राज्य सरकार को उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है. वहीं नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी का कहना है कि जल्द पार्क को ठीक करने की व्यवस्था की जाएगी.
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आपको बता दें कि यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत ने 7 नवंबर 1994 से पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग के लिए आमरण अनशन आरंभ किया था, लेकिन 10 नवंबर 1994 को पुलिस की कार्रवाई के दौरान इनकी मौत हो गई. वहीं दोनों युवको के शव अलकनन्दा नदी में बहते हुए नजर आए थे. उन्हीं की याद में बना ये शहीद पार्क 2013 की आपदा के बाद से बदहाल है.