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6 साल से बदहाल स्थिति में शहीद पार्क, नगर पालिका नहीं ले रही सुध

शहीदों की याद में बना पार्क आज बदहाल स्थिति में है. जिससे स्थानीय लोगों में पालिका प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है.

martyrs park
शहीद पार्क
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Published : Dec 28, 2019, 7:18 PM IST

श्रीनगर: उत्तराखंड आंदोलन में शहीद हुए यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत की याद में बनाया गया भक्तयाना स्थित शहीद पार्क बदहाल स्थिति में है. पूरा पार्क परिसर रेत से भरा हुआ है. प्रशासन पार्क की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. जिसको लेकर अब स्थानीय लोग प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं.

बता दें कि 2013 में आई आपदा के बाद से अब तक पार्क को फिर से बनाए जाने की सरकार ने एक भी कोशिश नहीं की है. जबकि दोनों शहीद उत्तराखंड आंदोलन के दौरान श्रीयंत्र टापू गोलीकांड में शहीद हुए थे. पार्क की ऐसी हालत देख स्थानीय लोगों में उत्तराखंड सरकार सहित नगर पालिका के खिलाफ गुस्सा है. वहीं नशेड़ियों ने पार्क को नशे का अड्डा बनाया हुआ है.

शहीद पार्क की बदहाली.

मामले में राज्य आंदोलनकारी अनिल स्वामी ने कहा कि आंदोलन के शहीदों का अपमान किया जा रहा है. उन्होंने पालिका और राज्य सरकार को उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है. वहीं नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी का कहना है कि जल्द पार्क को ठीक करने की व्यवस्था की जाएगी.

ये भी पढ़ें: इस शख्स ने घर में बसाई पुरानी टिहरी, विस्थापन के जख्म पर लगाया मरहम

आपको बता दें कि यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत ने 7 नवंबर 1994 से पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग के लिए आमरण अनशन आरंभ किया था, लेकिन 10 नवंबर 1994 को पुलिस की कार्रवाई के दौरान इनकी मौत हो गई. वहीं दोनों युवको के शव अलकनन्दा नदी में बहते हुए नजर आए थे. उन्हीं की याद में बना ये शहीद पार्क 2013 की आपदा के बाद से बदहाल है.

श्रीनगर: उत्तराखंड आंदोलन में शहीद हुए यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत की याद में बनाया गया भक्तयाना स्थित शहीद पार्क बदहाल स्थिति में है. पूरा पार्क परिसर रेत से भरा हुआ है. प्रशासन पार्क की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. जिसको लेकर अब स्थानीय लोग प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं.

बता दें कि 2013 में आई आपदा के बाद से अब तक पार्क को फिर से बनाए जाने की सरकार ने एक भी कोशिश नहीं की है. जबकि दोनों शहीद उत्तराखंड आंदोलन के दौरान श्रीयंत्र टापू गोलीकांड में शहीद हुए थे. पार्क की ऐसी हालत देख स्थानीय लोगों में उत्तराखंड सरकार सहित नगर पालिका के खिलाफ गुस्सा है. वहीं नशेड़ियों ने पार्क को नशे का अड्डा बनाया हुआ है.

शहीद पार्क की बदहाली.

मामले में राज्य आंदोलनकारी अनिल स्वामी ने कहा कि आंदोलन के शहीदों का अपमान किया जा रहा है. उन्होंने पालिका और राज्य सरकार को उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है. वहीं नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी का कहना है कि जल्द पार्क को ठीक करने की व्यवस्था की जाएगी.

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आपको बता दें कि यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत ने 7 नवंबर 1994 से पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग के लिए आमरण अनशन आरंभ किया था, लेकिन 10 नवंबर 1994 को पुलिस की कार्रवाई के दौरान इनकी मौत हो गई. वहीं दोनों युवको के शव अलकनन्दा नदी में बहते हुए नजर आए थे. उन्हीं की याद में बना ये शहीद पार्क 2013 की आपदा के बाद से बदहाल है.

Intro:उतराखण्ड आंदोलन में शहिद हुए यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत की याद में बनाया गया भक्तयाना स्थित सहीद पार्क अपने बदहाली के दिनों से गुजर रहा है।2013 में आई आपदा के बाद से अब तक पार्क को फिर से बनाए जाने की एक भी सरकारी कोसिस नही की गयी है जबकि दोनो सहित उतराखण्ड आंदोनल के दौरान श्रीयंत्र टापू गोली कांड में सहीद हुए थे।जिससे स्थानीय लोगो मे उतराखण्ड सरकार सहित नगर पालिका के खिलाफ खासा गुस्सा है।


Body:उतराखण्ड आंदोनल में सहीद हुए यशोधर बेंजवाल ओर राजेश रावत ने अपनी सहादत देकर उतराखण्ड बनाने के लिए अपनी सहादत दी लेकिन उनकी याद में बनाया गया सहीद पार्क अपने बदहाली के दिन काट रहा है ।पूरे पार्क परिसर रेत से पट्टा हुआ है ।नसे के आदि युवक यहां दिन रात रहते है नशेड़ियों ने पार्क को नशे का अड्डा बनाया हुआ है लेकिन पार्क की सुध लेने वाला कोई नही है स्थानीय लोग पार्क की व्यवस्थाओं को ठीक करने की मांग को लेकर कई बार आदिकरियो के चक्कर काट चुके है लेकिन पार्क की सुध किसी ने ना ली ,राज्य आंदोलनकारी अनिल स्वामी का कहना है कि राज्य में आदोंलित हुए सहीदो का अपमान किया जा रहा है उन्होंने पालिका ओर राज्य सरकार को चेतावनी दी कि जल्द पार्क को ठीक ना किया गया तो जनता उग्र आंदोलन करेगी।


Conclusion:वही नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी का कहना है कि जल्द पार्क को ठीक करने की व्यवस्था की जाएगी।

आपको बता दे कि यशोधर बेंजवाल ओर राजेश रावत ने 7 नवम्बर 1994 से पृथक उतराखण्ड राज्य की मांग के लिए आमरण अनशन आरम्भ किया था।लेकिन 10 नवम्बर 1094 को पुलिस की कार्यवाही के दौरान इनकी मौत हो गयी दोनो युवको के सव अलकनन्दा नदी में बहते हुए नज़र आये।

उन्ही की याद में बना ये सहिदी पार्क 2013 की आपदा से रेत में तब्दील है लेकिन इस पार्क पर आज तक किसी सरकार ने अपनी नज़रे इनायत नही की ।

बाइट-अनिल स्वामी राज्य आंदोलनकारी
बाइट- सुनील राज अधिशासी अधिकारी
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