श्रीनगरः इन दिनों महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत रेलवे लाइन निर्माण कार्य जारी है, लेकिन नैथाणा, रानीहाट के रेलवे प्रभावित विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं. अब इस रेलवे स्टेशन का नाम श्रीनगर के बजाय रानीहाट-नैथाणा किए जाने की मांग को लेकर तीनों ग्राम पंचायतों के बीच सहमति बन गई है. रेलवे प्रशासन ने भी प्रभावितों को एक महीने का आश्वासन दिया. वहीं, आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने रेलवे का निर्माण कार्य रुकवाने के विरोध से पीछे हट गए हैं, लेकिन रोजगार समेत अन्य मांग को लेकर धरना जारी है.
बुधवार को परियोजना से प्रभावित रानीहाट-नैथाणा के ग्रामीणों ने रेलवे स्टेशन का नाम रानीहाट-नैथाणा किए जाने की मांग को लेकर धरना दिया. साथ ही प्रशासन और रेलवे बोर्ड की ओर से सकारात्मक कार्रवाई न होने पर ग्रामीणों ने विरोध भी जताया. इतना ही नहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने परियोजना का कार्य रुकवाकर जमकर प्रदर्शन किया. जिसके बाद मौके पर पहुंची नायब तहसीलदार साक्षी उपाध्यक्ष, राजस्व उप निरीक्षक राय सिंह ने प्रभावितों की मांग को सुना. रेलवे के सीनियर डीजीएम पीपी बडोगा ने बताया कि रेलवे स्टेशन का नाम रानीहाट-नैथाणा के नाम पर किए जाने को लेकर तीन ग्राम पंचायतों मे सहमति बन गई है.
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ग्रामीणों ने बताया कि वो बीते आठ महीने से रेलवे स्टेशन का नाम रानीहाट-नैथाणा के नाम पर किए जाने की मांग को लेकर धरना दे रहे थे, लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन व रेलवे बोर्ड की ओर से उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था. ग्राम प्रधान नैथाणा आशा देवी, पूर्व ग्राम प्रधान रानीहाट मनोज जोशी ने कहा कि साल 2017 में आरएंडआर योजना की बैठक हुई थी. जिसमें प्रशासन और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की मध्यस्थता में हुई बैठक में रेलवे स्टेशन का नाम रानीहाट-नैथाणा पर रखे जाने को लेकर तीनों ग्राम पंचायतों में सहमति बनी थी, लेकिन अब रेलवे स्टेशन के नाम को लेकर राजनीति की जा रही है. उन्होंने कहा कि स्थायी रोजगार की मांग को लेकर उनका धरना जारी रहेगा.