कोटद्वार: काशीरामपुर तल्ला में रविवार को खोह नदी में नहाते समय दो बच्चों की मौत पर अब जांच की मांग उठनी शुरू हो गई है. वहीं, इस घटना पर यूकेडी के जिला प्रभारी ने मासूम बच्चों की मौत की उच्चस्तरीय मजिस्ट्रेट जांच की मांग उठाते हुए जिला प्रशासन पर कई आरोप लगाए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह सीधा-सीधा हत्या का मामला बनता है. इसलिए पट्टे धारक पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए.
बता दें कि कोटद्वार तहसील के काशीरामपुर तल्ला में रविवार को खोह नदी में नहाते समय दो मासूम बच्चों कि खनन माफिया द्वारा खोदे गए गड्ढों में गिरने से मौत हो गई थी. वहीं, इस घटना पर स्थानीय प्रशासन का कहना था कि नदी का अचानक जलस्तर बढ़ने से बच्चों की मौत हुई है लेकिन, यूकेडी के जिला प्रभारी ने अब बच्चों की मौत की उच्चस्तरीय मजिस्ट्रेट जांच कराने कि मांग उठाई है.
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यूकेडी के जिला प्रभारी महेंद्र सिंह रावत कहना है नदी में पानी न होने पर भी उसमें बच्चे डूब रहे हैं, जहां उनकी मौत भी हो जाती है और प्रशासन कहता है कि नदी का जलस्तर बढ़ने से बच्चों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि खोह नदी में रिवर ट्रेनिंग नीति के तहत चैनलाइज का कार्य किया जा रहा है. जिसमें खनन माफिया ने नदी में 3 मीटर की जगह 10 से 15 मीटर गहरे गड्ढे बना दिए हैं और उन गड्ढों में पत्थर भर दिए हैं, जो कि झील का रूप ले चुके हैं. जिसमें उन बच्चों के फंस जाने से उनकी मौत हुई है.
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वहीं, इस घटना पर उपजिलाधिकारी कोटद्वार ने बताया कि दो बच्चे काशीरामपुर तल्ला में खोह नदी में नहा रहे थे, तभी नदी का जलस्तर बढ़ गया और बच्चे उसमें डूब गए. जिस कारण उनकी मौत हो गई थी.