पौड़ी: दो सगे भाइयों को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने दोषी करार दिया है. मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) की अदालत ने दोनों भाईयों को 20-20 साल के कारावास की सजा सुनाई है. दोनों भाईयों पर अर्थदंड भी लगाया गया है. विशेष सत्र अभियोजक (पॉक्सो) बिजेंद्र सिंह रावत के अनुसार घटना साल 2018 की है. घर के पास टीवी देखने गई 12 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म हुआ था.
अभियुक्त पीड़िता के मुंहबोले चाचा बताये जा रहे हैं. विशेष सत्र अभियोजक (पॉक्सो) बिजेंद्र सिंह रावत के अनुसार मामला तब प्रकाश में आया जब नाबालिग का स्वास्थ्य खराब हुआ. उसके परिजन उसे उपचार के लिए दिल्ली ले गये. जहां चेकअप के बाद पता चला कि पीड़िता छह महीने से गर्भवती है. इस पर डाक्टरों ने नाबालिक के गर्भधारण की सचूना स्थानीय थाने को दी. इस पर दिल्ली के स्थानीय थाने की महिला उपनिरीक्षक ने पीड़िता के बयान के आधार पर अभियुक्त मनोज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
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पीड़िता ने पुलिस को बताया कि गांव के ही मनोज ने उसके साथ तब दुष्कर्म किया, जब वह घर के पास ही मनोज के घर टीवी देखने गई थी. पुलिस ने अभियुक्त के डीएनए को लैब भेजा. जहां से रिर्पोट में यह तथ्य आया कि अभियुक्त मनोज बच्चे का जैविक पिता नहीं है. विशेषज्ञों की रिपोर्ट में यह पता चला कि बच्चे का जैविक पिता अभियुक्त के वंश क्रम में हो सकता है. तब पुलिस ने अभियुक्त के परिवार के दस लोगों का डीएनए सैंपल प्रयोगशाला भेजा. जहां अभियुक्त के भाई भरत सिंह का सैंपल का मिलान हुआ. उसे ही बच्चे का जैविक पिता बताया गया.
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इसके बाद पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान में यह बताया कि अभियुक्त मनोज के भाई भरत सिंह ने भी उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया था. पीड़िता के बयान के आधार पर अभियुक्त भरत सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायधीश (पॉक्सो) आशीष नैथानी ने अभियुक्त मनोज को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाते हुए बीस साल का कारावास व 50 हजार का जुर्माना लगाया. भरत सिंह को भी 20 साल का कारावास व 75 हजार का अर्थदंड लगाया है.