कोटद्वार: टिहरी हादसे के बाद उत्तराखंड परिवहन विभाग कुंभकरणी नींद से जाग गया है. टिहरी में हुए हादसे के बाद परिवहन विभाग और पुलिस ने प्रदेश भर में संयुक्त चेकिंग अभियान किया शुरू किया है. जिसके तहत 50 से भी ज्यादा वाहनों का चालान कर उन्हें सीज किया गया. इस दौरान चेकिंग टीम ने सड़कों पर दौड़ रहे दोपहिया और चार पहिया वाहनों के कागजात, ड्राइविंग लाइसेंस, ड्रिंक एंड ड्राइविंग में एल्कोमीटर से चालक का परीक्षण किया. साथ ही क्षमता से अधिक सवारी ले जा रहे कई वाहनों के चालान भी किया.
बता दें कि जुलाई 2018 में कोटद्वार से धुमाकोट जा रही एक बस गहरी खाई में गिर गई थी. जिसमें 48 लोगों की मौत हुई थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने परिवहन और पुलिस विभाग को जमकर फटकार लगाई थी. उस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बात भी कही थी. इस घटना के बाद तत्कालीन धुमाकोट एसएचओ को लाइन हाजिर करने के साथ ही एक परिवहन विभाग के अधिकारी का भी ट्रांसफर कर दिया था. साल भर बीत जाने के बाद एक बार फिर से टिहरी जिले में बड़ी सड़क दुर्घटना हुई. जिसमें नौ मासून बच्चों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा .
वहीं, एक बार फिर से बड़ी सड़क दुर्घटना के बाद परिवहन और पुलिस विभाग जागा है. इन विभागों ने एक बार फिर से चेकिंग अभियान शुरू किया है.परिवहन कर अधिकारी शशि दुबे का कहना है कि इस दौरान कई स्कूलों की बसों की चेकिंग की गई. जिसमें पाया गया कि कई स्कूल बच्चों को लाने ले जाने के लिए प्राइवेट बसों का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिनमें से कई बसों की फिटनेस भी खत्म हो चुकी है. जिन्हें विभाग ने सीज कर दिया है. उन्होंने बताया कि विभाग लगातार इस तरह के वाहन स्वामियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.
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इस मामले में शशि दुबे ने कहा कि अगर कोई वाहन ओवरलोड करता है या फिर नियमों के विरुद्ध काम करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.