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जानिये कहां लग रहा है प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मुहिम को पलीता

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Published : Dec 8, 2019, 5:20 PM IST

Updated : Dec 8, 2019, 6:07 PM IST

कोटद्वार के औद्योगिक संस्थान दुगड्डा में शौचालय की हालत बेहद खराब है. किसी सरकारी दफ्तर में शौचालय की ऐसी हालत होना स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रही है.

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यहां प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मुहिम को लग रहा पलीता

कोटद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मुहिम पर सरकारी कर्मचारी ही पलीता लगाने पर तुले हैं. ताजा मामला राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का है. औद्योगिक संस्था दुगड्डा की बिल्डिंग में स्थित शौचालय पिछले कई वर्षो से बदहाल स्थिति में हैं. लेकिन संस्थान के उच्चाधिकारियों की नजरें इन शौचालय की ओर कभी नहीं पड़ती. इसकी बानगी शौचालय की गंदगी से लग सकता है. ऐसे में अध्यापक और प्रशिक्षण ले रहे छात्र-छात्राओं में संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना हुआ है.

यहां प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मुहिम को लग रहा है पलीता

साल 2012 दिसंबर माह में एक करोड़ 32 लाख की लागत से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दुगड्डा के भवन का निर्माण हुआ था. भवन में कहीं कमरों की फर्श उखड़ रही है तो कहीं शौचालय बेहद खराब हालत में है. जबकि, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दुगड्डा में 7 ट्रेडों पर ड्राफ्टमैन सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोटर मैकेनिक, वायरमैन, आशुलिपि हिंदी, फीटर और इलेक्ट्रीशियन के लगभग 232 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण ले रहे हैं. अध्यापन स्टॉफ में अब आस जगी है क्योंकि विश्व बैंक ने राज्य में 25 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के जीर्णोंद्धार करने का सर्वे पूरा कर लिया है. ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले समय में जल्दी ही दुगड्डा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एक मॉडल संस्था के रूप से उभर कर सामने आएगा.

पढ़ेंः हल्द्वानी: प्रशासन कर रहा छापेमारी, प्याज की जमाखोरी करने वालों की खैर नहीं

संस्थान के अंदर शौचालय की गंदगी और जीर्णशीर्ण हालत में भवनों की स्थिति पर संस्थान के फोरमैन त्रिलोकचंद सुंदरियाल का कहना है कि विश्व बैंक का फेस-2 का सर्वे पूरा कर लिया गया है. इसके बाद हमें उम्मीद है कि हमारा आईटीआई कॉलेज दुगड्डा बहुत अच्छी स्थिति में आ जाएगा. अभी फिलहाल हमारे शौचालयों की हालत ठीक नहीं है. हम उन्हें ठीक कराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन जब विश्व बैंक द्वारा जीर्णोद्धार का कार्य होगा तो सब कुछ सही हो जाएगा.

कोटद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मुहिम पर सरकारी कर्मचारी ही पलीता लगाने पर तुले हैं. ताजा मामला राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का है. औद्योगिक संस्था दुगड्डा की बिल्डिंग में स्थित शौचालय पिछले कई वर्षो से बदहाल स्थिति में हैं. लेकिन संस्थान के उच्चाधिकारियों की नजरें इन शौचालय की ओर कभी नहीं पड़ती. इसकी बानगी शौचालय की गंदगी से लग सकता है. ऐसे में अध्यापक और प्रशिक्षण ले रहे छात्र-छात्राओं में संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना हुआ है.

यहां प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मुहिम को लग रहा है पलीता

साल 2012 दिसंबर माह में एक करोड़ 32 लाख की लागत से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दुगड्डा के भवन का निर्माण हुआ था. भवन में कहीं कमरों की फर्श उखड़ रही है तो कहीं शौचालय बेहद खराब हालत में है. जबकि, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दुगड्डा में 7 ट्रेडों पर ड्राफ्टमैन सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोटर मैकेनिक, वायरमैन, आशुलिपि हिंदी, फीटर और इलेक्ट्रीशियन के लगभग 232 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण ले रहे हैं. अध्यापन स्टॉफ में अब आस जगी है क्योंकि विश्व बैंक ने राज्य में 25 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के जीर्णोंद्धार करने का सर्वे पूरा कर लिया है. ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले समय में जल्दी ही दुगड्डा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एक मॉडल संस्था के रूप से उभर कर सामने आएगा.

पढ़ेंः हल्द्वानी: प्रशासन कर रहा छापेमारी, प्याज की जमाखोरी करने वालों की खैर नहीं

संस्थान के अंदर शौचालय की गंदगी और जीर्णशीर्ण हालत में भवनों की स्थिति पर संस्थान के फोरमैन त्रिलोकचंद सुंदरियाल का कहना है कि विश्व बैंक का फेस-2 का सर्वे पूरा कर लिया गया है. इसके बाद हमें उम्मीद है कि हमारा आईटीआई कॉलेज दुगड्डा बहुत अच्छी स्थिति में आ जाएगा. अभी फिलहाल हमारे शौचालयों की हालत ठीक नहीं है. हम उन्हें ठीक कराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन जब विश्व बैंक द्वारा जीर्णोद्धार का कार्य होगा तो सब कुछ सही हो जाएगा.

Intro:summary प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मुहिम पर सरकारी कर्मचारी ही पलीता लगाने पर तुले हुए हैं ताजा मामला राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का है, औद्योगिक संस्था दुगड्डा की बिल्डिंग में स्थित शौचालय पिछले कई वर्षो से सड़ रहे है, लेकिन औद्योगिक संस्थान के उच्च अधिकारी की नजर इन शौचालय की ओर नहीं पड़ती है शौचालयों की सड़न से वहां प्रशिक्षण दे रहे हैं अध्यापक और प्रशिक्षण ले रहे छात्र-छात्राओं में संक्रमण रोग फैलने का खतरा बना हुआ है।


intro kotdwar वर्ष 2012 दिसंबर माह में एक करोड़ 32 लाख की लागत से निर्मित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दुगड्डा के भवन को बने सिर्फ 8 वर्ष ही गुजरे हैं, लेकिन भवन में कहीं कमरों की फर्श उखड़ रही है तो कहीं शौचालय सड़ रहे, जबकि राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दुगड्डा में 7 ट्रेडों पर ड्राफ्टमैन सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोटर मैकेनिक, वायरमैन, आशुलिपि हिंदी, फीटर और इलेक्ट्रीशियन के लगभग 232 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण ले रहे है। अब आस जगी है जब विश्व बैंक ने राज्य में 25 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का जीर्णोद्धार करने का 2 फेस की सर्वे पूरी कर ली है लगता है कि आने वाले समय में जल्दी ही दुगड्डा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एक मॉडल संस्था के रूप से उभर कर सामने आयेगा।


Body:वीओ1- वहीं पूरे मामले पर औद्योगिक शिक्षण संस्थान दुगड्डा के फोरमैन त्रिलोकचंद सुंद्रियाल ने बताया कि उत्तराखंड की 25 आईटीआई को विश्व बैंक के द्वारा फाइनेंस हो रही है, जिसमें एक हमारा आरटीआई दुगड्डा भी है विश्व बैंक के द्वारा 2 फेस का सर्वे कर लिया गया है, उसके बाद हमें उम्मीद है कि हमारा आईटीआई कॉलेज दुगड्डा बहुत अच्छी स्थिति में आ जाएगा, अभी फिलहाल हमारे शौचालयों की हालत ठीक नहीं है हम कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें सही करवाने की, लेकिन जब विश्व बैंक के द्वारा जीर्णोद्धार का कार्य होगा तो सभी कुछ सही हो जाएगा, विश्व बैंक के द्वारा पौड़ी जिले के दो आईटीआई कॉलेजों को सुधार का कार्य होना है उसके बाद निश्चित रूप से आईटीआई कालेज मॉडल आईटीआई के रूप में निखर कर सामने आएगा और वर्ल्ड लेवल का स्टेटस का हो जाएगा।

बाइट त्रिलोक चंद्र सुन्द्रियाल फोरमैन


Conclusion:
Last Updated : Dec 8, 2019, 6:07 PM IST

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