ऋषिकेश: अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari murder) को लेकर लोगों का गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा है. लोगों को अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी पर शायद भरोसा नहीं है. इसीलिए वे सीबीआई जांच की मांग कर रहे (demand CBI inquiry) हैं. सीबीआई जांच की मांग को लेकर 18 अक्टूबर अंकिता के गांव से ऋषिकेश होते हुए वनंत्रा रिसॉर्ट तक तिरंगा यात्रा निकाली गई (Tiranga Yatra to demand CBI inquiry). लेकिन पुलिस ने तिरंगा यात्रा को बैराज पुल पर ही रोक लिया. इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर बहस हुई. वहीं, पुलिस ने 32 लोगों को हिरासत में भी लिया था, जिन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया है.
अंकिता भंडारी हत्याकांड में सीबीआई जांच और वीआईपी का नाम उजागर करने की मांग को लेकर तमाम छात्र संगठन श्रीनगर से पैदल तिरंगा यात्रा लेकर ऋषिकेश पहुंचे. ऋषिकेश पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने तिरंगा रैली को अपना समर्थन दिया और उनके साथ गंगा भोगपुर स्थित अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के रिसॉर्ट की ओर चल दिए.
प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका: बैराज पुल पर सुरक्षा की दृष्टि से लक्ष्मण झूला थाना पुलिस ने लोगों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया, जिससे लोग नाराज हो गए. उन्होंने पुल पर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. देखते ही देखते लोग उग्र हो गए और उनकी पुलिस के साथ झड़प होने लगी. दोनों ओर से धक्का-मुक्की के बीच एक युवक के सिर से अचानक खून निकलने लगा.
युवक का सिर फोड़ा: लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने डंडा मारकर युवक का सिर फोड़कर लहूलुहान कर दिया. महिलाएं भी इस बीच सड़क पर बैठकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने लगी. जिनको महिला पुलिसकर्मियों ने काफी समझाने का प्रयास किया, मगर वह रिसॉर्ट जाने के मांग पर अड़ी रहीं.
पढ़ें- उत्तराखंड के अंकिता मर्डर केस में DNA रिपोर्ट आई, रेप की पुष्टि नहीं, चार्जशीट लगभग तैयार
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने और मामले में वीआईपी का नाम उजागर करने की मांग को फिर से दोहराया. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि वीआईपी का नाम जानबूझकर छुपाया जा रहा है. क्योंकि वीआईपी कोई और नहीं बल्कि आरएसएस का कोई बड़ा पदाधिकारी है.
उन्होंने कहा कि वह जल्दी ही मामले में आमरण अनशन पर बैठेंगे. वहीं प्रदर्शनकारी जितेंद्र पाल ने कहा कि वह शांतिपूर्ण तरीके से गंगा भोगपुर में रिसॉर्ट और अंकिता के हत्या स्थल पर जाकर अपनी श्रद्धांजलि देना चाहते थे. मगर पुलिस ने जानबूझकर तिरंगा यात्रा को रोककर अराजकता फैलाने का काम किया है.
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी: पौड़ी गढ़वाल के एडिशनल एसपी शेखर सुयाल ने बताया कि रिसॉर्ट पर किसी भी व्यक्ति का जाना प्रतिबंधित है. क्योंकि रिसॉर्ट अभी पुलिस के देखरेख में है और एसआईटी की जांच चल रही है. इसलिए लोगों को रिसॉर्ट पर जाने से रोका गया. मगर वह उग्र होकर पुलिस के साथ ही झड़प करने लगे. मजबूरी में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को गिरफ्तार कर लक्ष्मण झूला थाने पहुंचा दिया है.
पढ़ें- अंकिता हत्याकांड: SIT जांच से पिता संतुष्ट नहीं, CBI जांच की मांग
क्या है मामला: पौड़ी जिले की रहने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिसॉर्ट के बीजेपी के बड़े नेता जिसे पार्टी में इस केस के बाद निष्कासित कर दिया था विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का है.
आरोप है कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर दबाव बनाया था कि वो रिसॉर्ट में आने वाले वीआईपी गेस्ट को स्पेशल सर्विस (गलत काम) दे, जिसके लिए अंकिता ने मना कर दिया था. इसी बात को लेकर बीती 18 सितंबर को अंकिता और पुलकित भी बहस भी हुई थी. अंकिता ने रिसॉर्ट छोड़ने का मन भी बना लिया था.
दरअसल, पुलकित को डर था कि अंकिता उसकी और रिसॉर्ट में हो रहे अनैतिक कामों की पोल खोल देगी. इसी डर से पुलकित 18 सितंबर शाम को अंकिता को किसी बहाने से ऋषिकेश की तरह लेकर गया और बीच रास्ते में चीला नदी में धक्का देकर मार दिया. इस घिनौने कृत्य में पुलकित का साथ उसके दो मैनजरों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने दिया था.
तीनों ने राजस्व पुलिस, अंकिता के दोस्त और उसके माता-पिता को काफी गुमराह करने की प्रयास किया, लेकिन उसमें तीनों कामयाब नहीं हो पाए. शक के आधार पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ की. आखिर में तीनों से सच बता दिया, जिसके बाद पुलिस ने 24 सितंबर सुबह को चीला नगर से अंकिता का शव बरामद किया. अभी दिनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद है.
इस मामले की जांच के लिए सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया है, लेकिन प्रदेश की जनता और अंकिता के पिता एसआईटी जांच से संतुष्ट नहीं है. इसीलिए वो लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रही है. मंगलवार को सरकार बार दबाव बनाने के लिए अंकिता के घर से वनंत्रा रिसॉर्ट तक तिरंगा यात्रा निकाली गई थी.