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पौड़ी में Tiger Terror के चलते 25 गांवों में लगा नाइट कर्फ्यू, धारा-144 लागू, शिक्षण संस्थाएं बंद

पौड़ी के धुमाकोट और रिखणीखाल तहसील के 25 गांवों में बाघों के आतंक के चलते नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. इसके साथ ही इन इलाकों में शिक्षण संस्थाएं बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं. पूरे इलाके में धारा-144 का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है.

Tiger Terror in Pauri
पौड़ी में टाइगर का टेरर
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Published : Apr 17, 2023, 8:03 PM IST

Updated : Apr 17, 2023, 9:42 PM IST

टाइगर टेरर के चलते 25 गांवों में लगा नाइट कर्फ्यू.

पौड़ी: गढ़वाल वन प्रभाग एवं कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे गांवों में बांधों का आतंक बना हुआ है. कॉर्बेट पार्क से लगे 25 गांवों में पिछले कई दिनों से पांच बाघों का एक झुंड दिखाई दे रहा है. लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र के नैनीडांडा, रिखणीखाल, धुमाकोट ब्लॉक में बाघों ने अब तक दो लोगों को अपना निवाला बनाया है. बाघ क्षेत्र के दर्जनों गांवों में 20 से अधिक मवेशियों को निवाला बना चुके हैं. वहीं बाघों की धमक से लोगों में खौफ का माहौल है. जिसके बाद 25 गांवों में 11 घंटे का रात्रि कर्फ्यू के साथ-साथ धारा-144 लागू कर दिया गया है. इसके साथ ही डीएम ने लैंसडाउन विधानसभा के रिखणीखाल तहसील के अंतर्गत डल्ला गांव पहुंचे. जहां उन्होंने बाघ के हमले में पीड़ित परिवार के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

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प्रभावित गांवों का जायजा लेते जिलाधिकारी.

वहीं, जिलाधिकारी पौड़ी ने लैंसडाउन वन प्रभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन की टीम से बातचीत कर मामले की जानकारी है. जिलाधिकारी पौड़ी डॉ आशीष चौहान ने जानकारी दी की लैंसडाउन विधानसभा में बाघों के झुंड द्वारा दो मानव क्षति की घटना हुई हैं. ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पौड़ी जिले की धुमाकोट और रिखणीखाल तहसील के कई गांवों के आसपास के इलाकों में एक बाघ के घूमने से वहां के लोगों का सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. हमने ऐसी टीमें बनाई हैं जिनमें डीएफओ के अधिकारी शामिल हैं और बाघ की निगरानी कर रहे हैं. इसके साथ ही स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं और बाघों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.

ये भी पढ़ें: पौड़ी जिले में बाघों का आतंक, दो लोगों को बना चुके शिकार, दर्जनों गांवों में लगा रात्रि कर्फ्यू

वहीं, डीएम ने क्षेत्र में उच्च शैक्षणिक संस्थान, प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के आदेश जारी कर दिये गये है. इसके साथ ही वन विभाग की टीम को पिंजरा लगाने और जिला प्रशासन की टीम को गांवों में सोलर लाइटों को लगाने का आदेश भी दिया है. लोगों की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने धुमाकोट तहसील और रिखणीखाल तहसील क्षेत्र में धारा 144 लगा गिया गया है.

इसके साथ ही जिला पशुपालन विभाग को निर्देशित किया गया कि क्षेत्र में पशुपालकों के लिए चारें की उचित व्यवस्था बनाई जाएं. वहीं, डीएम ने संबंधित क्षेत्र के डीएफओ को क्षेत्र में पिंजरों की संख्या बढ़ाने, कैमरा ट्रैप लगाने और जिम कॉर्बेट के विशेषज्ञों से संपर्क कर दो ट्रैंक्यूलाइजर टीमों को साथ-साथ 10 किमी परिधि का जीपीएस मैप तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

जिलाधिकारी ने समस्या का उचित समाधान न होने तक धारा-144 जारी रखने को कहा. उन्होंने गांव से बाघ को दूर रखने के लिए तैनात फॉरेस्ट कर्मियों को बम एवं पटाखे उपलब्ध कराने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने डीएफओ को क्षेत्र में फॉरेस्ट गार्ड बढ़ाने एवं बाघ के पकड़े जाने तक क्षेत्र के ग्रामीणों से निरंतर संपर्क हेतु कंट्रोल रूम स्थापित करने
के निर्देश दिए हैं.

टाइगर टेरर के चलते 25 गांवों में लगा नाइट कर्फ्यू.

पौड़ी: गढ़वाल वन प्रभाग एवं कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे गांवों में बांधों का आतंक बना हुआ है. कॉर्बेट पार्क से लगे 25 गांवों में पिछले कई दिनों से पांच बाघों का एक झुंड दिखाई दे रहा है. लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र के नैनीडांडा, रिखणीखाल, धुमाकोट ब्लॉक में बाघों ने अब तक दो लोगों को अपना निवाला बनाया है. बाघ क्षेत्र के दर्जनों गांवों में 20 से अधिक मवेशियों को निवाला बना चुके हैं. वहीं बाघों की धमक से लोगों में खौफ का माहौल है. जिसके बाद 25 गांवों में 11 घंटे का रात्रि कर्फ्यू के साथ-साथ धारा-144 लागू कर दिया गया है. इसके साथ ही डीएम ने लैंसडाउन विधानसभा के रिखणीखाल तहसील के अंतर्गत डल्ला गांव पहुंचे. जहां उन्होंने बाघ के हमले में पीड़ित परिवार के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

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प्रभावित गांवों का जायजा लेते जिलाधिकारी.

वहीं, जिलाधिकारी पौड़ी ने लैंसडाउन वन प्रभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन की टीम से बातचीत कर मामले की जानकारी है. जिलाधिकारी पौड़ी डॉ आशीष चौहान ने जानकारी दी की लैंसडाउन विधानसभा में बाघों के झुंड द्वारा दो मानव क्षति की घटना हुई हैं. ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पौड़ी जिले की धुमाकोट और रिखणीखाल तहसील के कई गांवों के आसपास के इलाकों में एक बाघ के घूमने से वहां के लोगों का सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. हमने ऐसी टीमें बनाई हैं जिनमें डीएफओ के अधिकारी शामिल हैं और बाघ की निगरानी कर रहे हैं. इसके साथ ही स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं और बाघों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.

ये भी पढ़ें: पौड़ी जिले में बाघों का आतंक, दो लोगों को बना चुके शिकार, दर्जनों गांवों में लगा रात्रि कर्फ्यू

वहीं, डीएम ने क्षेत्र में उच्च शैक्षणिक संस्थान, प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के आदेश जारी कर दिये गये है. इसके साथ ही वन विभाग की टीम को पिंजरा लगाने और जिला प्रशासन की टीम को गांवों में सोलर लाइटों को लगाने का आदेश भी दिया है. लोगों की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने धुमाकोट तहसील और रिखणीखाल तहसील क्षेत्र में धारा 144 लगा गिया गया है.

इसके साथ ही जिला पशुपालन विभाग को निर्देशित किया गया कि क्षेत्र में पशुपालकों के लिए चारें की उचित व्यवस्था बनाई जाएं. वहीं, डीएम ने संबंधित क्षेत्र के डीएफओ को क्षेत्र में पिंजरों की संख्या बढ़ाने, कैमरा ट्रैप लगाने और जिम कॉर्बेट के विशेषज्ञों से संपर्क कर दो ट्रैंक्यूलाइजर टीमों को साथ-साथ 10 किमी परिधि का जीपीएस मैप तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

जिलाधिकारी ने समस्या का उचित समाधान न होने तक धारा-144 जारी रखने को कहा. उन्होंने गांव से बाघ को दूर रखने के लिए तैनात फॉरेस्ट कर्मियों को बम एवं पटाखे उपलब्ध कराने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने डीएफओ को क्षेत्र में फॉरेस्ट गार्ड बढ़ाने एवं बाघ के पकड़े जाने तक क्षेत्र के ग्रामीणों से निरंतर संपर्क हेतु कंट्रोल रूम स्थापित करने
के निर्देश दिए हैं.

Last Updated : Apr 17, 2023, 9:42 PM IST
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