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ऑक्टेव फेस्टिवल: पहाड़ों पर छटा बिखेर रही उत्तर पूर्वी राज्यों की संस्कृति, 250 फनकार दिखा रहे हुनर

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Published : May 21, 2022, 12:55 PM IST

Updated : May 21, 2022, 3:50 PM IST

श्रीनगर गढ़लवाल में 20 से 23 मई तक चलने वाले ऑक्टेव फेस्टिवल ऑफ नॉर्थ ईस्ट का उद्घाटन पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने किया. इस कार्यक्रम में 8 राज्यों के 250 कलाकार हुनर दिखा रहे हैं. उत्तर पूर्व क्षेत्र की संस्कृति और समृद्ध विरासत प्रदर्शित करने के मकसद से ऑक्टेव फेस्टिवल का आयोजन हर साल संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से करवाया जाता है. भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में आठ राज्य शामिल हैं- असम, त्रिपुरा, अरुणाचल, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और सिक्किम, इसलिए इस फेस्टिवल का नाम ऑक्टेव रखा गया है.

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8 राज्यों के 250 कलाकार दिखा रहे हुनर

श्रीनगर: भारत सरकार द्वारा तीन दिवसीय ऑक्टेव फेस्टिवल ऑफ द नॉर्थ ईस्ट का आयोजन श्रीनगर गढ़वाल में चल रहा है. इस फेस्टिवल का उद्घाटन सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने किया. 8 राज्यों के कलाकर इस फेस्टिवल में शिरकत कर रहे हैं, जिसमें असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर एवं सिक्किम के 250 से ज्यादा कलाकार शामिल हैं. ऑक्टेव फेस्टिवल ऑफ द नॉर्थ ईस्ट कार्यक्रम के पहले दिन असम, नागालैंड, मणिपुर के सांस्कृतिक लोक नृत्यों का आयोजन किया गया, जिसे देखने के लिये सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे. लोगों ने आयोजित कार्यक्रम का लुत्फ उठाया.

इस दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम अन्य राज्यों की संस्कृति को एक दूसरे के साथ साझा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इससे पर्यटन की संभावनाएं बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि ऑक्टेव फेस्टिवल के जरिये उत्तराखंड के लोग भी नॉर्थ ईस्ट की लोक संस्कृति को समझ पाएंगे.

जानकारी देते मंत्री सतपाल महाराज.

ऑक्टेव-2022 के आयोजन में उत्तर पूर्व क्षेत्र के कलाकारों और कारीगरों को उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक सही मंच प्रदान करने के लिए संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने ऑक्टेव फेस्टिवल ऑफ द नॉर्थ ईस्ट की शुरुआत की थी. इस क्षेत्र में आठ राज्य शामिल हैं असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और सिक्किम, इसलिए इसका नाम ऑक्टेव रखा गया है.

octave-festival
ऑक्टेव फेस्टिवल ऑफ नॉर्थ ईस्ट.
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ऑक्टेव फेस्टिवल में प्रस्तुति देते कलाकार.

दूरी और भौगोलिक सीमाओं के कारण शेष भारत उत्तर पूर्वी राज्यों की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और कलात्मक अभिव्यक्तियों से पर्याप्त रूप से परिचित नहीं हो सका है, ऐसे में ऑक्टेव फेस्टिवल लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए एक मंच प्रदान किया है. संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऑक्टेव उत्सव क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) हर वर्ष अपने सदस्य राज्यों में से एक में आयोजित करवाता है.
पढ़ें- श्रीनगर में तीन दिवसीय ऑक्टेव फेस्टिवल का आगाज, देखें तस्वीरें

इस सांस्कृतिक आयोजन में बीहू, बरडोई नृत्य असम, पुंग चोलम और ढोल चोलम मणिपुर, लाई हरूबा और थांगटा मणिपुर, होजागिरी त्रिपुरा, सिंघी छम्म सिक्किम, तमांग सेलो सिक्किम, युद्ध नृत्य नागालैंड, एफिलो कुघू मुगियंता नागालैंड, रिकम्पादा अरुणाचल प्रदेश, ब्रोजाई अरुणाचल प्रदेश, का शाद मस्तीह/होको मेघालय, वांगला नृत्य मेघालय, मिजोरम आदि नृत्य शामिल हैं. इस मौके पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की निदेशक श्रीमती दीपिका पोखरना, कार्यक्रम संयोजक राकेश भट्ट, जगजीत सिंह एवं जनरेल सिंह सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे.
पढ़ें- केदारनाथ धाम में कुत्ता लेकर पूजा-अर्चना के मामले में एक्शन

बता दें कि, देश भर में विभिन्न कला रूरपों को संरक्षित और पररक्षित करने के साथ ही युवाओं में भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाने और इसके मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों (जेडसीसी) की स्थापना की है, जिनके मुख्यालय पटियाला, नागपुर, उदयपुर, इलाहाबाद, कोलकाता, दीमापुर और तंजावुर में स्थित हैं. इन जेडसीसी द्वारा देशभर में नियमित आधार पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

श्रीनगर: भारत सरकार द्वारा तीन दिवसीय ऑक्टेव फेस्टिवल ऑफ द नॉर्थ ईस्ट का आयोजन श्रीनगर गढ़वाल में चल रहा है. इस फेस्टिवल का उद्घाटन सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने किया. 8 राज्यों के कलाकर इस फेस्टिवल में शिरकत कर रहे हैं, जिसमें असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर एवं सिक्किम के 250 से ज्यादा कलाकार शामिल हैं. ऑक्टेव फेस्टिवल ऑफ द नॉर्थ ईस्ट कार्यक्रम के पहले दिन असम, नागालैंड, मणिपुर के सांस्कृतिक लोक नृत्यों का आयोजन किया गया, जिसे देखने के लिये सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे. लोगों ने आयोजित कार्यक्रम का लुत्फ उठाया.

इस दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम अन्य राज्यों की संस्कृति को एक दूसरे के साथ साझा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इससे पर्यटन की संभावनाएं बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि ऑक्टेव फेस्टिवल के जरिये उत्तराखंड के लोग भी नॉर्थ ईस्ट की लोक संस्कृति को समझ पाएंगे.

जानकारी देते मंत्री सतपाल महाराज.

ऑक्टेव-2022 के आयोजन में उत्तर पूर्व क्षेत्र के कलाकारों और कारीगरों को उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक सही मंच प्रदान करने के लिए संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने ऑक्टेव फेस्टिवल ऑफ द नॉर्थ ईस्ट की शुरुआत की थी. इस क्षेत्र में आठ राज्य शामिल हैं असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और सिक्किम, इसलिए इसका नाम ऑक्टेव रखा गया है.

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ऑक्टेव फेस्टिवल ऑफ नॉर्थ ईस्ट.
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ऑक्टेव फेस्टिवल में प्रस्तुति देते कलाकार.

दूरी और भौगोलिक सीमाओं के कारण शेष भारत उत्तर पूर्वी राज्यों की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और कलात्मक अभिव्यक्तियों से पर्याप्त रूप से परिचित नहीं हो सका है, ऐसे में ऑक्टेव फेस्टिवल लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए एक मंच प्रदान किया है. संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऑक्टेव उत्सव क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) हर वर्ष अपने सदस्य राज्यों में से एक में आयोजित करवाता है.
पढ़ें- श्रीनगर में तीन दिवसीय ऑक्टेव फेस्टिवल का आगाज, देखें तस्वीरें

इस सांस्कृतिक आयोजन में बीहू, बरडोई नृत्य असम, पुंग चोलम और ढोल चोलम मणिपुर, लाई हरूबा और थांगटा मणिपुर, होजागिरी त्रिपुरा, सिंघी छम्म सिक्किम, तमांग सेलो सिक्किम, युद्ध नृत्य नागालैंड, एफिलो कुघू मुगियंता नागालैंड, रिकम्पादा अरुणाचल प्रदेश, ब्रोजाई अरुणाचल प्रदेश, का शाद मस्तीह/होको मेघालय, वांगला नृत्य मेघालय, मिजोरम आदि नृत्य शामिल हैं. इस मौके पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की निदेशक श्रीमती दीपिका पोखरना, कार्यक्रम संयोजक राकेश भट्ट, जगजीत सिंह एवं जनरेल सिंह सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे.
पढ़ें- केदारनाथ धाम में कुत्ता लेकर पूजा-अर्चना के मामले में एक्शन

बता दें कि, देश भर में विभिन्न कला रूरपों को संरक्षित और पररक्षित करने के साथ ही युवाओं में भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाने और इसके मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों (जेडसीसी) की स्थापना की है, जिनके मुख्यालय पटियाला, नागपुर, उदयपुर, इलाहाबाद, कोलकाता, दीमापुर और तंजावुर में स्थित हैं. इन जेडसीसी द्वारा देशभर में नियमित आधार पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

Last Updated : May 21, 2022, 3:50 PM IST
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