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पौड़ी: इंस्पायर अवॉर्ड प्रदर्शनी का समापन, दूसरे दिन 137 बाल वैज्ञानिकों ने किया प्रतिभाग

पौड़ी के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में इंस्पायर अवॉर्ड प्रदर्शनी का समापन हो गया है, प्रतियोगिता के दूसरे दिन 137 बाल वैज्ञानिकों ने अपने मॉडलों का प्रदर्शन किया.

Inspire Award Exhibition News
इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी
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Published : Feb 5, 2020, 6:38 AM IST

Updated : Feb 5, 2020, 7:23 AM IST

पौड़ी: नगर के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में इंस्पायर अवॉर्ड प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें जनपद के सभी ब्लॉकों से बाल वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग कर रहे हैं. इस दो दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन मंगलवार को 137 बाल वैज्ञानिकों ने अपने मॉडलों का प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शनी के में चयनित छात्र-छात्राओं को जनपद और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का मौका मिलेगा.

इंस्पायर अवॉर्ड प्रदर्शनी का समापन.

अपर निदेशक माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों की मदद से बाल वैज्ञानिकों को नये अविष्कार करने का मौका मिलता है. साथ ही उनकी सोच में भी वृद्धि होती है. जनपद स्तरीय कार्यक्रम में जीतने के बाद बाल वैज्ञानिकों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करने का मौका मिलता है. साथ ही बताया कि कुछ समय पूर्व जनपद पौड़ी से एक बाल वैज्ञानिक जापान से लौटा है. वहीं, उन्होंने कहा कि आज बच्चों में नई सोच और नए अविष्कारों के लिए प्रेरणा पैदा करने के लिए शिक्षकों की अहम भूमिका है. शिक्षकों को निरंतर अपने बच्चों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए. ताकि बच्चे अपने स्कूल के साथ-साथ अपने राज्य का नाम भी रोशन करें.

ये भी पढ़ें: गढ़वाल यूनिवर्सिटी में लगी अब तक की सबसे बड़ी पुस्तक प्रदर्शनी, रखी गईं 25 हजार किताबें

बता दें कि प्रदर्शनी में राजकीय जूनियर हाई स्कूल नैनगुजराड़ा की छात्रा खुशी नवानी ने भीमल के पेड़ की छाल से टोकरी और चप्पल बनाने का मॉडल प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि अपने बुजुर्गों से प्रेरित होकर उन्होंने इस मॉडल को तैयार किया. यह मॉडल आने वाले समय में रोजगार के क्षेत्र में उभर कर सामने आ सकता है.

पौड़ी: नगर के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में इंस्पायर अवॉर्ड प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें जनपद के सभी ब्लॉकों से बाल वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग कर रहे हैं. इस दो दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन मंगलवार को 137 बाल वैज्ञानिकों ने अपने मॉडलों का प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शनी के में चयनित छात्र-छात्राओं को जनपद और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का मौका मिलेगा.

इंस्पायर अवॉर्ड प्रदर्शनी का समापन.

अपर निदेशक माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों की मदद से बाल वैज्ञानिकों को नये अविष्कार करने का मौका मिलता है. साथ ही उनकी सोच में भी वृद्धि होती है. जनपद स्तरीय कार्यक्रम में जीतने के बाद बाल वैज्ञानिकों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करने का मौका मिलता है. साथ ही बताया कि कुछ समय पूर्व जनपद पौड़ी से एक बाल वैज्ञानिक जापान से लौटा है. वहीं, उन्होंने कहा कि आज बच्चों में नई सोच और नए अविष्कारों के लिए प्रेरणा पैदा करने के लिए शिक्षकों की अहम भूमिका है. शिक्षकों को निरंतर अपने बच्चों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए. ताकि बच्चे अपने स्कूल के साथ-साथ अपने राज्य का नाम भी रोशन करें.

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बता दें कि प्रदर्शनी में राजकीय जूनियर हाई स्कूल नैनगुजराड़ा की छात्रा खुशी नवानी ने भीमल के पेड़ की छाल से टोकरी और चप्पल बनाने का मॉडल प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि अपने बुजुर्गों से प्रेरित होकर उन्होंने इस मॉडल को तैयार किया. यह मॉडल आने वाले समय में रोजगार के क्षेत्र में उभर कर सामने आ सकता है.

Intro:पौड़ी के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में जनपदीय दो दिवसीय इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें कि जनपद के सभी ब्लॉकों से बाल वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया पहले दिन 113 बाल वैज्ञानिकों ने अपने अपने मॉडलों का प्रदर्शन किया वहीं आज दूसरे दिन 137 बाल वैज्ञानिकों ने अपने मॉडलों का प्रश्न किया। इस प्रदर्शनी के बाद चयनित छात्र छात्राओं को जनपद स्तरीय,फिर राज्य उसके बाद राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का मौका मिलेगा वहीं माध्यमिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि आज बच्चों में नई सोच और नई अविष्कारों के लिए प्रेरणा पैदा करने के लिए शिक्षकों की अहम भूमिका है शिक्षकों को निरंतर अपने बच्चों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए ताकि वह अपने स्कूल के साथ-साथ अपने राज्य का नाम भी रोशन करें।


Body:कार्यक्रम में यमकेश्वर ब्लॉक के राजकीय जूनियर हाई स्कूल नैनगुजराड़ा की छात्रा खुशी नवानी ने भीमल के पेड़ से निकलने वाली छाल से टोकरी चप्पलें आदि मॉडल प्रस्तुत किया उन्होंने बताया कि वह अपने बुजुर्गों से प्रेरित होकर इस मॉडल को तैयार किया है जो कि आने वाले समय में रोजगार के क्षेत्र में उभर कर सामने आएगा बताया कि जिस तरह से आज लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लोग विमल के पेड़ से विभिन्न प्रकार के सामान बनाकर रोजगार के क्षेत्र में अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। वहीं अपर निदेशक माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने बताया कि कुछ समय पूर्व जनपद पौड़ी से एक बाल वैज्ञानिक जापान घूम कर आया है जिससे कि उसे बहुत कुछ नया सीखने को मिला होगा इस तरह के कार्यक्रमों की मदद से बाल वैज्ञानिकों को नये अविष्कार करने का मौका मिलता है और उनकी सोच में भी वृद्धि होती है। जनपद स्तरीय कार्यक्रम में विजय होने के बाद बाल वैज्ञानिकों को राज्य स्तरीय और फिर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करने का मौका मिलता है। बताया कि बाल वैज्ञानिकों की सोच को बढ़ाने में शिक्षकों की अहम भूमिका है उन्होंने सभी शिक्षकों को से अनुरोध किया है कि वह अपने अपने बच्चों को इस क्षेत्र में प्रेरित करें ताकि वह अपने विद्यालय के साथ-साथ अपने राज्य का नाम रोशन कर सकें।
बाईट-खुशी नवानि(बाल वैज्ञानिक)
बाईट-महावीर सिंह बिष्ट(अपर निदेशक माध्यमिक)


Conclusion:
Last Updated : Feb 5, 2020, 7:23 AM IST
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