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कोटद्वार: फिर गुलदार दिखाई देने से ग्रामीण खौफजदा, बच्चों का स्कूल जाना हुआ दूभर

बीरोंखाल ब्लॉक की देवकुंडई गांव में एक बार फिर से गुलदार दिखाई देने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. ग्रामीणों ने जल्द वन विभाग से गुलदार से निजात दिलाने की मांग की है.

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कोटद्वार में गहराया गुलदार का आतंक
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Published : Jan 13, 2020, 1:58 PM IST

कोटद्वार: बीरोंखाल ब्लॉक की देवकुंडई गांव में एक बार फिर से गुलदार दिखाई देने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. गुलदार के दहशत से ग्रामीण शाम ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग कर रहे है.

बता दें कि क्षेत्र के देवकुंडई गांव में एक बार फिर से गुलदार के दहशत से ग्रामीण शाम होते ही घरों में कैद हो जाते है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो गुलदार खेतों में घूम रहे हैं, जिस कारण स्थानीय लोग सहमे हुए हैं. वही बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे है. उन्होंने बताया कि वन विभाग से गुलदार दिखने की कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक न कोई वनकर्मी गांव में पहुंचा, न ही पिंजरा लगाया गया.

ये भी पढ़ें:श्रीनगर: शिकारी जॉय हुकिल की गोली का शिकार हुआ आदमखोर गुलदार, लोगों ने ली राहत की सांस

गौर हो कि 4 अक्टूबर 2019 को खेत से घर लौट रही 1राखी (11) और राघव (4) पर गुलदार ने हमला कर दिया था. इस दौरान राखी ने बहादुरी का परिचय देते हुए भाई की जान बचाई थी. जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गई थी. उस दौरान वन विभाग ने गांव में पिंजरे लगाकर दो गुलदार पकड़े थे. वहीं 8 दिसंबर 2019 को अपनी मां के साथ गौशाला में गए 9 साल के मासूम अनिकेतन को गुलदार ने निवाला बना दिया था. बच्चे की मौत के बाद वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर दो शिकारियों को गांव में तैनात किया था. वही, शिकारी ने 26 दिसंबर को आदमखोर गुलदार को मार डाला था. लेकिन एक सप्ताह बाद फिर गांव में दो गुलदार देखे जाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

कोटद्वार: बीरोंखाल ब्लॉक की देवकुंडई गांव में एक बार फिर से गुलदार दिखाई देने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. गुलदार के दहशत से ग्रामीण शाम ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग कर रहे है.

बता दें कि क्षेत्र के देवकुंडई गांव में एक बार फिर से गुलदार के दहशत से ग्रामीण शाम होते ही घरों में कैद हो जाते है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो गुलदार खेतों में घूम रहे हैं, जिस कारण स्थानीय लोग सहमे हुए हैं. वही बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे है. उन्होंने बताया कि वन विभाग से गुलदार दिखने की कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक न कोई वनकर्मी गांव में पहुंचा, न ही पिंजरा लगाया गया.

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गौर हो कि 4 अक्टूबर 2019 को खेत से घर लौट रही 1राखी (11) और राघव (4) पर गुलदार ने हमला कर दिया था. इस दौरान राखी ने बहादुरी का परिचय देते हुए भाई की जान बचाई थी. जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गई थी. उस दौरान वन विभाग ने गांव में पिंजरे लगाकर दो गुलदार पकड़े थे. वहीं 8 दिसंबर 2019 को अपनी मां के साथ गौशाला में गए 9 साल के मासूम अनिकेतन को गुलदार ने निवाला बना दिया था. बच्चे की मौत के बाद वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर दो शिकारियों को गांव में तैनात किया था. वही, शिकारी ने 26 दिसंबर को आदमखोर गुलदार को मार डाला था. लेकिन एक सप्ताह बाद फिर गांव में दो गुलदार देखे जाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

Intro:ड्राई खबर लगाने की कृपा करें summary बीरोंखाल ब्लॉक की देवकुंडई गांव की तीलू रौतेली राखी के गांव में एक बार फिर से गुलदार की दहशत, ग्रामीण सांय ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर, ग्रामीण वन विभाग से गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं लेकिन वन विभाग ग्रामीणों की सुरक्षा के प्रति लापरवाह बना हुआ है। intro kotdwar बीरोंखाल ब्लॉक के देवकुंडई गांव में एक बार फिर से गुलदार की दहशत, ग्रामीण शाम ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर हैं, ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो गुलदार खेतों में घूम रहे हैं जिस कारण लोग सहमे हुए हैं, बच्चे स्कूल जाने से डर रहे शाम ढलते ही लोग अपने घरों में कैद हो रहे हैं, कई बार वन विभाग के अधिकारियों को गांव में गुलदार दिखने की शिकायत कर चुके लेकिन अभी तक ना तो कोई वन कर्मी गांव पहुंचे, ना ही पिंजरा लगाया गया।


Body:वीओ- बात दे कि 4 अक्टूबर 2019 को खेत से घर लौट रही 11 वर्ष की राखी व 4 वर्षीय राघव पर गुलदार ने हमला कर दिया था,तब राखी ने बहादुरी का परिचय देते हुए भाई की जान बचाई थी, जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गई थी, तब वन विभाग ने गांव में पिंजरे लगा कर दो गुलदार को पकड़ा था। वहीं 8 दिसंबर 2019 को अपनी मां के साथ गौशाला में गये 9 साल के मासूम अनिकेतन को गुलदार ने निवाला बना दिया था, बच्चे की मौत के बाद वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर, दो शिकारी गांव में तैनात किये थे, शिकारी ने 26 दिसंबर को आदमखोर गुलदार को मार डाला था, लेकिन एक सप्ताह बाद गांव में दो गुलदार देखे जाने से गांव में फिर से दहशत का माहौल बना हुआ है।


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