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एनआईटी के अलकनंदा हॉस्टल में छात्रों ने किया गृह प्रवेश, जानिए नामों की विशेषता

आखिरकार एनआईटी उत्तराखंड के छात्रों द्वारा पूर्व में किये गए आंदोलन का असर अब धरातल पर दिखने लगा है. एनआईटी उत्तराखंड के छात्रों को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हॉस्टल मिलने लगे हैं. इसकी शुरुआत अलकनंदा हॉस्टल से हुई, जो हाल ही में बन कर तैयार हुआ है. इसके साथ साथ जल्द तीन अन्य हॉस्टल भी छात्रों को प्रदान कर दिए जाएंगे. सभी हॉस्टल के नाम नदियों के नाम पर रखे गए हैं.

NIT News
एनआईटी समाचार
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Published : Nov 25, 2022, 8:04 AM IST

Updated : Nov 25, 2022, 9:28 AM IST

श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड के श्रीनगर कैंपस में आधुनिक सुविधाओं से युक्त अलकनंदा छात्रावास का शुभारम्भ हो गया है. संस्थान के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने बताया कि वर्तमान समय में संस्थान के श्रीनगर स्थित परिसर में कुल आठ छात्रावास हैं. इनमें से सात छात्रावास पॉलिटेक्निक परिसर में और एक छात्रावास रेशम फार्म के निर्माणाधीन परिसर में स्थित है. उन्होंने बताया कि रेशम फार्म में चार छात्रावासों का निर्माण कार्य चल रहा था. इनमें से एक हॉस्टल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कार्यदायी संस्था ने हाल ही में उसे एनआईटी प्रशासन को सौप दिया है. शेष तीन छात्रावासों का निर्माण कार्य भी शीघ्र ही पूरा हो जायेगा.

अलकनंदा हॉस्टल में छात्रों का गृह प्रवेश: प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि संस्थान में छात्रों को आधुनिक सुविधा युक्त छात्रावास मुहैया कराना उनकी पहली प्राथमिकता है, जिसे काफी हद तक पूरा कर लिया गया है. इसके अलावा संस्थान में अध्ययनरत तृतीय और चतुर्थ वर्ष के छात्रों को नवनिर्मित अलकनंदा छात्रावास में स्थानांतरित कर दिया गया है. यह छात्रावास एनआईटी के श्रीनगर कैंपस (रेशम फार्म) में निर्माणाधीन छात्रावास समूह का एक हिस्सा है. उन्होंने आगे कहा कि नवनिर्मित छात्रावासों में छात्रों की बुनियादी आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए उच्च गुणवत्ता की सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.

Alaknanda Hostel
NIT का नवनिर्मित अलकनंदा हॉस्टल

छात्रावासों के नाम नदियों पर आधारित: छात्रावासों के नामकरण पर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि प्राचीन काल से ही देश में नदियों का विशेष पौराणिक, आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रहा है. हमारे ऋषि-मुनि भी नदियों के किनारे एकांत में बैठकर सालों तक तपस्या करते थे. आज भी हम कई उत्सव और त्यौहार जीवनदायिनी नदियों के साथ मनाते हैं. यदि हम उत्तराखंड राज्य के सन्दर्भ में बात करें तो यहां छोटे बड़े कई नदी-तंत्र हैं, जिनमें से गंगा तंत्र, यमुना तंत्र तथा काली तंत्र मुख्य हैं. इसीलिए संस्थान ने नदियों की स्वच्छता और संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए छात्रावासों का नामकरण उत्तराखंड राज्य की नदियों के नाम पर किया है. उन्होंने जानकारी दी कि छात्रावास संख्या एक से लेकर सात तक के नाम क्रमशः गंगा, यमुना, मन्दाकिनी, सरस्वती, भागीरथी, भिलंगना और पिंडर रखा गया है. नवनिर्मित छात्रावास का नाम अलकनंदा रखा गया है.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण ले रहे नैनीताल के युवा, स्वरोजगार बढ़ाने की पहल

ये बने वॉर्डन: संस्थान के मुख्य वार्डन डॉ आई एम नागपुरे ने बताया कि वर्तमान में लगभग 500 छात्र एवं छात्राएं संस्थान के पॉलिटेक्निक और रेशम फार्म स्थित छात्रावासों में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्रावासों के नामकरण के साथ साथ निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी के निर्देशानुसार नए वार्डन्स की भी नियुक्ति की गयी है. इससे छात्रावासों के सफलतापूर्वक संचालन एवं प्रबंधन के साथ संस्थान में रह रहे छात्रों की सुख सुविधा पर समुचित रूप से ध्यान दिया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए डॉ कुसुम शर्मा, डॉ सरिता यादव को गर्ल्स हॉस्टल और डॉ एम एस खत्री, डॉ डी बी सिंह, डॉ अमरदीप, डॉ मारुति देशमुख, डॉ डी श्रीहरि, और डॉ दीपक कुमार को बॉयज हॉस्टल की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड के श्रीनगर कैंपस में आधुनिक सुविधाओं से युक्त अलकनंदा छात्रावास का शुभारम्भ हो गया है. संस्थान के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने बताया कि वर्तमान समय में संस्थान के श्रीनगर स्थित परिसर में कुल आठ छात्रावास हैं. इनमें से सात छात्रावास पॉलिटेक्निक परिसर में और एक छात्रावास रेशम फार्म के निर्माणाधीन परिसर में स्थित है. उन्होंने बताया कि रेशम फार्म में चार छात्रावासों का निर्माण कार्य चल रहा था. इनमें से एक हॉस्टल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कार्यदायी संस्था ने हाल ही में उसे एनआईटी प्रशासन को सौप दिया है. शेष तीन छात्रावासों का निर्माण कार्य भी शीघ्र ही पूरा हो जायेगा.

अलकनंदा हॉस्टल में छात्रों का गृह प्रवेश: प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि संस्थान में छात्रों को आधुनिक सुविधा युक्त छात्रावास मुहैया कराना उनकी पहली प्राथमिकता है, जिसे काफी हद तक पूरा कर लिया गया है. इसके अलावा संस्थान में अध्ययनरत तृतीय और चतुर्थ वर्ष के छात्रों को नवनिर्मित अलकनंदा छात्रावास में स्थानांतरित कर दिया गया है. यह छात्रावास एनआईटी के श्रीनगर कैंपस (रेशम फार्म) में निर्माणाधीन छात्रावास समूह का एक हिस्सा है. उन्होंने आगे कहा कि नवनिर्मित छात्रावासों में छात्रों की बुनियादी आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए उच्च गुणवत्ता की सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.

Alaknanda Hostel
NIT का नवनिर्मित अलकनंदा हॉस्टल

छात्रावासों के नाम नदियों पर आधारित: छात्रावासों के नामकरण पर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि प्राचीन काल से ही देश में नदियों का विशेष पौराणिक, आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रहा है. हमारे ऋषि-मुनि भी नदियों के किनारे एकांत में बैठकर सालों तक तपस्या करते थे. आज भी हम कई उत्सव और त्यौहार जीवनदायिनी नदियों के साथ मनाते हैं. यदि हम उत्तराखंड राज्य के सन्दर्भ में बात करें तो यहां छोटे बड़े कई नदी-तंत्र हैं, जिनमें से गंगा तंत्र, यमुना तंत्र तथा काली तंत्र मुख्य हैं. इसीलिए संस्थान ने नदियों की स्वच्छता और संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए छात्रावासों का नामकरण उत्तराखंड राज्य की नदियों के नाम पर किया है. उन्होंने जानकारी दी कि छात्रावास संख्या एक से लेकर सात तक के नाम क्रमशः गंगा, यमुना, मन्दाकिनी, सरस्वती, भागीरथी, भिलंगना और पिंडर रखा गया है. नवनिर्मित छात्रावास का नाम अलकनंदा रखा गया है.
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ये बने वॉर्डन: संस्थान के मुख्य वार्डन डॉ आई एम नागपुरे ने बताया कि वर्तमान में लगभग 500 छात्र एवं छात्राएं संस्थान के पॉलिटेक्निक और रेशम फार्म स्थित छात्रावासों में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्रावासों के नामकरण के साथ साथ निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी के निर्देशानुसार नए वार्डन्स की भी नियुक्ति की गयी है. इससे छात्रावासों के सफलतापूर्वक संचालन एवं प्रबंधन के साथ संस्थान में रह रहे छात्रों की सुख सुविधा पर समुचित रूप से ध्यान दिया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए डॉ कुसुम शर्मा, डॉ सरिता यादव को गर्ल्स हॉस्टल और डॉ एम एस खत्री, डॉ डी बी सिंह, डॉ अमरदीप, डॉ मारुति देशमुख, डॉ डी श्रीहरि, और डॉ दीपक कुमार को बॉयज हॉस्टल की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

Last Updated : Nov 25, 2022, 9:28 AM IST
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