श्रीनगर: पहाड़ के पहले नगर निगम की तस्वीर धीरे धीरे साफ होने लगी है. पहाड़ के पहले नगर निगम के रूप में श्रीनगर को चुना गया था. इसमें 40 वार्ड बनाने के लिये कार्रवाई की जा रही है. इस संबंध में नगर निगम के अधिकारियों ने जिलाधिकारी पौड़ी को फाइल प्रेषित कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. नगर निगम को लेकर वार्ड जनसंख्या को न्यूनतम 900 रखा गया है. ये सभी वार्ड धारी देवी से लेकर उफल्डा तक होंगे. इससे पूर्व जब श्रीनगर नगर पालिका था तब श्रीनगर में वार्डों की संख्या 13 थी. ये सभी वार्ड श्रीकोट से उफल्डा तक हुआ करते थे. अब इसका दायरा धारी देवी तक हो गया है.
पार्षद बनने के लिये नेता हुए सक्रिय: नए परिसीमन के अनुसार धारी देवी हैडी से शुरू होता है और अन्तिम वार्ड दिगोली में खत्म होता है. वार्ड 2011 की जनगणना 37,911 के आधार पर बनाये गये हैं. जिस कारण वार्ड काफी छोटे हो गये हैं. सबसे छोटा वार्ड सात सौ पर और सबसे बड़ा वार्ड 13 सौ की जनसंख्या पर बनाया गया है. वार्ड परिसीमन पूरा होने के बाद मेयर व पार्षद का चुनाव लड़ने वाले नेता पहले से ज्यादा सक्रिय हो गये हैं. श्रीनगर में पहले नेताओं की कमी थी अब 40 वार्ड बनने के बाद श्रीनगर में नेताओं की अधिक संख्या होना तय माना जा रहा है.
मेयर पद के दावेदारों ने कसी अपनी कमर: वार्ड परिसीमन का कार्य पूरा होने के बाद अब मेयर पद के दावेदारों ने भी अपनी कमर कस ली है. विभिन्न समारोह व सोशल मीडिया में दावेदार अपनी अच्छी खासी उपस्थिति दिखा रहे हैं. वहीं 40 वार्ड बनने के बाद अब पार्षद बनने की इच्छा रखने वाले नये दावेदारों ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. शहर में नगर निगम चुनाव को लेकर अब हर तरफ चुनावी चर्चाओं ने भी जोर पकड़ना शुरू कर दिया है. खास कर मेयर पद को लेकर चुनाव लड़ने वालों की निगाह आरक्षण आदि पर टिकी हुई है.
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पिछले एक साल से श्रीनगर, नगर पालिका व नगर निगम के बीच झूल रहा है. ज्ञात हो कि श्रीनगर पालिका को सरकार ने 31 दिसम्बर 2021 को पहाड़ी क्षेत्र का पहला नगर निगम बनाने का शासनादेश जारी किया था. श्रीनगर को नगर निगम बनाने के पीछे स्थानीय विधायक डॉ. धन सिंह रावत का बड़ा हाथ रहा है. उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक कर इसे पहाड़ी क्षेत्र का पहला नगर निगम बनाया. इसलिए भाजपा अब किसी कीमत पर इस सीट को नहीं खोना चाहेगी.