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उत्तराखंड में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी होगी दूर, पहाड़ों में बनेंगे स्पेशलिस्ट डॉक्टर - srinagr medical college Pharmacology seat

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज (बेस अस्पताल) श्रीनगर के फिजियोलॉजी और फार्माकोलॉजी विभाग में एमडी के लिए दो-दो सीटें मिल गई है. इसके अलावा 11 अन्य विभागों में भी एमडी के लिए सीटें मिलेगी.

srinagar medical college
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज
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Published : Jul 13, 2021, 5:31 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 5:40 PM IST

श्रीनगरः विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी झेल रहे उत्तराखंड के लिए खुशखबरी है. अब पहाड़ों में भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर बनेंगे. जी हां, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) की ओर से दो विभागों में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) कोर्स संचालन की स्वीकृति मिल गई है. इसके अलावा जल्द ही 11 अन्य विभागों में भी एमडी के लिए सीटें मिल जाएंगी. इससे प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों का टोटा खत्म होने की उम्मीद है.

बता दें कि, उत्तराखंड राज्य को गठन हुए 21 साल होने जा रहे हैं, लेकिन अभी भी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं नहीं सुधर पाई है. आलम तो ये है कि पहाड़ के सरकारी अस्पतालों में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं और न ही संसाधन, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. जो अस्पताल भी हैं, वो महज रेफर सेंटर ही बनकर रह गए हैं. लाख कोशिश के बावजूद भी सरकार डॉक्टरों की तैनाती पर्वतीय अंचलों में नहीं कर पा रही है. जिससे लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है.

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में एमडी कोर्स की मिली स्वीकृति.

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वहीं, विशेषज्ञ डॉक्टरों का अभाव हमेशा इस पहाड़ी प्रदेश की जनता पर भारी पड़ता रहा है, लेकिन अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी कुछ हद तक दूर होने की उम्मीद है. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज (बेस अस्पताल) श्रीनगर के फिजियोलॉजी और फार्माकोलॉजी विभाग में एमडी के लिए दो-दो सीटें मिल गई है. इससे पहले राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के 14 विभागों में से 11 विभागों में सीटों के आवंटन को लेकर दौरा किया था. जिस पर अब आयोग ने पत्र जारी कर मेडिकल कॉलेज को इसकी स्वीकृति दे दी है.

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (National Medical Commission) से राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को मिले विभाग और उनमें आवंटित की जाने वाली सीटें इस प्रकार से है. फिजियोलॉजी (Physiology) में 3, बायोकेमिस्ट्री (Biochemistry) में 3, पैथोलॉजी (Pathology) में 6, फार्माकोलॉजी (Pharmacology) में 3, फॉरेंसिक मेडिसिन में 3, माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology) में 3 और कम्युनिटी मेडिसिन में 6 सीटें आवंटित की गई है.

ये भी पढ़ेंः आजादी के 74 साल, उत्तराखंड को हुए 21 साल, इस इलाके को अब मिली एंबुलेंस

वहीं, ऑप्थेल्मोलॉजी (ophthalmology) में 2, जनरल मेडिसिन में 3, जर्नल सर्जरी में 6, ऑब्स एंड गायनो (Obstetrics and gynaecology) में 3, डर्मेटोलॉजी (Dermatology) में 2, ऑर्थोपेडिक्स (Orthopaedics) में 3 और एनेस्थीसिया (Anaesthesia) में 6 सीटें दी गई है.

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीकोट, श्रीनगर के प्राचार्य सीएमएस रावत ने बताया कि एमडी यानी डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (​Doctor of Medicine) के लिए दो विभागों में दो-दो सीटें मिल चुकी है. 11 विभागों में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग का दौरा हो चुका है. जिसमें सीटें मिलने की पूरी संभावना है.

प्राचार्य सीएमएस रावत ने बताया कि 3 विभागों में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग का दौरा होना बाकी है. उम्मीद है कि 14 विभागों में उन्हें एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) के लिए सीटें आंवटित हो जाएगी. जिससे प्रदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर होगी.

श्रीनगरः विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी झेल रहे उत्तराखंड के लिए खुशखबरी है. अब पहाड़ों में भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर बनेंगे. जी हां, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) की ओर से दो विभागों में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) कोर्स संचालन की स्वीकृति मिल गई है. इसके अलावा जल्द ही 11 अन्य विभागों में भी एमडी के लिए सीटें मिल जाएंगी. इससे प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों का टोटा खत्म होने की उम्मीद है.

बता दें कि, उत्तराखंड राज्य को गठन हुए 21 साल होने जा रहे हैं, लेकिन अभी भी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं नहीं सुधर पाई है. आलम तो ये है कि पहाड़ के सरकारी अस्पतालों में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं और न ही संसाधन, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. जो अस्पताल भी हैं, वो महज रेफर सेंटर ही बनकर रह गए हैं. लाख कोशिश के बावजूद भी सरकार डॉक्टरों की तैनाती पर्वतीय अंचलों में नहीं कर पा रही है. जिससे लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है.

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में एमडी कोर्स की मिली स्वीकृति.

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वहीं, विशेषज्ञ डॉक्टरों का अभाव हमेशा इस पहाड़ी प्रदेश की जनता पर भारी पड़ता रहा है, लेकिन अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी कुछ हद तक दूर होने की उम्मीद है. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज (बेस अस्पताल) श्रीनगर के फिजियोलॉजी और फार्माकोलॉजी विभाग में एमडी के लिए दो-दो सीटें मिल गई है. इससे पहले राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के 14 विभागों में से 11 विभागों में सीटों के आवंटन को लेकर दौरा किया था. जिस पर अब आयोग ने पत्र जारी कर मेडिकल कॉलेज को इसकी स्वीकृति दे दी है.

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (National Medical Commission) से राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को मिले विभाग और उनमें आवंटित की जाने वाली सीटें इस प्रकार से है. फिजियोलॉजी (Physiology) में 3, बायोकेमिस्ट्री (Biochemistry) में 3, पैथोलॉजी (Pathology) में 6, फार्माकोलॉजी (Pharmacology) में 3, फॉरेंसिक मेडिसिन में 3, माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology) में 3 और कम्युनिटी मेडिसिन में 6 सीटें आवंटित की गई है.

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वहीं, ऑप्थेल्मोलॉजी (ophthalmology) में 2, जनरल मेडिसिन में 3, जर्नल सर्जरी में 6, ऑब्स एंड गायनो (Obstetrics and gynaecology) में 3, डर्मेटोलॉजी (Dermatology) में 2, ऑर्थोपेडिक्स (Orthopaedics) में 3 और एनेस्थीसिया (Anaesthesia) में 6 सीटें दी गई है.

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीकोट, श्रीनगर के प्राचार्य सीएमएस रावत ने बताया कि एमडी यानी डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (​Doctor of Medicine) के लिए दो विभागों में दो-दो सीटें मिल चुकी है. 11 विभागों में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग का दौरा हो चुका है. जिसमें सीटें मिलने की पूरी संभावना है.

प्राचार्य सीएमएस रावत ने बताया कि 3 विभागों में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग का दौरा होना बाकी है. उम्मीद है कि 14 विभागों में उन्हें एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) के लिए सीटें आंवटित हो जाएगी. जिससे प्रदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर होगी.

Last Updated : Jul 13, 2021, 5:40 PM IST
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