श्रीनगर: प्रदेश में इस साल पर्वतीय अंचलों में रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी हुई है. जिससे काश्तकारों के चेहरे खिले हुए हैं. काश्तकार इस बर्फबारी को खेती और फलों के लिए अच्छा मान रहे हैं. जिससे उन्हें अच्छी पैदावार की उम्मीद है.
हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के हाई एल्टीट्यूड प्लांट फिजियोलॉजी रिसर्च संस्थान के वैज्ञानिक लंबे समय से हिमालय में उगने वाली जड़ी-बूटी और फलों की विभिन्न प्रजातियों पर शोध करते आए हैं. रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. एआर नौटियाल का कहना है कि इस वर्ष हुई बर्फबारी से उत्तराखंड में नासपाती, सेब, चेरी, पुलम, और अन्य कृषि फसलों का उत्पादन बढ़ेगा और ग्रामीणों की आमदनी में भी इजाफा होगा. इस वर्ष पड़ी बर्फ लंबे समय तक जमीन में नमी छोड़ेगी, जिसका असर अच्छी पैदावार में दिखेगा.
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प्रो. एआर नौटियाल ने कहा कि फलदार पड़ों की सारी प्रजाती रोजसी फैमली की हैं. जिनके फूलों को पकने के लिए नमी की आवश्यकता होती है. इस वर्ष इन फलों के लिए चिलिंग रिक्वायरमेंट अनुकूल है. अगर गर्मियों में तापमान बढ़ भी जाता है तो इस वर्ष हुई बर्फबारी के कारण लंबे समय तक भूमि में नमी बनी रहेगी, जिससे तेज गर्मी पढ़ने पर भी इन फसलों पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा.