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भाइयों की कलाई पर चावल के दानों से बनी राखियां बांधेगी बहनें - Homemade Rakhi

इस बार का रक्षाबंधन भाई-बहनों के लिए कुछ खास रहने वाला है. ऐसा इसलिए कि इस बार बहने अपने भाइयों की कलाई पर घर पर ही बनी राखियां बांधेगी.

Pauri Garhwal
भाईयों की कलाई पर चावल के दानों से बनी राखियां बांधेगी बहनें
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Published : Aug 1, 2020, 6:19 PM IST

पौड़ी: कोरोना महामारी के बीच इस बार बाजारों में काफी शांति देखने को मिल रही है, पिछले साल के मुकाबले इस साल बाजारों में राखी की दुकानें भी बहुत कम दिख दे रही है, लेकिन दूसरी ओर इस बार का रक्षाबंधन भाई-बहनों के लिए कुछ खास रहने वाला है. ऐसा इसलिए कि इस बार बहने अपने भाइयों की कलाई पर घर पर ही बनी राखियां बांधेगी.

बता दें कि इन दिनों सभी स्कूल बंद है, जिससे सभी के पास पर्याप्त समय है, जिसका सही प्रयोग करते हुए सभी बच्चे घर पर ही राखी बना रहे हैं. अलग अलग डिजायन व रंगों के लिए चावल व विभिन्न रंगों की दालों का प्रयोग किया जा रहा है. बच्चों की बनाई राखियां आकर्षित होने के साथ-साथ इको फ्रेंडली और बेहद खूबसूरत भी हैं. वहीं, बच्चों का कहना है कि वह बाजार से इस बार राखी नहीं खरीदेंगे, साथ ही बच्चों को राखी बनवाने में उनके अभिभावक भी पूरा सहयोग कर रहे हैं.

स्थानीय निवासी बबीता असवाल बताती हैं कि उनकी 2 बेटियां हैं, जो हर साल बड़ी संख्या में राखियां भेजती हैं. लेकिन इस बार बच्चों ने घर पर ही राखी बनाने का निर्णय लिया है. बबीता की बड़ी बेटी अग्रिमा बताती है कि बाजार में चाइनीज राखी भी मिलती है, लेकिन हमें पता नहीं होता कि कौन सी राखी चाइनीज है, इसलिए हमने इस बार घर पर ही राखी बनाने का फैसला किया है.

पढ़े- उत्तराखंड में भी प्लाज्मा थेरेपी से होगा इलाज, स्वास्थ्य विभाग की कवायद तेज

अग्रिमा ने बताया कि राखियों को डिजायन देने के लिए हमने चावल व दालों के दानों का प्रयोग किया है. इससे राखियां रंग बिरंगी होने के साथ ही बहुत खूबसूरत भी बनी हैं. साथ ही बताया कि उसके बहुत सारे दोस्त भी घर पर ही राखियां बना रहे हैं. इस बार सभी घर पर ही बनी राखी अपने भाइयों को पहनाएगी.

पौड़ी: कोरोना महामारी के बीच इस बार बाजारों में काफी शांति देखने को मिल रही है, पिछले साल के मुकाबले इस साल बाजारों में राखी की दुकानें भी बहुत कम दिख दे रही है, लेकिन दूसरी ओर इस बार का रक्षाबंधन भाई-बहनों के लिए कुछ खास रहने वाला है. ऐसा इसलिए कि इस बार बहने अपने भाइयों की कलाई पर घर पर ही बनी राखियां बांधेगी.

बता दें कि इन दिनों सभी स्कूल बंद है, जिससे सभी के पास पर्याप्त समय है, जिसका सही प्रयोग करते हुए सभी बच्चे घर पर ही राखी बना रहे हैं. अलग अलग डिजायन व रंगों के लिए चावल व विभिन्न रंगों की दालों का प्रयोग किया जा रहा है. बच्चों की बनाई राखियां आकर्षित होने के साथ-साथ इको फ्रेंडली और बेहद खूबसूरत भी हैं. वहीं, बच्चों का कहना है कि वह बाजार से इस बार राखी नहीं खरीदेंगे, साथ ही बच्चों को राखी बनवाने में उनके अभिभावक भी पूरा सहयोग कर रहे हैं.

स्थानीय निवासी बबीता असवाल बताती हैं कि उनकी 2 बेटियां हैं, जो हर साल बड़ी संख्या में राखियां भेजती हैं. लेकिन इस बार बच्चों ने घर पर ही राखी बनाने का निर्णय लिया है. बबीता की बड़ी बेटी अग्रिमा बताती है कि बाजार में चाइनीज राखी भी मिलती है, लेकिन हमें पता नहीं होता कि कौन सी राखी चाइनीज है, इसलिए हमने इस बार घर पर ही राखी बनाने का फैसला किया है.

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अग्रिमा ने बताया कि राखियों को डिजायन देने के लिए हमने चावल व दालों के दानों का प्रयोग किया है. इससे राखियां रंग बिरंगी होने के साथ ही बहुत खूबसूरत भी बनी हैं. साथ ही बताया कि उसके बहुत सारे दोस्त भी घर पर ही राखियां बना रहे हैं. इस बार सभी घर पर ही बनी राखी अपने भाइयों को पहनाएगी.

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