कोटद्वार: लोक निर्माण विभाग लैंसडाउन में सड़कों के किनारे स्थानीय भाषा (गढ़वाली) में साइन बोर्ड लगवा रहा है. जो आजकल काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. इस सूचना बोर्ड में एक ओर तो स्थानीय भाषा को महत्व दिया गया है. तो वहीं, दूसरी तरफ ये पर्यटकों के लिए मुसीबत का सबक बना हुआ है. हालांकि इस साइन बोर्ड की लिखावट में कई प्रकार की खामियां भी देखने को मिल रही हैं. आपको बता दें कि ये साइन बोर्ड लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के निर्देश पर लगाएं गए हैं. ये लैंसडाउन क्षेत्र में फतेहपुर से लेकर ताड़केश्वर महादेव तक दर्जनों बोर्ड लगाएं गए हैं.
लोक निर्माण विभाग लैंसडाउन के अधिशासी अभियंता प्रवीन बौखण्डी ने बताया इस बोर्ड को लगाने का मकसद है कि स्थानीय गढ़वाली भाषा को बढ़ावा देना है. ताकि स्थानीय भाषा का महत्व ज्यादा हो सके. साइन बोर्ड के खामियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको दिखाया जाएगा अगर कहीं कोई शब्द गलत अंकित हुआ है. तो उसे सही करवाया जाएगा.
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वहीं, कुछ लोगों ने इस पहल की सराहना की तो कुछ ने पर्यटकों के लिहाज से गलत बताया. स्थानीय निवास गंभीर सिंह बताते हैं कि ये विभाग और सरकार की अच्छी पहल है. इससे स्थानीय भाषा को महत्व मिल रही है. तो वहीं, विद्या दत्त कहते हैं कि हमारी दृष्टिकोण से ये सही है, लेकिन दूर-दराज से आए लोग ये भाषा समझ नहीं पाएंगे कि इसका मतलब क्या है. अगर ये हिंदी में लिखा होता तो बेहतर होता.
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आपको बता दें कि इस साइन बोर्डों में कई प्रकार की लिखावट में खामियां देखने को मिल रही है. जिससे ये बोर्ड हास्य का विषय बना हुआ है. जानिए गढ़वाली में क्या गलत है क्या सही होना था.
गलत | सहीं |
साबधान | सावधान |
भारें | भारै |
अग्नै इस्कूल चा, भारें अपनी गाड़ियूँ थैं मठू मठू चलावा | अग्नै इस्कूल चा, भारै अपनी गाड़ियूँ तै मठू मठू चलावा |