ऋषिकेश: पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित गंगा भोगपुर के वनंत्रा रिजॉर्ट में कार्य करने वाली अंकिता भंडारी (19) के गायब होने के मामले में लक्ष्मणझूला पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मामले का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने अंकिता की हत्या किये जाने की पुष्टि कर दी है. श्रीनगर सीओ श्याम दत्त नौटियाल के अनुसार, पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित सहित तीन लोगों को अरेस्ट कर लिया है. हिरासत में लिए तीनों आरोपियों ने कई राज उगले हैं. फिलहाल अभी तक अंकिता का शव बरामद नहीं हुआ है.
एएसपी शेखर सुयाल ने बताया कि, वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ ने ही अंकिता भंडारी की हत्या की है. इन तीनों ने रिसॉर्ट से कुछ दूरी पर ले जाकर चीला शक्ति नहर में उसे फेंक दिया, जिसके बाद से ही वो मामले को लेकर लगातार गुमराह कर रहे थे. अभी एसडीआरएफ की टीम चीला शक्ति नहर में सर्च ऑपरेशन चला रही है.
पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर हत्या सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. मामले की आगे जांच की जा रही है. कोटद्वार एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि रिजॉर्ट के दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है. अगर नियम विरुद्ध यह रिजॉर्ट बनाया गया है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी.
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पुलकित आर्य के वनंत्रा रिजॉर्ट से गायब हुई अंकिता: इससे पहले इस मामले की जांच राजस्व से रेगुलर पुलिस को सौंप दी गई थी. श्रीनगर सीओ श्याम दत्त नौटियाल के अनुसार, कड़ियों से कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य तक पहुंची. पूछताछ के लिए पुलकित, उसके मैनेजर अंकित सहित तीन लोगों को अरेस्ट किया गया.
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रेगुलर पुलिस को सौंपी गई अंकिता मिसिंग केस की इनक्वायरी: बीते दिन एसएसपी पौड़ी यशवंत सिंह चौहान ने बताया था कि मामला राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित हुआ है. मामले को जल्द सुलझाने के लिए एसओजी टीम का भी गठन किया गया है.
गौर हो कि, युवती ने 28 अगस्त को ही गंगाभोगपुर स्थित रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट पद पर ज्वाइनिंग की थी. ज्वाइन किए हुए एक महीने का वक्त भी नहीं बीता था कि वो 18 सितंबर को रिसॉर्ट से ही रहस्यमय तरीके से लापता हो गई. जिसके बाद परिजनों ने राजस्व पुलिस में इस मामले की गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी. परिजन का आरोप है कि उनकी बेटी के लापता होने में रिजॉर्ट के मालिक, मैनेजर और वहां के कर्मचारियों का हाथ है. क्योंकि रिसार्ट में लगे सीसीटीवी कैमरों से भी तोड़फोड़ की गई है.
पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य का बेटा है पुलकित आर्य: वनंत्रा रिजॉर्ट का मालिका पुलकित आर्य पूर्व राज्य मंत्री भाजपा विनोद आर्य का बेटा है. यह पुलकित आर्य लॉकडाउन में भी विवादों में आया था. जब उत्तर प्रदेश के विवादित नेता अमरमणि त्रिपाठी के साथ उत्तरकाशी में प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गया था. अमरमणि त्रिपाठी पर मधुमिता शुक्ला की हत्या का आरोप है. मधुमिता शुक्ला की हत्या के आरोप में अमरमणि त्रिपाठी 14 साल तक जेल में रहा है.
बता दें कि, पुलकित के पिता विनोद आर्य बीजेपी में जाना-माना नाम हैं. मौजूदा समय में वो बीजेपी ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं. इसके साथ ही यूपी के सह प्रभारी हैं पूर्व राज्य मंत्री भी रहे हैं. उनका दूसरा बेटा अंकित आर्य दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री है. वो इस वक्त राज्य पिछड़ा आयोग में उपाध्यक्ष है.
पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य ने क्या कहा?: पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य ने ईटीवी भारत से कहा है कि लड़की 15-20 दिन से ड्यूटी पर आई थी. उन्हें अभी इस मामले में कुछ नहीं पता कि आखिरकार लड़की के साथ हुआ क्या है. पुलिस पुलकित आर्य को घर से जब लेकर के गई है तो यही कहा था कि पूछताछ के लिए ले जा रही है. अभी उन्हें यह जानकारी नहीं है कि उसे गिरफ्तार किया गया है. इस घटना के पीछे क्या सच्चाई है, अभी इस बारे में वह कुछ नहीं जानते. हम पुलिस का सहयोग करेंगे. जो कुछ भी होगा पुलकित आर्य मेरा ही बेटा है.
यमकेश्वर विधायक रेनु बिष्ट का बयान: उधर, यमकेश्वर विधायक रेनु बिष्ट का भी इस मामले पर बयान आया है. उन्होंने कहा कि, 'यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र सहित समस्त उत्तराखंड के भाइयों-बहनों जो अभी हाल ही की घटना घटित हुई है, जिसमें हमारी उत्तराखंड की बेटी के अपहरण का मामला सामने आया है. जबसे यह मामला मेरे संज्ञान में आया है, तभी से मैं धरातल पर इस घटना की पूरी जानकारी ले रही थी. इस सम्बन्ध में मैंने लड़की के परिजनों से भेंट भी करी और प्रशासन को सख्त से सख्त कदम उठाने के निर्देश भी दिये हैं. दोषी चाहे कोई भी हो वह इस बात को समझ ले कि तुम्हारा बचना असंभव है. अच्छा होगा यदि तुम शीघ्र ही उस बेटी को सुरक्षित वापस कर दो वरना अंजाम जो होगा तुम्हारी रूह कांप जाएगी'.
रेनु बिष्ट ने आगे कहा कि, 'ये एक बहुत बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और एक सबक भी हम सभी के लिये क्योंकि इस तरह के आपराधिक मानसिकता के लोगों को बसाने वाले कोई और नहीं स्वयं हमारे ही अपने लोग हैं. उत्तराखंड के भाइयों-बहनों मैं हमेशा से यही कहती आयी थी और हमेशा कहती रहूंगी कि आज जो स्थितियां पैदा हो रही हैं, इसके लिये हमारे अपने ही लोग जिम्मेदार हैं जो बिना सोचे समझे थोड़े से पैसे के लालच में अपने पहाड़ की जमीनें किसी को भी बेच देते हैं. साथ ही वो जनप्रतिनिधि भी इसके लिये जिम्मेदार हैं जिन्होंने पदों में रहते हुए भी कभी पहाड़ों के लोगों के लिये किसी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं के लिये प्रयास नही किया. यही कारण है कि पहाड़ की गरीब जनता अपनी जमीन बेचने को मजबूर हुई. इसीलिए मैंने सदैव सरकार का ध्यान इस ओर खींचने का प्रयास किया है कि हमारा यमकेश्वर आज 21वीं सदी में भी एक अति दुर्गम और पिछड़ा क्षेत्र है. इस पिछड़े और दुर्गम क्षेत्र की विधायक बने हुए मुझे अभी मात्र पाँच महीने ही हुए हैं. किंतु मैंने तभी से सरकार का ध्यान इस ओर खींचने का पूरा प्रयास किया है'.
'एक बात मैं अपने यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के भाइयों-बहनों से निवेदन करना चाहती हूँ कि अभी भी मौका है अपने पितरों की जमीन को बाहरी लोगों को मत बेचो. आने वाला समय यमकेश्वर का अच्छा समय होगा. मैं आपको पूर्ण विश्वास दिलाती हूं'.
उमेश कुमार ने सीएम धामी को लिखा खत: विधायक उमेश कुमार ने भी अंकिता भंडारी मामले पर सीएम धामी को पत्र लिखा है. आज प्रदेश की एक बेटी राजस्व व्यवस्था की भेंट चढ़ गई. राजस्व व्यवस्था के हाल किसी से छुपे नही हैं. दरअसल पौड़ी जिले की अंकिता भंडारी के साथ हुए घटनाक्रम से मन तब और भी आहत हुआ ज़ब राजस्व पुलिस की हीला हवाली देखने को मिली. हम आज भी उसी ब्रिटिश कालीन राजस्व व्यवस्था से अपने ग्रामीण क्षेत्रों को हाँकते जा रहे हैं.
ग्रामीण इलाकों में कई पटवारियों के आतंक के किस्से आये दिन आम होते रहते हैं. चाहे वो स्यालदे क्षेत्र में एक बच्चे के गुप्तांग पर चोट पहुंचाने का मामला हो या सतपुली में एक फ़ौजी के परिजनों से मार पिटाई का मामला. आये दिन पटवारियों द्वारा किए जा रहे शोषण क़ी वजह से ग्रामीण जनता परेशान रहती है.
आज एक पटवारी के भरोसे दर्जनों गाँव हैं. ऐसे में पटवारी भी किसी तानाशाह राजा से कम खुद को समझते नहीं. उनको लगता है कि जनता उनकी गुलाम है. माननीय मुख्यमंत्री ज़ी चूंकि राजस्व विभाग़ में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है. आप पूरे उत्तराखंड में सर्वे करवा लीजिये तो पता चलेगा कि ग्रामीण जनता इस राजस्व, पटवारी आदि व्यवस्थाओं से बहुत परेशान है.
आखिर क्यों अब साधन सम्पन्न होने के बाद भी राजस्व व्यवस्था में परिवर्तन नहीं किया जा रहा है. अंकिता भंडारी के प्रकरण में भी राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को केस ट्रांसफर करने में जितना समय लगा, उतने में हो सकता है उस बेटी की जान बचाई जा सकती थी. माननीय मुख्यमंत्री ज़ी आपसे अनुरोध भी है कि इस हीला हवाली वाली राजस्व व्यवस्था से जनता को मुक्ति दिलाइये. अब एक सुदृढ़ व्यवस्था की आवश्यकता महसूस की जा रही है.