पौड़ी: बाघ प्रभावित क्षेत्र रिखणीखाल और धुमाकोट में अभी भी ग्रामीणों में बाघ की दहशत बरकरार है. बाघ के इन क्षेत्रों में सक्रिय होने के कारण आम जनजीवन पटरी पर नहीं आ पा रहा है. बीती 17 अप्रैल से यहां रात्रि कर्फ्यू भी लगा हुआ है. उधर, बाघ प्रभावित क्षेत्रों के लिए डीएम ने ताजा आदेश जारी करते हुए स्कूलों को 2 मई तक के लिए बंद कर दिया है. यहां बच्चों का पठन-पाठन ऑनलाइन ही हो रहा है.
पौड़ी के बाघ प्रभावित रिखणीखाल और धुमाकोट क्षेत्रों में वन विभाग की टीमें गश्त पर हैं. विभाग को बाघ की गतिविधियां नजर नहीं आई हैं, हालांकि क्षेत्र में ग्रामीणों को आये दिन बाघ की धमक सुनाई दे रही है. नैंनीडांडा ब्लाक के उमटा की ग्राम प्रधान लक्ष्मी देवी ने बताया कि घुड़कंद समेत भेड़गांव तल्ला और भेड़गांव मल्ला में बाघ दिखाई दे रहा है. जिसके चलते ग्राम सभा में बाघ की दहशत बरकरार है. जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया बीते शुक्रवार को भेड़गांव मल्ला में प्रेमसिंह की पत्नी लक्ष्मी देवी के एक मवेशी को बाघ ने निवाला बना दिया.
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डीएफओ गढ़वाल स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर घुड़कंद में एक और पिंजरा भी लगा दिया गया है. गढ़वाल वन प्रभाग सहित कालागढ़ टाइगर रिजर्व और लैसडाउन वन प्रभाग की टीमें बाघ प्रभावित क्षेत्र में गश्त कर रही हैं. टीम को बाघ दिखाई नहीं दिया है. ग्रामीणों को पूरी सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है. अभी तक रिखणीखाल क्षेत्र से ही एक बाघ वन विभाग ने पकड़ा है. इसके बाद रिणीखाल में दो बाघ अभी भी सक्रिय हैं. बाघ ने डल्ला और भेड़गांव में हमले किए थे, यहां दो लोगों की इन हमलों में जान चली गई थी.
गुलदार ने मवेशी को बनाया निवाला: कल्जीखाल ब्लॉक के पल्ली मल्ली गांव में इन दिनों गुलदार की भी धमक दिखाई दे रही है. गांव में गुलदार ने एक गाय को निवाला बनाया. इससे पहले भी 19 अप्रैल को इसी गांव में एक गुलदार बंदर के पिंजरे में कैद हो गया था.