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संक्रांति से सावन शुरू, सजने लगा कमलेश्वर मंदिर

हिंदू पंचाग के अनुसार 16 जुलाई को संक्रांति है. इसी के साथ सावन का महीना शुरू हो गया है.

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Published : Jul 16, 2021, 6:58 PM IST

Uttarakhand Sankranti Month
Uttarakhand Sankranti Month

श्रीनगर: उत्तराखंड में आज यानी सक्रांति से सावन का पावन महीना शुरू हो गया है. प्रदेशभर में शिव मंदिरों को सजाया जा रहा है. इसी कड़ी में श्रीनगर में भी कमलेश्वर मंदिर को भी भव्य तरीके से सजाया गया है. हालांकि, इस साल भक्त सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहन कर भगवान के दर्शन करेंगे. बता दें, सावन का महीना संक्रांति के अनुसार शुरू हो चुका है, लेकिन पूर्णिमा के अनुसार 25 जुलाई से शुरू होगा.

बता दें, इस साल सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं. इस बार 6 अगस्त को प्रदोष व्रत रहेगा, जबकि 13 अगस्त को नाग पंचमी पड़ रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में भगवान शिव की पूजा अर्चना से भोले नाथ की असीम कृपा बनी रहती है.

आज संक्रांति से सावन मास शुरू.

माना जाता है कि माता सती ने भगवान शिव को हर जन्म में पाने के लिए प्रण लिया था. एक बार माता सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति से रुष्ठ होकर अपने शरीर को योगाग्नि से जलाकर प्राण त्याग दिया था, जिसके बाद उन्होंने हिमालय राज के यहां पार्वती रूप में जन्म लिए. इस जन्म में उन्होंने भगवान शिव को पाने के सावन माह कठोर तप किया और भगवान शिव को पति रूप में वरण किया. यही कारण है कि भगवान शिव को सावन का महीना इतना प्रिय है.

कमलेश्वर मंदिर के पंडित अंकित मैठाणी बताते है कि इस माह में जो भी भक्त भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है. उसकी भगवान शिव हर इच्छा पूरी करते है. वहीं महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि इस बार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कमलेश्वर मंदिर में भक्तों को पूजा करने दी जाएगी.

पढ़ें- 'बीज बचाओ आंदोलन' के कर्मवीर जड़धारी, 350 से अधिक बीजों का किया संरक्षण

उपजिलाधिकारी रविद्र सिंह ने बताया कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार कोई भी अनुष्ठान नहीं होंगे. हालांकि, भक्त सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिर में दर्शन कर सकते हैं.

श्रीनगर: उत्तराखंड में आज यानी सक्रांति से सावन का पावन महीना शुरू हो गया है. प्रदेशभर में शिव मंदिरों को सजाया जा रहा है. इसी कड़ी में श्रीनगर में भी कमलेश्वर मंदिर को भी भव्य तरीके से सजाया गया है. हालांकि, इस साल भक्त सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहन कर भगवान के दर्शन करेंगे. बता दें, सावन का महीना संक्रांति के अनुसार शुरू हो चुका है, लेकिन पूर्णिमा के अनुसार 25 जुलाई से शुरू होगा.

बता दें, इस साल सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं. इस बार 6 अगस्त को प्रदोष व्रत रहेगा, जबकि 13 अगस्त को नाग पंचमी पड़ रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में भगवान शिव की पूजा अर्चना से भोले नाथ की असीम कृपा बनी रहती है.

आज संक्रांति से सावन मास शुरू.

माना जाता है कि माता सती ने भगवान शिव को हर जन्म में पाने के लिए प्रण लिया था. एक बार माता सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति से रुष्ठ होकर अपने शरीर को योगाग्नि से जलाकर प्राण त्याग दिया था, जिसके बाद उन्होंने हिमालय राज के यहां पार्वती रूप में जन्म लिए. इस जन्म में उन्होंने भगवान शिव को पाने के सावन माह कठोर तप किया और भगवान शिव को पति रूप में वरण किया. यही कारण है कि भगवान शिव को सावन का महीना इतना प्रिय है.

कमलेश्वर मंदिर के पंडित अंकित मैठाणी बताते है कि इस माह में जो भी भक्त भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है. उसकी भगवान शिव हर इच्छा पूरी करते है. वहीं महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि इस बार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कमलेश्वर मंदिर में भक्तों को पूजा करने दी जाएगी.

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उपजिलाधिकारी रविद्र सिंह ने बताया कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार कोई भी अनुष्ठान नहीं होंगे. हालांकि, भक्त सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिर में दर्शन कर सकते हैं.

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