कोटद्वार: नगर निगम के 185 सफाई कर्मियों को ठेकेदारी प्रथा में समायोजित करने पर 40 स्थाई सफाई कर्मचारी भी अब उनके समर्थन में हड़ताल पर चले गए हैं. नगर निगम कोटद्वार ने 25 अन्य (सफाई, वाहन चालक, सुरक्षा कर्मी, कंप्यूटर ऑपरेटर) कर्मचारियों को भी ठेकेदारी में समायोजित करने के विरोध में सभी कर्मचारी कोटद्वार नगर निगम कार्यालय के समीप टेंट डालकर कोटद्वार नगर आयुक्त का विरोध कर रहे हैं.
210 समायोजित कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद कोटद्वार नगर निगम में राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेसी हड़ताली कर्मचारियों के समर्थन में भाजपा के लोगों और महापौर का पुतला दहन कर रहे हैं. कांग्रेस के लोग नगर निगम आयुक्त मुर्दाबाद का नारा लगाकर पुतला दहन कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी व भाजपा समर्थित पार्षदों ने भी नगर आयुक्त व महापौर का पुतला दहन कर सफाई कर्मचारियों की तत्काल वापसी की मांग करते हुए ठेकेदारी प्रथा का विरोध किया. कर्मचारी इतने आक्रोशित थे कि उन्होंने नगर निगम कार्यालय, नगर निगम आयुक्त के कार्यालय व महापौर हेमलता नेगी के घर पर कूड़ा फेंक कर विरोध जताया.
विगत चार दिनों से नगर स्वच्छता कर्मी हड़ताल पर हैं. जिसके कारण नगर में हर तरफ कूड़ा ही कूड़ा नजर आ रहा है. नगर में सफाई न होने से कोटद्वार के 40 वार्डों में महामारी का खतरा बना हुआ है. डाक्टर विजय मैठानी बताते हैं कि अधिकांश बीमारी गंदगी की वजह से होती हैं. बरसात के बाद सामान्य तौर पर बीमारियों का खतरा बना रहता है. कोटद्वार नगर में कूड़े से फैलने वाली गंदगी से डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, पीलिया और पेट से संबंधित बीमारियां बढ़ने का खतरा बना रहता है.
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नगर आयुक्त ने बताया स्वच्छता कर्मियों की हड़ताल से नगर की सफाई की व्यवस्था में व्यवधान हो रहा है. हड़ताली कर्मचारियों से बात की जा रही है. स्थाई सफाई कर्मचारियों को हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए. बिना सूचना के हड़ताल पर गये विभागीय लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. चौथे दिन हड़ताली स्वच्छता कर्मियों ने विरोध उग्र होता जा रहा है.