श्रीनगरः लॉकडाउन के चलते देवप्रयाग में एक रूसी नागरिक फंसा हुआ है. ये युवक यहां भगवान हनुमान की सेवा में जुटा है. इतना ही नहीं यह विदेशी नागरिक रोजाना हनुमान मंदिर की साफ-सफाई के बाद मूर्ति में सिंदूर लगाकर पूजा भी करता है. वहीं, विदेशी नागरिक ने सरकार से उसे अपने देश रूस तक पहुंचाने की गुहार लगाई है.
देवभूमि उत्तराखंड में विदेशी लोग अक्सर अध्यात्म और शांति की खोज में आते रहते हैं. ऐसा ही जिज्ञासु विदेशी युवक लियो भी रूस से यहां पहुंचा था. लॉकडाउन के चलते यहां फंस गया. लियो ने बताया कि वो अपनी महिला मित्र के साथ बीते साल 10 दिसंबर को भारत की यात्रा पर आया था.
दो महीने गोवा में रहने के बाद वृंदावन होते हुए वो नोएडा में अपने मित्र के यहां रहा. उसकी महिला मित्र नोएडा ही रुक गई. वो हिमालय की यात्रा पर निकल पड़ा. देवप्रयाग में गंगा दर्शन हेतु आते समय लॉकडाउन हो गया. इसके बाद वो देवप्रयाग के प्राचीन स्थल धनेश्वर पहुंच गया.
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यहां उसे कुटिया में रहने वाले साधु गणेश महाराज ने रहने का स्थान दिया. कुटिया से सटे प्राचीन हनुमान मंदिर में रूस निवासी लियो ने लॉकडाउन तक सेवा करने की इच्छा जताई तो गणेश महाराज ने हामी भर दी. भारतीय धर्म, संस्कृति से गहरा लगाव रखने वाले लियो ने इसे अपना बड़ा सौभाग्य माना.
लियो ने बताया कि उन्हें भगवान की पूजा समेत अन्य काम में बहुत संतोष मिलता है. गणेश महाराज ने लियो के भोजन और रहने की पूरी व्यवस्था भी की है. लियो बताते हैं कि देवप्रयाग जैसे धार्मिक स्थान पर लॉकडाउन में रहते हुए उन्हें बेहद शांति मिली है.
लियो भारत, रूस समेत पूरी दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्ति हेतु हनुमान जी से नित्य प्रार्थना करते हैं. लियो ने भारत सरकार से उन्हें अपने मित्र के पास नोएडा पहुंचाने की गुहार लगाई है. जहां से वो अपने देश रूस लौट सकें.