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ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान ने महिलाओं को दी ट्रेनिंग, लोगों के हाथों में दिखेंगे बेहतरीन बैग

पौड़ी में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. इसमें महिलाओं को जूट से बनने वाले हैंडबैग, कैरी बैग तथा पारंपरिक व आधुनिक छोटे व बड़े बैग आदि बनाने की जानकारी दी गई.

Pauri
ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान ने महिलाओं को दिया प्रशिक्षण
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Published : Feb 19, 2022, 11:59 AM IST

पौड़ी: जिले की विभिन्न स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. साथ ही महिलाओं ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया.

ग्रामीण आजीविका मिशन निदेशक जुगल किशोर जोशी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 13 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इसमें महिलाओं को जूट से बनने वाले हैंडबैग, कैरी बैग तथा पारंपरिक व आधुनिक छोटे व बड़े बैग आदि बनाने की जानकारी दी गई. ताकि आने वाले समय में वह स्वयं इस कार्य को कर सकें. इस समान को बनाने के बाद उनको बाजार की उचित व्यवस्था भी करवाई जा रही है.

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इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ उनकी आय में भी वृद्धि करना है. जुगल किशोर जोशी ने कहा कि आने वाले समय में अन्य महिला समूहों को भी इसी तरह से प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज के समय में पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद होने के बाद बाजार में ईको फ्रेंडली सामान की मांग बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि 13 दिवसीय प्रशिक्षण में महिलाओं को जूट से तैयार होने वाले सामान की बेहतरीन तकनीक बताई गई है.

पौड़ी: जिले की विभिन्न स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. साथ ही महिलाओं ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया.

ग्रामीण आजीविका मिशन निदेशक जुगल किशोर जोशी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 13 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इसमें महिलाओं को जूट से बनने वाले हैंडबैग, कैरी बैग तथा पारंपरिक व आधुनिक छोटे व बड़े बैग आदि बनाने की जानकारी दी गई. ताकि आने वाले समय में वह स्वयं इस कार्य को कर सकें. इस समान को बनाने के बाद उनको बाजार की उचित व्यवस्था भी करवाई जा रही है.

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इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ उनकी आय में भी वृद्धि करना है. जुगल किशोर जोशी ने कहा कि आने वाले समय में अन्य महिला समूहों को भी इसी तरह से प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज के समय में पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद होने के बाद बाजार में ईको फ्रेंडली सामान की मांग बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि 13 दिवसीय प्रशिक्षण में महिलाओं को जूट से तैयार होने वाले सामान की बेहतरीन तकनीक बताई गई है.

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