पौड़ी: पूर्व मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के गांव के पिनाली के लोग परेशान हैं. दरअसल चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र के इस गांव की पाबौ-पिनाली रोड खस्ताहाल है. उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के विधानसभा क्षेत्र की खस्ताहाल सड़क ने यहां के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि इतने बड़े नेता और मंत्री देने के बावजूद उनको अच्छी सड़क कब मिलेगी.
निशंक रहे सीएम, सतपाल हैं कैबिनेट मंत्री: निशंक के मुख्यमंत्री रहते सड़क की हालत नहीं सुधरी. अब इलाके के विधायक और कैबिनेट मंत्री सतपाल भी सड़क को ठीक नहीं करा पा रहे हैं. ताज्जुब की बात ये है कि सतपाल महाराज के पास ही पीडब्ल्यूडी है. तब भी सड़क नहीं बन रही है तो फिर इसे कौन बनाएगा ये बड़ा सवाल है.
स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को चुनने वाली जनता सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की ठान चुके हैं.
लोग अपने नेताओं से नाराज: उत्तराखंड में 21 साल बाद भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की दयनीय हालत बयां करती है कि यहां के मंत्री विधायक विकास के लिए कितने संजीदा हैं. नेता तो जनता के वोटों से सीढ़ियां चढ़कर लखनऊ, देहरादून और दिल्ली पहुंच गए, लेकिन पिनाली गांव के लिए अदद गाड़ी में चढ़कर अपनी मूलभूत जरूरतों की चीजें लेने और जरूरी काम से जाने के लिए सड़क सुविधा से वंचित हैं. वीवीआईपी जिला पौड़ी के नेताओं के लिए ये आत्ममंथन का समय है.
सतपाल महाराज हैं PWD मिनिस्टर: रमेश पोखरियाल निशंक इस समय हरिद्वार से सांसद हैं. ग्रामीणों का गुस्सा अपने इन नेताओं पर भी फूट रहा है. इसी चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से भी लोग नाराज हैं. लोगों का कहना है कि महाराज जब खुद पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर रहते हुए सड़क ठीक नहीं करा पा रहे हैं तो फिर अपनी विपदा किससे कहें.
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पिनाली रोड पर हादसों का डर: पाबौ-पिनाली रोड की हालत बेहद खराब है. इतनी खराब है कि आए दिन यहां दुर्घटना का डर सताता रहता है. लोगों का कहना है कि पिछले साढ़े चार साल में सतपाल महाराज ने भी कुछ नहीं किया. लोगों का कहना है कि जब सांसदों के गांवों को जोड़ने वाली सड़क का ये हाल है तो फिर कहने को बचा ही क्या है.
रमेश पोखरियाल निशंक की राजनीतिक यात्रा: वर्ष 1991 से वर्ष 2012 तक पांच बार उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड की विधानसभा में विधायक रहे. वर्ष 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश में कर्णप्रयाग विधान सभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित तत्पश्चात लगातार तीन बार विधायक. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहे हैं.