श्रीनगर: कहते हैं तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलतीं. आज हम आपको ऐसे ही एक सड़क की तस्वीर दिखाने जा रहे हैं, जो साल 2003 में कट चुकी थी लेकिन आज तक इस सड़क पक्की नहीं हो सकी है. ऐसा तब है जब खुद प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री इसी जनपद से ताल्लुक रखते हैं. ग्रामीण आज भी इस सड़क पर डंडी-कंडी के जरिए अपनों को अस्पताल पहुंचाने को मजबूर हैं. सड़क पर दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाना भी खतरे से खाली नहीं रहता है.
हम बात कर रहे हैं पौड़ी जनपद के लैंसडाउन विधानसभा के जयहरीखाल ब्लॉक की डेवडाली, कुठीधार और तिलसा गांव को जोड़ने वाली सड़क की. ये सड़क तो सड़क लगती ही नहीं है. देखरेख के अभाव के कारण सड़क पर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आईं हैं. ये सड़क आसपास के करीब 12 गांवों को जोड़ती है.
18 साल बाद भी डामरीकरण नहीं: इस सड़क का साल 2003 में कटिंग का काम पूरा हो गया था लेकिन आज 18 साल बीत जाने के बाद भी सड़क पर डामरीकरण का काम नहीं हो सका है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वो कई बार लोक निर्माण विभाग से गुहार लगा चुके हैं. साथ ही जन प्रतिनिधियों से भी अभी तक महज आश्वासन ही मिला है. लोगों का कहना है कि बारिश के मौसम में सड़क जानलेवा हो जाती है. सड़क पक्की नहीं होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता प्रेम सिंह बिष्ट का कहना है कि विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने भी रोड के डामरीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा है. जल्द ही सड़क का डामरीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा.
जयहरीखाल ब्लॉक प्रमुख दीपक भंडारी ने बताया कि लाखों रुपए खर्च के बाद भी लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यह पहली सड़क नहीं जो अभी तक पक्की नहीं हो पाई है. क्षेत्र में और भी सड़कें हैं, जिनकी कटिंग तो हो गई लेकिन अभी तक उन सड़कों का डामरीकरण नहीं हो पाया है.