पौड़ी: मृत महिला की जमीन उसकी इकलौती बेटी के नाम करने के बजाय जेठ के बेटे के नाम चढ़ाने के मामले में राजस्व उपनिरीक्षक एवं कानूनगो पर गाज गिर गयी है. मामला जिले की चौबट्टाखाल तहसील के अंतर्गत का है, जहां राजस्व उपनिरीक्षक व कानूनगो पर भूमि प्रकरण में मिलीभगत होने का आरोप है. तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने दोनों कार्मिकों को निलंबित कर दिया है. साथ ही मामले की जांच एसडीएम कोटद्वार को सौंपी है.
दरअसल, पौड़ी जिले की चौबट्टाखाल तहसील में जनवरी 2022 में गांव के एक व्यक्ति ने अपनी 25 साल पहले मृत हो चुकी चाची की जमीन का वारिस होने का दावा करते हुए दाखिल खारिज के लिए आवेदन किया. राजस्व उपनिरीक्षक व कानूनगो ने बिना जांच के दाखिल खारिज को स्वीकृत भी दी गई. जबकि महिला की इकलौती बेटी है. जिसे इस मामले की भनक तक नहीं लगी.
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इस मामले में पुश्तनामा को पंचायत मंत्री से सत्यापित भी नहीं करवाया गया था, जब भूमि को बेचने की बात हुई तो यह मामला तहसीलदार के सामने आया. तहसीलदार ने खतौनी का गहनता से निरीक्षण करने के उपरांत पाया कि राजस्व उप निरीक्षक व रजिस्ट्रार कानूनगो ने दाखिल खारिज चलाने में गंभीर लापरवाही बरती है. साथ ही जांच में तत्कालीन ग्राम प्रधान ने राजस्व उपनिरीक्षक द्वारा पुश्तनामे पर उसके हस्ताक्षर धोखे से करवाने का आरोप लगाया है. तब राजस्व उप निरीक्षक सुरेंद्र प्रसाद चमोली व कानूनगो सुरेंद्र सिंह रावत चौबट्टाखाल तहसील में सेवारत थे.
तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी पौड़ी विजय कुमार जोगदंडे ने मामले का संज्ञान लेते हुए राजस्व उप निरीक्षक सुरेंद्र प्रसाद चमोली व कानूनगो सुरेंद्र सिंह रावत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. जिलाधिकारी ने निलंबित राजस्व उप निरीक्षक सुरेंद्र प्रसाद चमोली को तहसील थलीसैंण और आरके सुरेंद्र सिंह रावत को तहसील लैंसडाउन संबंद्ध किया गया है. डीएम ने मामले की पूरी जांच एसडीएम कोटद्वार को सौंप 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.