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शोध में खुलासाः उत्तराखंड की बदरी गाय के दूध में है पोषक तत्वों का भंडार, घी की बढ़ी डिमांड

दूध को अक्सर संपूर्ण आहार कहा जाता है. दूध में कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए जरूरी होते हैं. कोरोना काल में दूध की डिमांड बहुत बढ़ गई है. उत्तराखंड की बदरी गायों के दूध, दही, मक्खन और घी को तो पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है. एक शोध में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि उत्तराखंड की बदरी गाय का दूध a2 टाइप होता है. इसके बाद से उत्तराखंड के पहाड़ी घी की डिमांड अब विदेशों से भी आ रही है.

Badri cow has A2 nutrition
बदरी गाय
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Published : Feb 21, 2022, 12:40 PM IST

Updated : Feb 21, 2022, 9:18 PM IST

श्रीनगरः भारतीय धर्म ग्रंथों में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है. कहा जाता है कि गाय में एक करोड़ देवी-देवता भी निवास करते हैं. इसके साथ-साथ गाय पालने वाले कृषक दूध बेचकर भी अपनी आजीविका चलाते हैं. हाल ही में युकास्ट (उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान) और बायोटेक्नोलॉजी रुड़की द्वारा पहाड़ी गायों पर शोध किया गया. शोध के तहत पाया गया कि पहाड़ की गाय का दूध a2 टाइप होता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है. लेकिन पहाड़ी गाय (बदरी गाय) के दूध कम देने के कारण अब पहाड़ के लोग बदरी गाय के बजाय दूसरी नस्ल की गाय को पालना शुरू कर रहे हैं.

दरअसल, गाय के दूध के पोषक तत्व को दो भाग a1 और a2 में रखा गया है. जिस दूध में a1 क्वालिटी होती है, इससे बीमार होने का खतरा पैदा हो जाता है. वैज्ञानिकों की माने तो a1 टाइप का दूध पीने से किडनी, लीवर की बीमारियों के खतरे बढ़ जाते हैं. लेकिन पहाड़ की गाय में पाए जाने वाले पोषक तत्व a2 टाइप के होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद ही लाभकारी होते हैं. अब शोध के आधार पर वैज्ञानिक लोगों को पहाड़ में पाई जाने वाली गायों का पालन-पोषण करने की सलाह दे रहे हैं, जिससे उनकी अच्छी खासी आय हो सके.

बदरी गाय के दूध में है पोषक तत्वों का भंडार.

ये भी पढ़ेंः विदेशों में भी महकेगा पहाड़ी देसी घी, डेयरी फेडरेशन ने की तैयारी

युकास्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने ETV भारत से बात करते हुए बताया कि बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपने मिल्क प्रोडक्ट में मेंशन करती है कि उनके दूध में कौन सा पोषक तत्व है. अगर उत्तराखंड के लोग भी अपने दूध को बेचते समय दूध की क्वालिटी का जिक्र करें तो लोगों को अच्छा-खासा मुनाफा हो सकता है. इसके लिए सरकार भी अपनी तरफ से योजनाओं को चला रही है.

उन्होंने बताया कि ये बात सच है कि पहाड़ की गाय अच्छी क्वालिटी का दूध को देती है. लेकिन दूध की मात्रा कम होने के कारण लोग पहाड़ की गाय को पालने में कम रुचि दिखाते हैं. लेकिन लोगों को पहाड़ की गाय पालने से ज्यादा फायदा मिल सकता है.

बदरी गाय के घी की डिमांडः उत्तराखंड का आंचल ब्रांड दूध और उससे बने उत्पादों की डिमांड प्रदेश के साथ-साथ कई राज्यों में भी है. वहीं, उत्तराखंड के आंचल ब्रांड के बदरी गाय, पहाड़ी गाय के अलावा ऑर्गेनिक देसी घी की भी इन दिनों भारी डिमांड है. कई ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनियां उत्तराखंड के पहाड़ी घी की मार्केटिंग देने का काम कर रही हैं. जिससे उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन को भी अच्छा मुनाफा हो रहा है. ऐसे में अब उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन आंचल ब्रांड देसी घी को विदेशों तक पहचान दिलाने जा रहा है. जिससे कि उत्तराखंड के घी की पहचान विदेशों में भी हो सके. साथ ही दुग्ध उत्पादक भी अच्छा मुनाफा कमा सकें.

ये भी पढ़ेंः सात समंदर पार विदेशी ले रहे चमोली की चाय की चुस्‍की, लोग हुए मुरीद

सबसे महंगा बदरी गाय का घीः आंचल ब्रांड द्वारा बदरी गाय के घी, ऑर्गेनिक घी के अलावा पहाड़ी घी की कुछ माह पहले लॉन्चिंग की जा चुकी है. जिसकी बाजार में खूब डिमांड है. दिल्ली में उत्तराखंड के पहाड़ी घी कीमत ₹1400 प्रति किलो, ऑर्गेनिक घी की कीमत ₹2000 प्रति किलो और बदरी गाय के देसी घी की कीमत ₹4,000 प्रति किलो है.

श्रीनगरः भारतीय धर्म ग्रंथों में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है. कहा जाता है कि गाय में एक करोड़ देवी-देवता भी निवास करते हैं. इसके साथ-साथ गाय पालने वाले कृषक दूध बेचकर भी अपनी आजीविका चलाते हैं. हाल ही में युकास्ट (उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान) और बायोटेक्नोलॉजी रुड़की द्वारा पहाड़ी गायों पर शोध किया गया. शोध के तहत पाया गया कि पहाड़ की गाय का दूध a2 टाइप होता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है. लेकिन पहाड़ी गाय (बदरी गाय) के दूध कम देने के कारण अब पहाड़ के लोग बदरी गाय के बजाय दूसरी नस्ल की गाय को पालना शुरू कर रहे हैं.

दरअसल, गाय के दूध के पोषक तत्व को दो भाग a1 और a2 में रखा गया है. जिस दूध में a1 क्वालिटी होती है, इससे बीमार होने का खतरा पैदा हो जाता है. वैज्ञानिकों की माने तो a1 टाइप का दूध पीने से किडनी, लीवर की बीमारियों के खतरे बढ़ जाते हैं. लेकिन पहाड़ की गाय में पाए जाने वाले पोषक तत्व a2 टाइप के होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद ही लाभकारी होते हैं. अब शोध के आधार पर वैज्ञानिक लोगों को पहाड़ में पाई जाने वाली गायों का पालन-पोषण करने की सलाह दे रहे हैं, जिससे उनकी अच्छी खासी आय हो सके.

बदरी गाय के दूध में है पोषक तत्वों का भंडार.

ये भी पढ़ेंः विदेशों में भी महकेगा पहाड़ी देसी घी, डेयरी फेडरेशन ने की तैयारी

युकास्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने ETV भारत से बात करते हुए बताया कि बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपने मिल्क प्रोडक्ट में मेंशन करती है कि उनके दूध में कौन सा पोषक तत्व है. अगर उत्तराखंड के लोग भी अपने दूध को बेचते समय दूध की क्वालिटी का जिक्र करें तो लोगों को अच्छा-खासा मुनाफा हो सकता है. इसके लिए सरकार भी अपनी तरफ से योजनाओं को चला रही है.

उन्होंने बताया कि ये बात सच है कि पहाड़ की गाय अच्छी क्वालिटी का दूध को देती है. लेकिन दूध की मात्रा कम होने के कारण लोग पहाड़ की गाय को पालने में कम रुचि दिखाते हैं. लेकिन लोगों को पहाड़ की गाय पालने से ज्यादा फायदा मिल सकता है.

बदरी गाय के घी की डिमांडः उत्तराखंड का आंचल ब्रांड दूध और उससे बने उत्पादों की डिमांड प्रदेश के साथ-साथ कई राज्यों में भी है. वहीं, उत्तराखंड के आंचल ब्रांड के बदरी गाय, पहाड़ी गाय के अलावा ऑर्गेनिक देसी घी की भी इन दिनों भारी डिमांड है. कई ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनियां उत्तराखंड के पहाड़ी घी की मार्केटिंग देने का काम कर रही हैं. जिससे उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन को भी अच्छा मुनाफा हो रहा है. ऐसे में अब उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन आंचल ब्रांड देसी घी को विदेशों तक पहचान दिलाने जा रहा है. जिससे कि उत्तराखंड के घी की पहचान विदेशों में भी हो सके. साथ ही दुग्ध उत्पादक भी अच्छा मुनाफा कमा सकें.

ये भी पढ़ेंः सात समंदर पार विदेशी ले रहे चमोली की चाय की चुस्‍की, लोग हुए मुरीद

सबसे महंगा बदरी गाय का घीः आंचल ब्रांड द्वारा बदरी गाय के घी, ऑर्गेनिक घी के अलावा पहाड़ी घी की कुछ माह पहले लॉन्चिंग की जा चुकी है. जिसकी बाजार में खूब डिमांड है. दिल्ली में उत्तराखंड के पहाड़ी घी कीमत ₹1400 प्रति किलो, ऑर्गेनिक घी की कीमत ₹2000 प्रति किलो और बदरी गाय के देसी घी की कीमत ₹4,000 प्रति किलो है.

Last Updated : Feb 21, 2022, 9:18 PM IST
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