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श्रीनगर जल विद्युत परियोजना की डीएसबी में किया जा रहा छेद, दूर होगी पानी की किल्लत

श्रीनगर में जल संकट का जल्द समाधान होगा. श्रीनगर जल विद्युत परियोजना का कार्य युद्धस्तर पर जारी है. 12 करोड़ 90 लाख की इस परियोजना से यहां पानी का संकट दूर हो जाएगा.

श्रीनगर जल विद्युत परियोजना
श्रीनगर जल विद्युत परियोजना
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Published : Feb 17, 2020, 3:48 PM IST

श्रीनगरः नगर में जलसंकट के समाधान की दिशा में तेजी से कार्य चल रहा है. यहां पेयजल निगम की ओर से पाइप बिछाने का काम पूर्ण हो गया है. एएचीपीसीएल (अलकनंदा हाइड्रो पावर कंपनी लि.) ने श्रीनगर जल विद्युत परियोजना की डीएसबी (डी सिल्ट बेसिन) पर छेद करना शुरू कर दिया है. इस काम में चार-पांच दिन लग सकते हैं. इसके बाद स्रोत पाइप से जुड़ जाएगा और कुछ समय बाद श्रीनगर को शुद्ध पेयजल की सप्लाई शुरु हो जाएगी.

बहुप्रतीक्षित एएचपीसीएल वित्त पोषित वैकल्पिक स्रोत पेयजल योजना अंतिम चरणों में है. वर्तमान में कार्यदायी संस्था पेयजल निगम देवप्रयाग डिवीजन सुपाणा पुल और डीएसबी के निकट तक पाइप बिछा चुका है. एएचपीसीएल ने जल विद्युत परियोजना की डीएसबी की बाहरी दीवार से जल स्रोत के लिए ड्रिल करना शुरू किया. कई फीट चौड़ी दीवार को काटने में चार-पांच दिन लगने की संभावना है. छेद होने पर डीएसबी का पानी पाइप लाइन से जोड़ दिया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः 49 भूमिहीनों को मिलेगा अपना आशियाना, बनाई जाएगी मॉडल कॉलोनी

जल निगम के अपर सहायक अभियंता प्रदीप भंडारी ने बताया कि योजना का स्रोत जुड़ने पर पहले टेस्टिंग की जाएगी. जिसके बाद पानी सप्लाई सुचारु हो जाएगी.

बता दें कि श्रीनगर जल विद्युत परियोजना का निर्माण होने के बाद कोटेश्वर से श्रीनगर के बीच अलकनंदा नदी के मूल प्रवाह क्षेत्र में पानी कम हो गया है, जिससे श्रीनगर के लिए पानी की सप्लाई प्रभावित हो गयी थी. उक्त पेयजल योजना के निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद अब श्रीनगर में पानी का संकट दूर हो जाएगा. इसके लिए एएचपीसीएल की ओर से 12 करोड़ 90 लाख रुपये प्रदेश सरकार को दिए गए हैं.

श्रीनगरः नगर में जलसंकट के समाधान की दिशा में तेजी से कार्य चल रहा है. यहां पेयजल निगम की ओर से पाइप बिछाने का काम पूर्ण हो गया है. एएचीपीसीएल (अलकनंदा हाइड्रो पावर कंपनी लि.) ने श्रीनगर जल विद्युत परियोजना की डीएसबी (डी सिल्ट बेसिन) पर छेद करना शुरू कर दिया है. इस काम में चार-पांच दिन लग सकते हैं. इसके बाद स्रोत पाइप से जुड़ जाएगा और कुछ समय बाद श्रीनगर को शुद्ध पेयजल की सप्लाई शुरु हो जाएगी.

बहुप्रतीक्षित एएचपीसीएल वित्त पोषित वैकल्पिक स्रोत पेयजल योजना अंतिम चरणों में है. वर्तमान में कार्यदायी संस्था पेयजल निगम देवप्रयाग डिवीजन सुपाणा पुल और डीएसबी के निकट तक पाइप बिछा चुका है. एएचपीसीएल ने जल विद्युत परियोजना की डीएसबी की बाहरी दीवार से जल स्रोत के लिए ड्रिल करना शुरू किया. कई फीट चौड़ी दीवार को काटने में चार-पांच दिन लगने की संभावना है. छेद होने पर डीएसबी का पानी पाइप लाइन से जोड़ दिया जाएगा.

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जल निगम के अपर सहायक अभियंता प्रदीप भंडारी ने बताया कि योजना का स्रोत जुड़ने पर पहले टेस्टिंग की जाएगी. जिसके बाद पानी सप्लाई सुचारु हो जाएगी.

बता दें कि श्रीनगर जल विद्युत परियोजना का निर्माण होने के बाद कोटेश्वर से श्रीनगर के बीच अलकनंदा नदी के मूल प्रवाह क्षेत्र में पानी कम हो गया है, जिससे श्रीनगर के लिए पानी की सप्लाई प्रभावित हो गयी थी. उक्त पेयजल योजना के निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद अब श्रीनगर में पानी का संकट दूर हो जाएगा. इसके लिए एएचपीसीएल की ओर से 12 करोड़ 90 लाख रुपये प्रदेश सरकार को दिए गए हैं.

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