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राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2020 : बहादुर राखी के जज्बे को सुन दंग रह गए लोग, छलकी माता-पिता की आंखें

भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) की ओर से दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में राखी रावत को आसाम राइफल्स के ले. कर्नल रामेश्वर राय के हाथों राष्ट्रीय वीरता मार्कंडेय पुरस्कार दिया गया.

national bravery award
राष्ट्रीय वीरता पुरुस्कार
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Published : Jan 26, 2020, 6:31 PM IST

Updated : Jan 27, 2020, 12:18 PM IST

कोटद्वार: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राखी को राष्ट्रीय वीरता के मार्कंडेय पुरस्कार से सम्मानित किया. इस मौके पर राखी की वीरता की पूरी कहानी सुनाई गई. इस दौरान वहां मौजूद माता-पिता की आंखें छलक उठी. राखी को राष्ट्रीय वीरता मेडल पत्र और ₹40 हजार का चेक देकर सम्मानित किया गया.

भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू ) की ओर से दिल्ली में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें राखी रावत को असम राइफल्स के ले. कर्नल रामेश्वर राय के हाथों राष्ट्रीय वीरता मार्कंडेय पुरस्कार दिया गया. सम्मानित होने के बाद राखी के साथ फोटो खिंचवाने वाले लोगों की होड़ लग गई. देश की जानी-मानी हस्तियों ने भी राखी के साथ सेल्फी ली. इस मौके पर राखी की मां शालिनी देवी, पिता दलबीर सिंह रावत और छोटा भाई राघव मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों पर एक नजर

भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2019 के लिए 12 राज्यों से 10 लड़कियों और 12 लड़कों सहित कुल 22 बच्चों को चुना था. इस वर्ष आईसीसीडब्ल्यू ने पांच विशेष पुरस्कार- आईसीसीडब्ल्यू मार्कंडेय अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू ध्रुव अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू अभिमन्यु अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू प्रहलाद अवार्ड और आईसीसीडब्ल्यू श्रवण अवार्ड की घोषणा की थी.

इसी कड़ी में पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल ब्लॉक के देव कुंडली गांव की राखी रावत को उसके अदम्य साहस ने राष्ट्रीय सम्मान दिलवाया. 11 साल की राखी के हौसले के आगे गुलदार ने भी हार मान ली थी. बीते साल 4 अक्टूबर को अपने 4 साल के छोटे भाई राघव को गुलदार से बचाते समय राखी गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी.

कोटद्वार: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राखी को राष्ट्रीय वीरता के मार्कंडेय पुरस्कार से सम्मानित किया. इस मौके पर राखी की वीरता की पूरी कहानी सुनाई गई. इस दौरान वहां मौजूद माता-पिता की आंखें छलक उठी. राखी को राष्ट्रीय वीरता मेडल पत्र और ₹40 हजार का चेक देकर सम्मानित किया गया.

भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू ) की ओर से दिल्ली में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें राखी रावत को असम राइफल्स के ले. कर्नल रामेश्वर राय के हाथों राष्ट्रीय वीरता मार्कंडेय पुरस्कार दिया गया. सम्मानित होने के बाद राखी के साथ फोटो खिंचवाने वाले लोगों की होड़ लग गई. देश की जानी-मानी हस्तियों ने भी राखी के साथ सेल्फी ली. इस मौके पर राखी की मां शालिनी देवी, पिता दलबीर सिंह रावत और छोटा भाई राघव मौजूद रहे.

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भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2019 के लिए 12 राज्यों से 10 लड़कियों और 12 लड़कों सहित कुल 22 बच्चों को चुना था. इस वर्ष आईसीसीडब्ल्यू ने पांच विशेष पुरस्कार- आईसीसीडब्ल्यू मार्कंडेय अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू ध्रुव अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू अभिमन्यु अवार्ड, आईसीसीडब्ल्यू प्रहलाद अवार्ड और आईसीसीडब्ल्यू श्रवण अवार्ड की घोषणा की थी.

इसी कड़ी में पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल ब्लॉक के देव कुंडली गांव की राखी रावत को उसके अदम्य साहस ने राष्ट्रीय सम्मान दिलवाया. 11 साल की राखी के हौसले के आगे गुलदार ने भी हार मान ली थी. बीते साल 4 अक्टूबर को अपने 4 साल के छोटे भाई राघव को गुलदार से बचाते समय राखी गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी.

Intro:summary गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी ने राखी को राष्ट्रीय वीरता के मार्कंडेय पुरस्कार से सम्मानित किया, इस मौके पर राखी की मां शालिनी देवी, पिता दलबीर सिंह रावत और छोटा भाई राघव मौजूद रहे, राखी का परिवार 19 जनवरी को ही दिल्ली पहुंच गया था।

intro kotdwar भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से दिल्ली में आयोजित भव्य कार्यक्रम में उत्तराखंड की बहादुर बेटी राखी रावत को असाम राइफल के लेजर कर्नल रामेश्वर राय के हाथों से राष्ट्रीय वीरता आईसीसीडब्ल्यू मारकंडे पुरस्कार दिया गया, इस अवसर पर राखी की वीरता की पूरी कहानी सुनाई गई, राखी की कहानी सुनकर दर्शको के करतल ध्वनि से राखी के सहास की सराहना की गई, उसके बाद उसे राष्ट्रीय वीरता मेडल पत्र और ₹40 हजार का चेक देकर सम्मानित किया गया, राखी के सम्मानित होने के बाद वहां पर राखी के साथ फोटो खिंचवाने वाले लोगों की होड़ लग गई देश की जानी-मानी हस्तियों ने भी बहादुर बेटी राखी के साथ सेल्फी ली। देश की जानी मानी हस्तियों के बीच अपनी लाडली राखी को वीरता पुरस्कार पाता देख उसके माता-पिता की आंखों में आंसू छलक गये।


Body:वीओ1- अपने अदम्य साहस से राखी को मिला राष्ट्रीय सम्मान पुरस्कार, बीरोंखाल ब्लॉक के देव कुंडली गांव की राखी को उसके आदम्य साहस ने राष्ट्रीय सम्मान दिलवाया, 11 साल की बहादुर बच्ची राखी के हौसले के आगे गुलदार ने भी हार मान ली थी, विगत वर्ष 4 अक्टूबर के दिन राखी को गुलदान ने उस समय गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था जब वह अपने 4 साल छोटे भाई राघव की ढाल बनकर खड़ी हो गयी थी।


Conclusion:
Last Updated : Jan 27, 2020, 12:18 PM IST
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