ETV Bharat / state

इंदिरा हृदयेश के आखिरी पलों की कहानी, पढ़िए क्या हुआ उस रात

रविवार को दिल्ली के उत्तराखंड सदन भवन में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने अंतिम सांस ली. अंतिम समय में उनके पास मात्र एक गवाह नेता प्रतिपक्ष के जनसंपर्क अधिकारी अभिनव मिश्रा थे. जिन्होंने नेता प्रतिपक्ष की सांसों की डोर को थमते हुआ देखा...

आखिरी पलों की कहानी
आखिरी पलों की कहानी
author img

By

Published : Jun 14, 2021, 12:28 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 2:56 PM IST

हल्द्वानी: नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. दिल्ली के उत्तराखंड भवन में उन्होंने आखिरी सांस ली. अंतिम समय में उनके पास उनके जनसंपर्क अधिकारी अभिनव मिश्रा मौजूद थे. अभिनव ने ईटीवी भारत को बताया कि शनिवार रात और रविवार सुबह क्या-क्या हुआ

नेता प्रतिपक्ष के जनसंपर्क अधिकारी ने क्या कहा आप भी सुनिए...

इंदिरा हृदयेश के जनसंपर्क अधिकारी अभिनव मिश्रा ने बताया कि उत्तराखंड भवन में देर रात तक कांग्रेस के नेता मौजूद रहे. शनिवार देर रात भोजन के बाद सभी सुबह 4 बजे तक एक-दूसरे से मुलाकात करते रहे. जिसके बाद इंदिरा हृदयेश अपने कमरे में सोने चले गई. कमरे में जाते ही उन्हें उल्टी हुई. जिसके बाद उन्होंने इंदिरा हृदयेश से कहा कि आंटी कोई दिक्कत तो नहीं है.

इंदिरा हृदयेश के आखिरी पलों की कहानी.

इसके जवाब में इंदिरा हृदयेश ने कहा कि नहीं कोई दिक्कत नहीं है. आप लोग भी सो जाओ और मैं भी सोने जा रही हूं. इंदिरा हृदयेश उन्हें कहा कि कल यानी (रविवार) कोई कार्यक्रम नहीं है और देर तक वह आराम करेंगी. जिसके बाद वे चले गए और इंदिरा हृदयेश ने अपने कमरे में ही काफी देर तक पिक्चर देखी, जिसके बाद वह सो गईं. सुबह 7 बजे इंदिरा हृदयेश के एक कर्मचारी ने उनको जाकर देखा तो वह सो रही थीं. उनकी सांस लेने का आवाज काफी जोर से आ रही थी.

पढ़ें:BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने दी इंदिरा हृदयेश को श्रद्धांजलि, यादें की साझा

जनसंपर्क अधिकारी अभिनव मिश्रा ने कहा कि रविवार सुबह 11 बजे कमरे से एक जोरदार आवाज आई. उन्हें ऐसा लगा कि इंदिरा हृदयेश अब सो कर उठ गई हैं. इसके बाद उन्होंने कमरे में जाकर देखा तो इंदिरा हृदयेश तब भी बिस्तर पर ही थीं. जब उन्होंने जगाने की कोशिश की तो वह नहीं जगीं. उनके हाथ-पैर ठंडे पड़े हुए थे. उन्होंने तत्काल इसकी सूचना उत्तराखंड सदन के कर्मचारियों को दी. डॉक्टर भी मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक इंदिरा दम तोड़ चुकी थीं.

हल्द्वानी: नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. दिल्ली के उत्तराखंड भवन में उन्होंने आखिरी सांस ली. अंतिम समय में उनके पास उनके जनसंपर्क अधिकारी अभिनव मिश्रा मौजूद थे. अभिनव ने ईटीवी भारत को बताया कि शनिवार रात और रविवार सुबह क्या-क्या हुआ

नेता प्रतिपक्ष के जनसंपर्क अधिकारी ने क्या कहा आप भी सुनिए...

इंदिरा हृदयेश के जनसंपर्क अधिकारी अभिनव मिश्रा ने बताया कि उत्तराखंड भवन में देर रात तक कांग्रेस के नेता मौजूद रहे. शनिवार देर रात भोजन के बाद सभी सुबह 4 बजे तक एक-दूसरे से मुलाकात करते रहे. जिसके बाद इंदिरा हृदयेश अपने कमरे में सोने चले गई. कमरे में जाते ही उन्हें उल्टी हुई. जिसके बाद उन्होंने इंदिरा हृदयेश से कहा कि आंटी कोई दिक्कत तो नहीं है.

इंदिरा हृदयेश के आखिरी पलों की कहानी.

इसके जवाब में इंदिरा हृदयेश ने कहा कि नहीं कोई दिक्कत नहीं है. आप लोग भी सो जाओ और मैं भी सोने जा रही हूं. इंदिरा हृदयेश उन्हें कहा कि कल यानी (रविवार) कोई कार्यक्रम नहीं है और देर तक वह आराम करेंगी. जिसके बाद वे चले गए और इंदिरा हृदयेश ने अपने कमरे में ही काफी देर तक पिक्चर देखी, जिसके बाद वह सो गईं. सुबह 7 बजे इंदिरा हृदयेश के एक कर्मचारी ने उनको जाकर देखा तो वह सो रही थीं. उनकी सांस लेने का आवाज काफी जोर से आ रही थी.

पढ़ें:BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने दी इंदिरा हृदयेश को श्रद्धांजलि, यादें की साझा

जनसंपर्क अधिकारी अभिनव मिश्रा ने कहा कि रविवार सुबह 11 बजे कमरे से एक जोरदार आवाज आई. उन्हें ऐसा लगा कि इंदिरा हृदयेश अब सो कर उठ गई हैं. इसके बाद उन्होंने कमरे में जाकर देखा तो इंदिरा हृदयेश तब भी बिस्तर पर ही थीं. जब उन्होंने जगाने की कोशिश की तो वह नहीं जगीं. उनके हाथ-पैर ठंडे पड़े हुए थे. उन्होंने तत्काल इसकी सूचना उत्तराखंड सदन के कर्मचारियों को दी. डॉक्टर भी मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक इंदिरा दम तोड़ चुकी थीं.

Last Updated : Jun 14, 2021, 2:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.