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प्रोफेसर डीआर पुरोहित को मिला 'गढ़रत्न' सम्मान, उत्तराखंड की लोक संस्कृति के हैं संवाहक - प्रोफेसर दाता राम पुराहित को सम्मान

श्रीनगर के प्रोफेसर दाता राम पुरोहित को गढ़रत्न सम्मान 2022 से नवाजा गया है. उन्हें ये सम्मान उत्तराखंड की लोक संस्कृति को देश विदेश के अकादमिक मंचों पर सशक्त माध्यम से प्रचारित प्रसारित करने और उनके संरक्षण में योगदान के लिए दिया गया है.

Professor DR Purohit got Garh Ratna Award
प्रोफेसर डीआर पुरोहित को मिला 'गढ़रत्न' सम्मान
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Published : Nov 13, 2022, 9:24 PM IST

श्रीनगरः उत्तराखंड लोक परंपराओं, लोक साहित्य और संस्कृति के संवाहक और वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर दाता राम पुराहित (Professor DR Purohit got Garh Ratna Award) को साल 2022 का गढ़रत्न सम्मान दिया गया है. मुंबई स्थित राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रो डीआर पुरोहित को इस सम्मान से नवाजा. उन्हें ये सम्मान उत्तराखंड की लोक संस्कृति (Uttarakhand folk Culture) को देश विदेश के महत्वपूर्ण अकादमिक मंचों पर सशक्त माध्यम से प्रचारित प्रसारित करने और उनके संरक्षण में योगदान के लिए दिया गया है.

बता दें कि प्रोफेसर दाता राम पुरोहित (Data Ram Purohit Garh Ratna Samman) से पहले ये सम्मान जीत सिंह नेगी, कन्हैयालाल डंडरियाल, नरेंद्र सिंह नेगी, डॉ बीडी भट्ट, गौरा देवी जैसी उत्तराखंड की महान विभूतियों को दिया जा चुका है. इस पुरस्कार का आयोजन हर साल उत्तराखंड के जनसरोकारों से जुड़ी देश की महत्वपूर्ण संस्था गढ़वाल भ्रातृ मंडल मुंबई की ओर से किया जाता है. गढ़वाल भ्रातृ मंडल आजादी से भी पहले यानी साल 1928 से गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी समेत समूचे मध्य हिमालयी क्षेत्र के आम सरोकारों से जुड़े कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
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महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor of Maharashtra Bhagat Singh Koshyari) ने प्रो डीआर पुरोहित, गढ़वाल भ्रातृ मंडल और समारोह में आए लोगों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंडी जनमानस की सरल और ईमानदार छवि की मिसाल देश विदेशों में दी जाती है. जो हमारे पूर्वजों की धरोहर है. इस मौके पर गढ़वाल भ्रातृ मंडल के अध्यक्ष रमण मोहन कुकरेती ने संस्था के 94 सालों के गौरवशाली इतिहास का सफरनामा पेश किया.

वहीं, कार्यक्रम में समाज सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाली कई विभूतियों को उत्तराखंड समाज गौरव सम्मान (Uttarakhand Samaj Gaurav Samman) भी दिया गया. जिनमें लोक भाषा के एक और महत्वपूर्ण हस्ताक्षर भीष्म कुकरेती, मनमोहन नौटियाल, वीरेंद्र प्रसाद बडोनी, मेजर शंभू प्रसाद मिश्रा, बंशीधर गैरोला समेत कई महत्वपूर्ण हस्तियां शामिल हैं.
ये भी पढ़ेंः हल्द्वानी में राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन का समापन, आठवीं सूची में शामिल करने की मांग

श्रीनगरः उत्तराखंड लोक परंपराओं, लोक साहित्य और संस्कृति के संवाहक और वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर दाता राम पुराहित (Professor DR Purohit got Garh Ratna Award) को साल 2022 का गढ़रत्न सम्मान दिया गया है. मुंबई स्थित राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रो डीआर पुरोहित को इस सम्मान से नवाजा. उन्हें ये सम्मान उत्तराखंड की लोक संस्कृति (Uttarakhand folk Culture) को देश विदेश के महत्वपूर्ण अकादमिक मंचों पर सशक्त माध्यम से प्रचारित प्रसारित करने और उनके संरक्षण में योगदान के लिए दिया गया है.

बता दें कि प्रोफेसर दाता राम पुरोहित (Data Ram Purohit Garh Ratna Samman) से पहले ये सम्मान जीत सिंह नेगी, कन्हैयालाल डंडरियाल, नरेंद्र सिंह नेगी, डॉ बीडी भट्ट, गौरा देवी जैसी उत्तराखंड की महान विभूतियों को दिया जा चुका है. इस पुरस्कार का आयोजन हर साल उत्तराखंड के जनसरोकारों से जुड़ी देश की महत्वपूर्ण संस्था गढ़वाल भ्रातृ मंडल मुंबई की ओर से किया जाता है. गढ़वाल भ्रातृ मंडल आजादी से भी पहले यानी साल 1928 से गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी समेत समूचे मध्य हिमालयी क्षेत्र के आम सरोकारों से जुड़े कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
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महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor of Maharashtra Bhagat Singh Koshyari) ने प्रो डीआर पुरोहित, गढ़वाल भ्रातृ मंडल और समारोह में आए लोगों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंडी जनमानस की सरल और ईमानदार छवि की मिसाल देश विदेशों में दी जाती है. जो हमारे पूर्वजों की धरोहर है. इस मौके पर गढ़वाल भ्रातृ मंडल के अध्यक्ष रमण मोहन कुकरेती ने संस्था के 94 सालों के गौरवशाली इतिहास का सफरनामा पेश किया.

वहीं, कार्यक्रम में समाज सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाली कई विभूतियों को उत्तराखंड समाज गौरव सम्मान (Uttarakhand Samaj Gaurav Samman) भी दिया गया. जिनमें लोक भाषा के एक और महत्वपूर्ण हस्ताक्षर भीष्म कुकरेती, मनमोहन नौटियाल, वीरेंद्र प्रसाद बडोनी, मेजर शंभू प्रसाद मिश्रा, बंशीधर गैरोला समेत कई महत्वपूर्ण हस्तियां शामिल हैं.
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