श्रीनगरः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर रहीं. उनके साथ उनकी बेटी इतिश्री मुर्मू भी उत्तराखंड आई हुई हैं. बीती रोज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनकी बेटी ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए थे. इसके बाद चारों धामों की रक्षक माने जाने वाले मां धारी देवी मंदिर में इतिश्री मुर्मू ने शीश नवाया और मां का आशीर्वाद लिया.
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बेटी इतिश्री मुर्मू को कड़ी सुरक्षा के बीच धारी देवी मंदिर ले जाया गया. जहां उन्होंने करीब 20 मिनट तक मंदिर में पूजा अर्चना की. उन्होंने मां के चरणों में पूजा की थाल भी चढ़ाई. पुजारियों ने उन्हें मंदिर की पौराणिकता और इतिहास के बारे में बताया. उन्होंने मंदिर परिसर से ही अलकनंदा के दर्शन भी किए. इस दौरान इतिश्री मुर्मू यहां की खूबसूरती और आस्था को देख मंत्रमुग्ध हो गईं.
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भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। साथ ही, पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली तथा गंगा-यमुना जैसी नदी-माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन… pic.twitter.com/rcS8JbVzuk
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। साथ ही, पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली तथा गंगा-यमुना जैसी नदी-माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन… pic.twitter.com/rcS8JbVzuk
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 9, 2023भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। साथ ही, पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली तथा गंगा-यमुना जैसी नदी-माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन… pic.twitter.com/rcS8JbVzuk
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आद्य शक्ति मां धारी देवी पुजारी न्यास के सचिव जगदम्बा प्रसाद पांडेय ने बताया कि इतिश्री मुर्मू करीब 20 मिनट तक मंदिर परिसर में रहीं. इस दौरान उन्होंने मंदिर में मां धारी देवी की पूजा अर्चना की. धारी मंदिर के पुजारी मनीष देव पांडेय ने उनकी पूजा अर्चना करवाई. वहीं, आशीष देव पांडेय ने इतिश्री को मंदिर के ऐतिहासिक के साथ धार्मिक महत्व से अवगत कराया. वहीं, पंडित जगदम्बा प्रसाद पांडेय ने बताया कि उन्होंने यहां शांति पूर्वक पूजा में हिस्सा लिया. इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
वहीं, धारी देवी चौकी प्रभारी अजय भट्ट ने बताया कि सुरक्षा टीमों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बेटी इतिश्री मुर्मू धारी देवी मंदिर पहुंचीं थीं. सुरक्षा के बीच उन्हें मंदिर परिसर ले जाया गया. जहां पूजा अर्चना करने के बाद वे सुरक्षा टीमों के साथ वापस चली गईं. गौर हो कि मां धारी देवी को चारधाम की रक्षक भी कहा जाता है. यह एक सिद्धपीठ भी है. जिसे 'दक्षिणी काली माता' के रूप में पूजा जाता है.