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पौड़ी में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू, 23 अगस्त को मनाया जाएगा त्योहार - जन्माष्टमी का आयोंजन

23 अगस्त को पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहर पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. वहीं, पिछले 10 सालों से इस त्योहार के दिन नगर में युवाओं की ओर से दही हांडी का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है.कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियों को लेकर लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी विनोद प्रसाद बहुगुणा ने बताया कि इस बार 23 अगस्त को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा.

पौड़ी में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू
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Published : Aug 20, 2019, 10:55 AM IST

पौड़ीः 23 अगस्त को पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहर पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. ऐसे में पौड़ी में भी जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. हर साल की तरह इस बार भी भगवान कृष्ण के अवसर पर शहर में शोभायात्रा निकाली जाएगी. जो लक्ष्मी नारायण मंदिर में जाकर समाप्त होगी. वहीं, पिछले 10 सालों से इस त्योहार के दिन नगर में युवाओं की ओर से दही हांडी का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है.

वहीं, कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियों को लेकर लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी विनोद प्रसाद बहुगुणा ने बताया कि इस बार 23 अगस्त को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हर साल अष्टमी के दिन ही जन्म उत्सव मनाया जाता है. रीति-रिवाजों के अनुसार श्री कृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में जन्माष्टमी मनाई जाती है. और रात्रि को पूजा अर्चना व आरती भगवान के जन्म का उत्सव मनाया जाता है. इस साथ ही अगले दिन पौड़ी के युवाओं की ओर से दही हांडी का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है.

पौड़ी में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू

पढ़ेः यही वजह थी कि गांधी आश्रम व्यवस्था पर जोर देते थे

बता दें कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के सुबह वैदिक मंत्रोचार और पूजन के साथ भगवान कृष्ण की मूर्ति को स्नान के बाद सजाया जाता है. जिसके बाद भक्त भगवान श्री कृष्ण के दर्शनकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही स्थानीय युवाओं की ओर से पिछले 10 सालों से श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर दही हांडी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. जो सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है. युवा मयूर भट्ट ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन नगर में झांकी निकाली जाती है.

पौड़ीः 23 अगस्त को पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहर पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. ऐसे में पौड़ी में भी जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. हर साल की तरह इस बार भी भगवान कृष्ण के अवसर पर शहर में शोभायात्रा निकाली जाएगी. जो लक्ष्मी नारायण मंदिर में जाकर समाप्त होगी. वहीं, पिछले 10 सालों से इस त्योहार के दिन नगर में युवाओं की ओर से दही हांडी का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है.

वहीं, कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियों को लेकर लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी विनोद प्रसाद बहुगुणा ने बताया कि इस बार 23 अगस्त को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हर साल अष्टमी के दिन ही जन्म उत्सव मनाया जाता है. रीति-रिवाजों के अनुसार श्री कृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में जन्माष्टमी मनाई जाती है. और रात्रि को पूजा अर्चना व आरती भगवान के जन्म का उत्सव मनाया जाता है. इस साथ ही अगले दिन पौड़ी के युवाओं की ओर से दही हांडी का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है.

पौड़ी में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू

पढ़ेः यही वजह थी कि गांधी आश्रम व्यवस्था पर जोर देते थे

बता दें कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के सुबह वैदिक मंत्रोचार और पूजन के साथ भगवान कृष्ण की मूर्ति को स्नान के बाद सजाया जाता है. जिसके बाद भक्त भगवान श्री कृष्ण के दर्शनकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही स्थानीय युवाओं की ओर से पिछले 10 सालों से श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर दही हांडी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. जो सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है. युवा मयूर भट्ट ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन नगर में झांकी निकाली जाती है.

Intro:श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर हर साल पौड़ी में भी श्री कृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है यहां पर श्री कृष्ण जी की पालकी को पूरे शहर में घुमाकर सभी लोगों को उनके दर्शन करवा कर लक्ष्मी नारायण मंदिर के समक्ष इस झांकी को समाप्त किया जाता है। पिछले 10 सालों से युवाओं की ओर से दही हांडी का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है जो भी व्यक्ति या टीम इस हांडी को तोड़ने में कामयाब होती है उसे पुरस्कृत भी किया जाता है।


Body:लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी विनोद प्रसाद बहुगुणा ने बताया कि इस बार 23 अगस्त को भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाएगा उन्होंने कहा कि हर साल अष्टमी के दिन ही श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाता है कहा कि हमारे रीति-रिवाजों के अनुसार श्री कृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में जन्माष्टमी मनाई जाती है और रात्रि को पूजा अर्चना व आरती भगवान के जन्म का उत्सव मनाया जाता है और अगले दिन पौड़ी के युवाओं की ओर से दही हांडी का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह वैदिक पूजन के साथ भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को नहलाकर  उसे सजाया जाता है और पौड़ी की स्थानीय जनता यहां पहुंचकर भगवान श्री कृष्ण के दर्शन कर उनकी पूजा-अर्चना करती है।

बाईट-विनोद प्रसाद बहुगुणा(पुजारी)


Conclusion:पौड़ी के स्थानीय युवाओं की ओर से पिछले 10 सालों से श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर दही हांडी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जो कि युवाओं के लिए एक आकर्षण का केंद्र बना रहता है युवा मयूर भट्ट ने बताया कि पहले श्री कृष्ण जी को झांकी के साथ पूरे शहर में घुमाकर शहरवासियों को आशीर्वाद दिया जाता है और दोपहर के समय शहर के बीच दही हांडी का कार्यक्रम रखा जाता है दही हांडी को फोड़ने वाले व्यक्ति को पुरस्कृत भी किया जाता है वही पौड़ी के आसपास के गांव के लोग भी गढ़वाली वाद्य यंत्रों  को बजाकर भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाते हैं।

बाईट-मयूर भट्ट(युवा)

बाईट-हिमांशु पंत
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