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श्रीनगर: चौरास स्टेडियम की सुरक्षा दीवार खस्ता, डंप मिट्टी से लोग खौफजदा

रेलवे विकास निगम की ओर से चौरास स्टेडियम के नीचे मिट्टी डंप की जा रही है, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया है. लोगों का कहना है कि अलकनंदा नदी की सुरक्षा दीवार भी दयनीय स्थिति में है, जो कभी भी ढह सकती है. सुरक्षा दीवार भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा है.

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Published : May 30, 2022, 5:28 PM IST

श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास स्टेडियम को फिर से बनाने की कवायद की जा रही है. इसको लेकर रेलवे विकास निगम की ओर से चौरास स्टेडियम के नीचे मिट्टी डंप की जा रही है, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया है. लोगो का कहना है कि डंप की जा रही मिट्टी के कारण भविष्य में अलकनंदा नदी में पानी बढ़ने के कारण ये मलबा श्रीनगर में तबाही मचा सकता है.

स्थानीय वासुदेव कंडारी का कहना है कि पहले भी इसी तरह के मलवे ने श्रीनगर में तबाही मचाई थी. एक बार फिर उसी जगह पर मलबा डंप किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जो सुरक्षा दीवार बनाई गई है, वो ढहने की कगार पर है.

चौरास स्टेडियम की सुरक्षा दीवार खस्ता

स्थानीय निवासी दिनेश पवार का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने श्रीनगर एसडीएम और रेलवे विकास निगम को अवगत कराया है. अगर ये मलबा डंप करना बंद ना किया गया तो लोग आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
पढ़ें- गैरसैंण नहीं.. अब 14 जून से दून में होगा धामी सरकार का बजट सत्र

2013 की आपदा से भयभीत हैं स्थानीय: विदित है कि जून 2013 की आपदा से पहले श्रीनगर जल विद्युत परियोजना की कार्यदायी संस्था जीवीके के इसी जगह पर लाखों टन मलबा डंप किया था. जैसे ही 16 जून की रात को केदारनाथ में आपदा आई तो उसका सैलाब श्रीनगर पहुंचा. उसके बाद डंप किया हुआ सारा मलबा श्रीनगर में लोगों के घरों में जा घुसा था. जिसके कारण एसएसबी, शक्ति बिहार, आईटीआई की कॉलोनियां मलबे से पट गई थीं, जिससे एक बार फिर लोग इस मिट्टी के डंप होने से खौफजदा हैं.

श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास स्टेडियम को फिर से बनाने की कवायद की जा रही है. इसको लेकर रेलवे विकास निगम की ओर से चौरास स्टेडियम के नीचे मिट्टी डंप की जा रही है, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया है. लोगो का कहना है कि डंप की जा रही मिट्टी के कारण भविष्य में अलकनंदा नदी में पानी बढ़ने के कारण ये मलबा श्रीनगर में तबाही मचा सकता है.

स्थानीय वासुदेव कंडारी का कहना है कि पहले भी इसी तरह के मलवे ने श्रीनगर में तबाही मचाई थी. एक बार फिर उसी जगह पर मलबा डंप किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जो सुरक्षा दीवार बनाई गई है, वो ढहने की कगार पर है.

चौरास स्टेडियम की सुरक्षा दीवार खस्ता

स्थानीय निवासी दिनेश पवार का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने श्रीनगर एसडीएम और रेलवे विकास निगम को अवगत कराया है. अगर ये मलबा डंप करना बंद ना किया गया तो लोग आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
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2013 की आपदा से भयभीत हैं स्थानीय: विदित है कि जून 2013 की आपदा से पहले श्रीनगर जल विद्युत परियोजना की कार्यदायी संस्था जीवीके के इसी जगह पर लाखों टन मलबा डंप किया था. जैसे ही 16 जून की रात को केदारनाथ में आपदा आई तो उसका सैलाब श्रीनगर पहुंचा. उसके बाद डंप किया हुआ सारा मलबा श्रीनगर में लोगों के घरों में जा घुसा था. जिसके कारण एसएसबी, शक्ति बिहार, आईटीआई की कॉलोनियां मलबे से पट गई थीं, जिससे एक बार फिर लोग इस मिट्टी के डंप होने से खौफजदा हैं.

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