कोटद्वार/चमोली: जम्मू-कश्मीर के पुंछ राजौरी में बीते दिनों 21 दिसंबर को हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के दो लाल गौतम सिंह और बीरेंद्र सिंह शहीद हुए हैं. गौतम सिंह कोटद्वार (पौड़ी) और बीरेंद्र सिंह चमोली नारायणगड़ के रहने वाले हैं. दोनों जवानों की शहादत के बाद उनके परिजनों को राजौरी बुलाया गया है. बीरेंद्र सिंह के परिजनों को चमोली से लाने के लिए चॉपर भेजा गया है जिसके जरिये परिजनों को जौलीग्रांट लाया जाएगा. वहीं, गौतम सिंह के परिजनों को कोटद्वार से लाने के लिए गाड़ी भेजी गई है. देहरादून जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दोनों शहीदों के परिजनों को राजौरी भेजा जाएगा. इस दौरान सेना के अधिकारी भी परिजनों के साथ रहेंगे. राजौरी से परिजन शहीदों के पार्थिव शरीर के साथ वापस लौटेंगे. घर लौटने पर सैन्य सम्मान के साथ दोनों शहीदों का अंतिम संस्कार होगा.
चमोली एसपी रेखा यादव ने बताया कि सेना ने शहीदों के परिजनों को राजौरी बुलाया है. सेना के साथ परिवार के लोग शहीदों का पार्थिव शरीर लेकर वापस आएंगे. शहीदों के परिजनों को जौलीग्रांट एयरपोर्ट से राजौरी भेजा जाएगा. शहीद गौतम के बड़े भाई राहुल ने बताया सेना मुख्यालय से दूरभाष से उन्हें जानकारी दी गई कि पार्थिव शरीर लेने के लिए परिजनों को जम्मू कश्मीर राजौरी आना होगा.
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11 मार्च को होनी थी गौतम की शादी: गौतम की शहादत की खबर के बाद से ही क्षेत्र में गम का माहौल है. गौतम के परिवार में भी कोहराम मचा हुआ है. शहीद जवान गौतम के घर गांव व रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है. बीते शनिवार ही गौतम छुट्टी से वापस ड्यूटी पर लौटे थे. 11 मार्च को गौतम की शादी होनी थी, जिसकी तैयारियां जोर शोर से चल रही थी. इसी बीच गौतम के शहीद होने की खबर आ गई, जिसने सभी को तोड़कर रख दिया है. गौतम के पिता का दो वर्ष पूर्व देहांत हो चुका है. गौतम अपने पीछे दो बहनें व दो भाई और मां को छोड़कर गए हैं.
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हंसता खेलता परिवार छोड़ गये बीरेंद्र: चमोली नारायणबगड़ विकासखंड के बमियाला गांव के शहीद बीरेंद्र सिंह भी अपने पीछे अपनी पत्नी और दो बेटियों को छोड़ गए हैं. शहीद बीरेंद्र के घर में उनके माता-पिता, दो भाई और एक बहन है. उनके पिता किसान हैं. माता गृहिणी हैं. बीरेंद्र के बड़े भाई ITBP में तैनात हैं. बहन की शादी हो चुकी है. भाई बहनों में बीरेंद्र सिंह सबसे छोटे थे.