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पांच ठेकेदार भी नहीं बना पाए रिखणीखाल का पॉलीटेक्निक, 10 साल से है इंतजार - पॉलीट

सरकारी कामकाज कितनी लेट लतीफी से होते हैं, इसका उदाहरण पौड़ी जिले के रिखणीखाल में देखने को मिल रहा है. यहां 2012 में हुई घोषणा के बाद भी अभी तक पॉलीटेक्निक बनाने का काम पूरा नहीं हुआ है. दिलचस्प बात ये है कि पांच ठेकेदार निर्माण कार्य में लगे हैं.

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कोटद्वार पॉलीटेक्निक समाचार
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Published : Dec 7, 2022, 1:45 PM IST

Updated : Dec 7, 2022, 2:44 PM IST

कोटद्वार: बहुप्रतीक्षित निर्माणाधीन राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज रिखणीखाल की 2012 में घोषणा हुई थी. 10 वर्षों में पॉलीटेक्निक का भवन बन कर तैयार नहीं हो पाया है. करोड़ों की लागत से बन रहे भवन में 10 वर्षों में कक्षा संचालित न होने से रिखणीखाल प्रखंड के विद्यार्थियों को पॉलीटेक्निक की शिक्षा ग्रहण करने के लिए कोटद्वार व दुगड्डा के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

2012 में हुई थी राजकीय पॉलीटेक्निक बनाने की घोषणा: 2012 में राजकीय पॉलीटेक्निक की घोषणा के बाद 2019 में रिखणीखाल क्षेत्र के बड़खेत मैलाड़ाडा तोक में गांव के भूमिधरों ने 101 नाली भूमि कालेज को निःशुल्क दान की. 2012 में घोषणा के कुछ वर्ष बाद समीप राजकीय इंटर कॉलेज के एक कक्ष में संचालित करने के शासनादेश पर राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज रिखणीखाल में प्राचार्य की नियुक्ति भी हुई. लेकिन सकारात्मक सोच न होने के चलते कॉलेज में एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया. इस पर प्राचार्य की नियुक्ति भी स्थगित कर दी गई.

10 साल में पूरा नहीं हुआ निर्माण: उत्तराखंड तकनीकी शिक्षा विभाग का कहना है कि बजट के मुताबिक कार्यदाई संस्था कार्य कर रही है. जल्द ही राजकीय पॉलीटेक्निक रिखणीखाल का भवन बन कर तैयार हो जायेगा. जिसमें सभी ट्रेड भी तैनात किये जायेंगे. बहुप्रतीक्षित निर्माणाधीन राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज रिखणीखाल (बड़खेत) दस साल में भी अधूरा ही बना है.

तूफान में उड़ गई छत: वर्ष 2012 में इस संस्थान की घोषणा व नामांकन बड़खेत के नाम होने के बावजूद सभी बड़खेत निवासियों द्वारा एकत्र हो वर्ष 2019 में ग्रामीण धीरेन्द्र सिंह नेगी के नेतृत्व में मैलाडांडा की भूमि दान कर रजिस्ट्री नामे में करवाई गयी. तदुपरान्त भवन निर्माण को कार्यदाई संस्था उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को जिम्मेदारी सौंपी गई. लेकिन चार साल बीतने पर भी अभी तक भवन निर्माण टिन शेड का ढांचा खाका युक्त ही तैयार हो रहा है. टिन चद्दर की फिटिंग सही नहीं होने पर कुछ चद्दर गर्मियों में तूफान में उड़ाकर कोटड़ी की ओर पहाड़ी में चली गईं. जहां से जिसके हाथ लगी साथ ले गए.

जलापूर्ति करने वाले को नहीं हुआ भुगतान: ऐसे ही वहां पहुंची टाइल्स या अन्य सामग्री की अस्त व्यस्त स्थिति दिखाई देती है. विगत दो वर्ष तक लगातार पानी की आपूर्ति कर रहे भारत सिंह गुसाईं का कहना है कि अपने पिकप से आपूर्ति करने के सालों बाद भी ठेकेदार ने आज तक भी उनका भुगतान नहीं किया. यद्यपि भवन निर्माण में पेयजल संकट भी आड़े आ रहा है, जिस हेतु नियमित पेयजलापूर्ति कराने के लिए डबराड से पेयजल लाइन बिछाने का अनापत्ति प्रमाण पत्र भी मल्ला बड़खेत निवासियों द्वारा क्षेत्रीय विधायक को भेजा गया. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. पॉलीटेक्निक कॉलेज घोषित होने पर कुछ ही साल बाद एक कक्ष राजकीय इंटर कॉलेज में संचालित करने हेतु दिया गया.

पांच ठेकेदार भी पूरा नहीं कर पाए काम: तत्पश्चात प्राचार्य भी नियुक्त हुये, लेकिन वह कागजों में सिमट कर रह गये. अब तक इस निर्माण कार्य के लिए निर्माण निगम द्वारा पांच ठेकेदार क्रमशः बुनियाद, ढांचा, छत निर्माण, चहारदीवारी तथा ढुलान हेतु तैनात किये गए लेकिन किसी का भी काम सन्तोषजनक शायद ही रहा हो. इस विषय पर सचिव तकनीकी शिक्षा से दूरभाष पर वार्ता में बताया गया कि शासन से बजट आवंटन के हिसाब से निर्माण कार्य प्रगति पर है, जल्द पूर्ण करेंगे.
ये भी पढ़ें: दून अस्पताल को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज पर उठे सवाल, SP ट्रैफिक ने बताया 'अनफिट'

विधायक ने दिलाया भरोसा: क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया विनीता ध्यानी का कहना है कि यह सौभाग्य प्राप्ति ही है कि क्षेत्र में पालीटेक्निक संस्थान को मंजूरी के बाद निर्माण कार्य हो रहा है. क्षेत्रीय लोगों के प्रयास को निरर्थक नहीं जाने दिया जायेगा. लैंसडाउन विधायक महंत दलीप सिंह रावत का कहना है कि हर हाल में इसी वर्ष भवन बनकर तैयार करवाया जायेगा. ताकि क्षेत्रीय युवाओं को पॉलीटेक्निक करने हेतु बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

कोटद्वार: बहुप्रतीक्षित निर्माणाधीन राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज रिखणीखाल की 2012 में घोषणा हुई थी. 10 वर्षों में पॉलीटेक्निक का भवन बन कर तैयार नहीं हो पाया है. करोड़ों की लागत से बन रहे भवन में 10 वर्षों में कक्षा संचालित न होने से रिखणीखाल प्रखंड के विद्यार्थियों को पॉलीटेक्निक की शिक्षा ग्रहण करने के लिए कोटद्वार व दुगड्डा के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

2012 में हुई थी राजकीय पॉलीटेक्निक बनाने की घोषणा: 2012 में राजकीय पॉलीटेक्निक की घोषणा के बाद 2019 में रिखणीखाल क्षेत्र के बड़खेत मैलाड़ाडा तोक में गांव के भूमिधरों ने 101 नाली भूमि कालेज को निःशुल्क दान की. 2012 में घोषणा के कुछ वर्ष बाद समीप राजकीय इंटर कॉलेज के एक कक्ष में संचालित करने के शासनादेश पर राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज रिखणीखाल में प्राचार्य की नियुक्ति भी हुई. लेकिन सकारात्मक सोच न होने के चलते कॉलेज में एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया. इस पर प्राचार्य की नियुक्ति भी स्थगित कर दी गई.

10 साल में पूरा नहीं हुआ निर्माण: उत्तराखंड तकनीकी शिक्षा विभाग का कहना है कि बजट के मुताबिक कार्यदाई संस्था कार्य कर रही है. जल्द ही राजकीय पॉलीटेक्निक रिखणीखाल का भवन बन कर तैयार हो जायेगा. जिसमें सभी ट्रेड भी तैनात किये जायेंगे. बहुप्रतीक्षित निर्माणाधीन राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज रिखणीखाल (बड़खेत) दस साल में भी अधूरा ही बना है.

तूफान में उड़ गई छत: वर्ष 2012 में इस संस्थान की घोषणा व नामांकन बड़खेत के नाम होने के बावजूद सभी बड़खेत निवासियों द्वारा एकत्र हो वर्ष 2019 में ग्रामीण धीरेन्द्र सिंह नेगी के नेतृत्व में मैलाडांडा की भूमि दान कर रजिस्ट्री नामे में करवाई गयी. तदुपरान्त भवन निर्माण को कार्यदाई संस्था उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को जिम्मेदारी सौंपी गई. लेकिन चार साल बीतने पर भी अभी तक भवन निर्माण टिन शेड का ढांचा खाका युक्त ही तैयार हो रहा है. टिन चद्दर की फिटिंग सही नहीं होने पर कुछ चद्दर गर्मियों में तूफान में उड़ाकर कोटड़ी की ओर पहाड़ी में चली गईं. जहां से जिसके हाथ लगी साथ ले गए.

जलापूर्ति करने वाले को नहीं हुआ भुगतान: ऐसे ही वहां पहुंची टाइल्स या अन्य सामग्री की अस्त व्यस्त स्थिति दिखाई देती है. विगत दो वर्ष तक लगातार पानी की आपूर्ति कर रहे भारत सिंह गुसाईं का कहना है कि अपने पिकप से आपूर्ति करने के सालों बाद भी ठेकेदार ने आज तक भी उनका भुगतान नहीं किया. यद्यपि भवन निर्माण में पेयजल संकट भी आड़े आ रहा है, जिस हेतु नियमित पेयजलापूर्ति कराने के लिए डबराड से पेयजल लाइन बिछाने का अनापत्ति प्रमाण पत्र भी मल्ला बड़खेत निवासियों द्वारा क्षेत्रीय विधायक को भेजा गया. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. पॉलीटेक्निक कॉलेज घोषित होने पर कुछ ही साल बाद एक कक्ष राजकीय इंटर कॉलेज में संचालित करने हेतु दिया गया.

पांच ठेकेदार भी पूरा नहीं कर पाए काम: तत्पश्चात प्राचार्य भी नियुक्त हुये, लेकिन वह कागजों में सिमट कर रह गये. अब तक इस निर्माण कार्य के लिए निर्माण निगम द्वारा पांच ठेकेदार क्रमशः बुनियाद, ढांचा, छत निर्माण, चहारदीवारी तथा ढुलान हेतु तैनात किये गए लेकिन किसी का भी काम सन्तोषजनक शायद ही रहा हो. इस विषय पर सचिव तकनीकी शिक्षा से दूरभाष पर वार्ता में बताया गया कि शासन से बजट आवंटन के हिसाब से निर्माण कार्य प्रगति पर है, जल्द पूर्ण करेंगे.
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विधायक ने दिलाया भरोसा: क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया विनीता ध्यानी का कहना है कि यह सौभाग्य प्राप्ति ही है कि क्षेत्र में पालीटेक्निक संस्थान को मंजूरी के बाद निर्माण कार्य हो रहा है. क्षेत्रीय लोगों के प्रयास को निरर्थक नहीं जाने दिया जायेगा. लैंसडाउन विधायक महंत दलीप सिंह रावत का कहना है कि हर हाल में इसी वर्ष भवन बनकर तैयार करवाया जायेगा. ताकि क्षेत्रीय युवाओं को पॉलीटेक्निक करने हेतु बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

Last Updated : Dec 7, 2022, 2:44 PM IST
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