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सालों से अधर में लटका पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण, शहरों की ओर जाने को मजबूर हो रहे युवा

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Published : Jan 9, 2020, 12:28 PM IST

जोगणीसैण में पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन का निर्माण कार्य चार साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है. जिससे ग्रामीणों में रोष है.

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पॉलिटेक्निक कॉलेज जोगणीसैण

श्रीनगर: कीर्तिनगर ब्लॉक के जोगणीसैण में स्वीकृत पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन निर्माण का कार्य बीते चार सालों से अधर में लटका हुआ है. जिसे लेकर स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों में भारी रोष है. मामले को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि कई बार मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

गौर हो कि बीते 14 दिसंबर 2016 को कांग्रेस सरकार के दौरान यहां पर पॉलिटेक्निक भवन का शिलान्यास कर निर्माण कार्य शुरू किया गया था. जिसके लिए ग्रामीणों ने 110 नाली जमीन सरकार को दान में दी थी, लेकिन बिडंबना कहें या लापरवाही भवन का निर्माण तो दूर, यहां पर भूमि का समतलीकरण भी नहीं किया गया है. साथ ही सुरक्षा दीवार की मरम्मत का काम भी आधा-अधूरा छोड़ा गया है.

ये भी पढे़ंः HC ने जिला पंचायत अध्यक्ष हरिद्वार को भेजा नोटिस, राज्य सरकार से भी मांगा जवाब

क्षेत्र पंचायत सदस्य मेधा बडोनी ने बताया कि पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. जिससे क्षेत्र की जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जबकि, यह स्थान देवप्रयाग, भिलंगना, कीर्तिनगर तीनों ब्लॉकों का मुख्य केंद्र बिंदु भी है.

वहीं, कमलानंद बडोनी, खेमराज लखेड़ा, दयाराम बडोनी ने बताया कि उन्होंने कॉलेज के लिए अपनी जमीन दान की थी, लेकिन अभी तक कॉलेज का भवन नहीं बन पाया है. ऐसे में युवाओं को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.

ये भी पढे़ंः थलीसैंण ब्लॉक में सड़क निर्माण में बरती जा रही अनियमितता, जांच के लिए टीम गठित

उधर, मामले में देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी का कहना है कि पिछली सरकार ने जिस कंपनी को निर्माण कार्य सौंपा था. उन्होंने भुगतान पूरा न होने के चलते निर्माण कार्य बीच में ही छोड़ दिया है. साथ ही कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते भी काम शुरू नहीं हो पाया है. जल्द ही भवन के निर्माण कार्य के लिए पांच करोड़ रुपये स्वीकृत किए जाएंगे.

श्रीनगर: कीर्तिनगर ब्लॉक के जोगणीसैण में स्वीकृत पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन निर्माण का कार्य बीते चार सालों से अधर में लटका हुआ है. जिसे लेकर स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों में भारी रोष है. मामले को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि कई बार मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

गौर हो कि बीते 14 दिसंबर 2016 को कांग्रेस सरकार के दौरान यहां पर पॉलिटेक्निक भवन का शिलान्यास कर निर्माण कार्य शुरू किया गया था. जिसके लिए ग्रामीणों ने 110 नाली जमीन सरकार को दान में दी थी, लेकिन बिडंबना कहें या लापरवाही भवन का निर्माण तो दूर, यहां पर भूमि का समतलीकरण भी नहीं किया गया है. साथ ही सुरक्षा दीवार की मरम्मत का काम भी आधा-अधूरा छोड़ा गया है.

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क्षेत्र पंचायत सदस्य मेधा बडोनी ने बताया कि पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. जिससे क्षेत्र की जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जबकि, यह स्थान देवप्रयाग, भिलंगना, कीर्तिनगर तीनों ब्लॉकों का मुख्य केंद्र बिंदु भी है.

वहीं, कमलानंद बडोनी, खेमराज लखेड़ा, दयाराम बडोनी ने बताया कि उन्होंने कॉलेज के लिए अपनी जमीन दान की थी, लेकिन अभी तक कॉलेज का भवन नहीं बन पाया है. ऐसे में युवाओं को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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उधर, मामले में देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी का कहना है कि पिछली सरकार ने जिस कंपनी को निर्माण कार्य सौंपा था. उन्होंने भुगतान पूरा न होने के चलते निर्माण कार्य बीच में ही छोड़ दिया है. साथ ही कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते भी काम शुरू नहीं हो पाया है. जल्द ही भवन के निर्माण कार्य के लिए पांच करोड़ रुपये स्वीकृत किए जाएंगे.

Intro:


श्रीनगर। कीर्तिनगर ब्लाक के जोगणीसैण में स्वीकृत पॉलिटेक्निक काॅलेज के भवन का निर्माण कार्य चार साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। जिसे लेकर स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों में रोष व्याप्त है। यहाॅ पॉलिटेक्निक काॅलेज का निर्माण कार्य आधा-अधूरा पड़ा हुआ है। इस सबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन प्रेषित कर चुके है। Body:विदित हो कि 14 दिसंबर 2016 को कांग्रेस शासनकाल में यहा पॉलिटेक्निक का शिलान्यास कर निर्माण कार्य शुरू करवाया गया था। जिसके लिये ग्रामीणों ने 110 नाली भूमी भवन बनाने के लिए सरकार को दान की थी। लेकिन भवन का बनना तो दूर, यहाॅ भूमि का समतलीकरण एवं सुरक्षा दीवार के मरम्मत का कार्य आधा-अधूरा छोड़ कर निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। क्षेत्र पंचायत सदस्य मेधा बडोनी ने बताया कि अगर समय पर यहाॅ पॉलिटेक्निक काॅलेज का निर्माण हो जाता तो आज क्षेत्र की जनता को इसका फायदा मिलता। उक्त स्थान देवप्रयाग, भिलंगना, कीर्तिनगर तीनों ब्लॉकों का मुख्य केंद्र बिंदु हैं। कमलानंद बडोनी, खेमराज लखेडा, दयाराम बडोनी ने बताया कि उन्होनें अपनी भूमी भी पॉलिटेक्निक काॅलेज के लिए दान की थी। अगर पॉलिटेक्निक काॅलेज के भवन का निर्माण जल्दी हो जाता तो इसका लाभ क्षेत्र के सैकड़ों युवाओं को मिल पाता। Conclusion:वहीं पूरे मामले पर देवप्रयाग विद्यायक विनोद कंडारी का कहना है कि पिछले सरकार द्वारा जिस कंपनी को निमार्ण का कार्य सौंपा गया था, उन्होनें भुगतान पूूरा न होने के चलते निर्माण कार्य बीच में ही छोड़ दिया था। साथ ही कुछ तकनिकी दिद्यक्कतों के चलते कार्य शुद्यरू नहीें हो पाया। जल्द ही यहाॅ भवन के निर्माण कार्य हेतू पांच करोड रूपये राज्य सरकार से स्वीकृत कराये जायेंगे।
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