पौड़ी: जिला महिला एवं बाल विकास विभाग में अनुबंध के तहत काम कर रहे कार्मिकों को पिछले 6 महीनों से वेतन नहीं मिला है. साथ ही अनुबंध समाप्त होने के बाद सभी को कार्यमुक्त कर दिया गया है. जिसके बाद सभी कार्मिकों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि मानदेय न दिए जाने की शिकायत निदेशक, सचिव, सीएम पोर्टल व विभागीय मंत्री से करने के बाद भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.
कार्मिकों ने बताया कि उन्हें 6 महीनों से मानदेय नहीं मिला है, जबकि निदेशालय स्तर पर अनुबंध समाप्त होने के बाद उन्हें हटा दिया गया है. कार्मिकों का आरोप है कि केंद्र व राज्य सरकार के आदेश के बावजूद उनके मानदेय से जीएसटी व सर्विस टैक्स काटा जा रहा है. जिला महिला एवं बाल विकास विभाग पौड़ी के 15 ब्लॉकों में जिला समन्वयक, सहायक जिला समन्वयक, परियोजना सहायक व ब्लॉक समन्वयक के रूप में 32 कार्मिक काम कर रहे थे. इन सभी कार्मिकों का अनुबंधित कंपनी से अनुबंध समाप्त होने के बाद सभी को हटा दिया गया है.
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कार्मिक मोहन ने बताया कि उन्हें पिछले 6 महीनों से वेतन नहीं मिला है. साथ ही जो वेतन उन्हें दिया जाना है, उसमें 18 प्रतिशत जीएसटी और अन्य सर्विस टैक्स काटकर देने की बात कही जा रही है. जबकि, भारत सरकार के निर्देश पर अनुबंध में साफतौर पर लिखा गया है कि मानदेय से जीएसटी नहीं काटी जाएगी. मानदेय न दिए जाने की शिकायत निदेशक, सचिव, सीएम पोर्टल व विभागीय मंत्री से करने के बाद भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. जिससे उनका भविष्य खतरे में दिख रहा है.