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कोटद्वार: पानी की किल्लत से जूझ रहे 70 परिवार, जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध

ग्रामीण पिछले काफी समय से पेयजल किल्लत से जूझ रहे है, लेकिन जल संस्थान के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से पेयजल किल्लत से जल्द निजात दिलाने की गुहार लगाई है.

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पानी की किल्लत से जूझ रहे लोग
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Published : Mar 3, 2021, 12:44 PM IST

कोटद्वार: लैंसडॉन विधानसभा की जयहरीखाल ब्लॉक के बांसी गांव के लोग पिछले काफी समय से पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. 70 परिवारों के इस गांव में सप्ताह में मात्र दो दिन ही पानी की सप्लाई होती है. उसमें भी एक परिवार को मात्र दो बर्तन ही पानी मिलता है. लोगों का कहना है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी, पानी की किल्लत बढ़ती रहेगी. लोगों का कहना है कि जल संस्थान को मामले से कई बार अवगत कराया गया, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

स्थानीय ग्रामीण खुशहाल सिंह का कहना है कि क्षेत्र में पेयजल की समस्या काफी दिनों से बनी हुई है. कभी तीन-चार दिन में एक बार पानी आता है, कभी 1 महीने तक पानी ही नहीं आता है. क्षेत्र के सभी प्राकृतिक जल स्त्रोत सूख चुके हैं. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को काफी मुश्किलों सामना करना पड़ॉ रहा है. स्थानीय ग्रामीणों को 2 किलोमीटर दूर पैदल चलकर प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी लाना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल संस्थान ने जल्द ही इस ओर उचित कदम नहीं उठाया तो अब गांव लोग पलायन करने को मजबूर होंगे.

ये भी पढ़ें: राजधानी से मात्र 20 किलोमीटर दूर विकास के इंतजार में ये क्यारा, कब होंगी नजरें इनायत?

वहीं, स्थानीय निवासी उमेद सिंह का कहना है कि पेयजल पेयजल कनेक्शन लगने के बाद से लाइनमैन गांव में आया ही नहीं. तीन-चार दिनों में एक बार पानी आता है, वह भी 10 परिवारों के बीच एक स्टैंड पोस्ट है, उसमें भी 4 से 5 दिन में एक परिवार का पानी भरने का नंबर आता है.

कोटद्वार: लैंसडॉन विधानसभा की जयहरीखाल ब्लॉक के बांसी गांव के लोग पिछले काफी समय से पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. 70 परिवारों के इस गांव में सप्ताह में मात्र दो दिन ही पानी की सप्लाई होती है. उसमें भी एक परिवार को मात्र दो बर्तन ही पानी मिलता है. लोगों का कहना है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाएगी, पानी की किल्लत बढ़ती रहेगी. लोगों का कहना है कि जल संस्थान को मामले से कई बार अवगत कराया गया, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

स्थानीय ग्रामीण खुशहाल सिंह का कहना है कि क्षेत्र में पेयजल की समस्या काफी दिनों से बनी हुई है. कभी तीन-चार दिन में एक बार पानी आता है, कभी 1 महीने तक पानी ही नहीं आता है. क्षेत्र के सभी प्राकृतिक जल स्त्रोत सूख चुके हैं. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को काफी मुश्किलों सामना करना पड़ॉ रहा है. स्थानीय ग्रामीणों को 2 किलोमीटर दूर पैदल चलकर प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी लाना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल संस्थान ने जल्द ही इस ओर उचित कदम नहीं उठाया तो अब गांव लोग पलायन करने को मजबूर होंगे.

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वहीं, स्थानीय निवासी उमेद सिंह का कहना है कि पेयजल पेयजल कनेक्शन लगने के बाद से लाइनमैन गांव में आया ही नहीं. तीन-चार दिनों में एक बार पानी आता है, वह भी 10 परिवारों के बीच एक स्टैंड पोस्ट है, उसमें भी 4 से 5 दिन में एक परिवार का पानी भरने का नंबर आता है.

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