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जसोधरपुर इंडस्ट्रीज का धुआं दे रहा घातक बीमारियों को न्योता, अधिकारी सो रहे चैन की नींद - कोटद्वार जसोधरपुर स्थित इंडस्ट्री एरिया

कोटद्वार जसोधरपुर स्थित इंडस्ट्री के कारखानों से निकलते वाले धुएं से पर्यावरण दूषित हो रहा है. वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं. प्रदूषण के कारण आसपास के क्षेत्रों में पशु पक्षी से लेकर मानव तक के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

जसोधरपुर इंडस्ट्रीज का धुआं दे रहा घातक बीमारियों को न्यौता.
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Published : Oct 20, 2019, 6:05 PM IST

कोटद्वार: पीएम नरेंद्र मोदी देश में प्रदूषण को रोकने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं. साथ ही इन योजनाओं पर करोड़ों रुपये भी खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन, पीएम नरेंद्र मोदी की योजनाओं पर जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया के कारखाने पलीता लगा रहा हैं. जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया से निकलता काला धुआं पूरे पर्यावरण को दूषित कर रहा है. वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं.

जसोधरपुर इंडस्ट्रीज का धुआं दे रहा घातक बीमारियों को न्यौता.

कई बार स्थानीय लोगों ने इसके लिए धरना प्रदर्शन से लेकर शासन प्रशासन तक से इसकी शिकायत की. लेकिन, अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों की शिकायत को अनसुना कर दिया. पक्षियों की तो कई प्रजातियां जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया के आसपास से विलुप्त हो गई हैं. वहीं, आसपास के क्षेत्रों में निवास कर रहे लोग दमा, पेट दर्द, खांसी आदि जैसी घातक बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: देहरादून पुलिस लूटकांड: सेमी ज्यूडिशियल टीम ने पूरी की जांज, आरोपी पुलिसकर्मी हो सकते हैं बर्खास्त

कई बार स्थानीय निवासियों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से की. लेकिन, शिकायत के बाद भी स्थानीय लोगों को निराशा ही हाथ लगी. फैक्ट्री मालिकों की दबंगई इतनी बढ़ गई है कि दिनदहाड़े फैक्ट्रियों से काला धुआं निकल रहा है. स्थानीय निवासियों के धरना प्रदर्शन और शिकायतों का इन फैक्ट्री मालिकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.

डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण से अधिकांश सांस की बीमारी और दमे की शिकायत होती है. स्मोक रिलेटिव बीमारी अधिक होती है. डॉक्टर ने भी कहा कि वैसे तो आवासीय क्षेत्रो में कारखाने नहीं होने चाहिए. वहीं, स्थानीय निवासियों ने बताया कि ये सब मिलीभगत से होता है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से हर 6 महीने में एनओसी लेनी पड़ती है, साथ ही समय-समय पर चेकिंग भी होनी चाहिए.

कोटद्वार: पीएम नरेंद्र मोदी देश में प्रदूषण को रोकने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं. साथ ही इन योजनाओं पर करोड़ों रुपये भी खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन, पीएम नरेंद्र मोदी की योजनाओं पर जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया के कारखाने पलीता लगा रहा हैं. जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया से निकलता काला धुआं पूरे पर्यावरण को दूषित कर रहा है. वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं.

जसोधरपुर इंडस्ट्रीज का धुआं दे रहा घातक बीमारियों को न्यौता.

कई बार स्थानीय लोगों ने इसके लिए धरना प्रदर्शन से लेकर शासन प्रशासन तक से इसकी शिकायत की. लेकिन, अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों की शिकायत को अनसुना कर दिया. पक्षियों की तो कई प्रजातियां जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया के आसपास से विलुप्त हो गई हैं. वहीं, आसपास के क्षेत्रों में निवास कर रहे लोग दमा, पेट दर्द, खांसी आदि जैसी घातक बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं.

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कई बार स्थानीय निवासियों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से की. लेकिन, शिकायत के बाद भी स्थानीय लोगों को निराशा ही हाथ लगी. फैक्ट्री मालिकों की दबंगई इतनी बढ़ गई है कि दिनदहाड़े फैक्ट्रियों से काला धुआं निकल रहा है. स्थानीय निवासियों के धरना प्रदर्शन और शिकायतों का इन फैक्ट्री मालिकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.

डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण से अधिकांश सांस की बीमारी और दमे की शिकायत होती है. स्मोक रिलेटिव बीमारी अधिक होती है. डॉक्टर ने भी कहा कि वैसे तो आवासीय क्षेत्रो में कारखाने नहीं होने चाहिए. वहीं, स्थानीय निवासियों ने बताया कि ये सब मिलीभगत से होता है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से हर 6 महीने में एनओसी लेनी पड़ती है, साथ ही समय-समय पर चेकिंग भी होनी चाहिए.

Intro:summary प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में प्रदूषण को रोकने के लिए कई योजनाएं चला रहे है, व करोड़ों रुपए के प्रदुषण को रोकने के लिए खर्च भी किए जा रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं पर जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया पलीता लगा रहा हैं, जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया से निकलता काला धुआं पूरे पर्यावरण को दूषित कर रहा है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं।


intro kotdwar, कोटद्वार जसोधरपुर स्थित इंडस्ट्री एरिया के कारखानों से निकलते वाले धुँए से पर्यावरण दूषित होता जा रहा है लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं, प्रदूषण के कारण आसपास के क्षेत्रों में पशु पक्षी से लेकर मानव तक के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, पक्षियों की तो कई प्रजातियां जसोधरपुर इंडस्ट्रीज एरिया के आसपास से विलुप्त हो गई हैं, वहीं आसपास के क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों को दमा, पेट, दर्द खांसी जैसी घातक बीमारियों में इजाफा होता जा रहा है, कई बार स्थानीय लोगों ने इसके लिए धरना प्रदर्शन से लेकर शासन प्रशासन तक इसकी शिकायत की लेकिन किसी ने भी स्थानीय निवासियों की एक ना सुनी।


Body:वीओ1- कई बार स्थानीय निवासियों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से की, लेकिन शिकायत के बाद भी स्थानीय लोगो को निराश होना पड़ा, फैक्ट्री मालिकों की दबंगई इतनी बढ़ गई है कि दिनदहाड़े फैक्ट्रियों से काला धुआं निकल रहा है, स्थानीय निवासियों के धरना प्रदर्शन और शिकायतों का इन फैक्ट्री मालिकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, स्थानीय निवासियों की मानें तो सब यह सब मिलीभगत के कारण हो रहा है।


वीओ2- डॉक्टर भी कहते कि जो पोलूशन होता है इसमें अधिकांश सांस की बीमारी और दमे की शिकायत ज्यादा होती है स्मोक रिलेटिव बीमारी अधिक होती हैं डॉक्टर ने भी कहा कि वैसे तो आवासीय क्षेत्रो में कारखाने नहीं होने चाहिए।

वही स्थानीय निवासी का कहना है कि यह सब मिलीभगत से होता है नहीं तो प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड से हर 6 महीने में एनओसी लेनी पड़ती है समय-समय पर चेकिंग भी होनी चाहिये,

बाइट जगदीश चंद्र ध्यानी डॉक्टर बेस चिकित्सालय
बाइट वीरेन्द्र भारद्वाज समाज सेवी
बाइट उदय सिंह नेगी स्थानीय निवाशी
पी टू सी विकाश वर्मा


Conclusion:
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