पौड़ी: वाहन चालकों के आंखों पर लाइट पड़ने से होने वाले हादसों पर अब आसानी से रोक लग सकेगी. जी हां... पौड़ी में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी के दौरान एक छात्रा ने ऐसा मॉडल पेश किया है, जो सड़क हादसों में काफी हद तक सड़क हादसों में रोक लगाने में मददगार साबित होगा. वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि छात्रा ने जो मॉडल ईजाद किया है वो काबिल-ए-तारीफ है.
वहीं, एकेश्वर के जूनियर हाईस्कूल रिग्वाड़ी में पढ़ने वाली छात्रा तितिषा ने एक मॉडल तैयार किया है, जिसमें लाइट डिपेंडेंट रेजिस्टेंस लगा है. इस मॉडल से सामने से आने वाले वाहनों की हेड लाइट, दूसरे वाहनों पर पड़ते ही अपने आप ही धीमी हो जाएगी. इस दौरान विज्ञान के शिक्षक राकेश पोखरियाल ने बताया कि छात्रा द्वारा इस मॉडल को तैयार करने में करीब तीन हजार रुपए का खर्च आया है. पोखरियाल ने कहा कि इस मॉडल में आंशिक परिवर्तन कर इसको वाहनों में लगाया जा सकता है.
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वहीं, छात्रा तितिषा ने बताया कि ये मॉडल 20 मीटर की दूरी से काम करना शुरू कर देता है. इस मॉडल में लाइट डिपेंडेंट रेजिस्टेंस (एलडीआर) लगा है. एलडीआर पर जैसे ही तेज लाइट पड़ते ही ये मॉडल उसकी तीव्रता का पता लगा लेगा, जिसके बाद ये मॉडल लाइट की तीव्रता को कम करने के लिए मास्टर सर्किट ऑर्डिनों को एक मैसेज भेजेगा. जिसके बाद मास्टर सर्किट रिले मॉड्यूल को लाइट कम करने के लिए आदेशित करेगा. इस तरह से एलडीआर सामने से पड़ने वाली लाइट को अपने आप ही कम कर देगा.