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आपदा के दौरान तुरंत एक्शन में आएगी SDRF, सभी जगहों पर पहुंचाई गई राहत बचाव किट - कोटद्वार पुलिस

पौड़ी में आपदा राहत बचाव कार्य के लिए जल पुलिस, आपदा राहत बचाव दल, सिविल पुलिस सहित फायर बिग्रेड और एसडीआरएफ की टीम के लगभग 150 जवान मुस्तैद हैं.

आपदा से निपटने के लिए तैयार पुलिस.
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Published : Jul 4, 2019, 12:21 PM IST

कोटद्वार: जिले में किसी भी तरह की आपदा या अप्रिय घटना से निपटने के लिए जल पुलिस, आपदा राहत बचाव दल, सिविल पुलिस, फायर ब्रिगेड, सहित एसडीआरएफ की टीम हर वक्त तैयार है. एसडीआरएफ टीम इंचार्ज जयपाल राणा का कहना है हमारे पास आपदा राहत बचाव किट उपलब्ध है और हर थाना या चौकी में आपदा राहत बचाव किट की जानकारी के साथ जवान मौजूद हैं.

कोटद्वार स्थित एसडीआरएफ टीम इंचार्ज जयपाल राणा ने बताया कि बचाव किट में फ्लड से संबंधित सामान, रेस्क्यू कार्य का सामान, फर्स्ट एड किट जैसे तमाम उपकरण मौजूद हैं. हर टीम को हफ्ते में 5 दिन अभ्यास करना अनिवार्य है. साथ ही हफ्ते में एक बार 10 से 15 किलोमीटर दूर जाकर मॉक ड्रिल भी किया जाता है.

आपदा से निपटने के लिए तैयार पुलिस.

पढ़ें: सफाई के मामले में डोईवाला नगर पालिका ने हासिल किया पहला स्थान, सीएम त्रिवेंद्र ने किया सम्मानित

जयपाल ने बताया कि कोटद्वार की एसडीआरएफ में 10 लोग मौजूद हैं. जोकी किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने व राहत बचाव कार्य के लिए तैयार हैं. अगर ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ती है तो आसपास के थाने, फायर ब्रिगेड और अपनी कंपनी से ही राहत बचाव दल की व्यवस्था की जाती है.

वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप राय ने कहा कि जिले में आपदा को ध्यान में रखते हुए हर थाने में आपदा राहत बचाव किट दे दी गई है. इसके अलावा श्रीनगर, कोटद्वार में हमारी एसडीआरएफ की टीम मौजूद है. साथ ही श्रीनगर में जल पुलिस व आपदा रक्षक दल अलग से बनाया गया है. जिसमें सिविल पुलिस और पीएसी के जवान भी शामिल हैं. ये टीमें श्री कोट में कैंप भी करती हैं.

कोटद्वार: जिले में किसी भी तरह की आपदा या अप्रिय घटना से निपटने के लिए जल पुलिस, आपदा राहत बचाव दल, सिविल पुलिस, फायर ब्रिगेड, सहित एसडीआरएफ की टीम हर वक्त तैयार है. एसडीआरएफ टीम इंचार्ज जयपाल राणा का कहना है हमारे पास आपदा राहत बचाव किट उपलब्ध है और हर थाना या चौकी में आपदा राहत बचाव किट की जानकारी के साथ जवान मौजूद हैं.

कोटद्वार स्थित एसडीआरएफ टीम इंचार्ज जयपाल राणा ने बताया कि बचाव किट में फ्लड से संबंधित सामान, रेस्क्यू कार्य का सामान, फर्स्ट एड किट जैसे तमाम उपकरण मौजूद हैं. हर टीम को हफ्ते में 5 दिन अभ्यास करना अनिवार्य है. साथ ही हफ्ते में एक बार 10 से 15 किलोमीटर दूर जाकर मॉक ड्रिल भी किया जाता है.

आपदा से निपटने के लिए तैयार पुलिस.

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जयपाल ने बताया कि कोटद्वार की एसडीआरएफ में 10 लोग मौजूद हैं. जोकी किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने व राहत बचाव कार्य के लिए तैयार हैं. अगर ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ती है तो आसपास के थाने, फायर ब्रिगेड और अपनी कंपनी से ही राहत बचाव दल की व्यवस्था की जाती है.

वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप राय ने कहा कि जिले में आपदा को ध्यान में रखते हुए हर थाने में आपदा राहत बचाव किट दे दी गई है. इसके अलावा श्रीनगर, कोटद्वार में हमारी एसडीआरएफ की टीम मौजूद है. साथ ही श्रीनगर में जल पुलिस व आपदा रक्षक दल अलग से बनाया गया है. जिसमें सिविल पुलिस और पीएसी के जवान भी शामिल हैं. ये टीमें श्री कोट में कैंप भी करती हैं.

Intro:summary जिले में आपदा राहत बचाव कार्य के लिए जल पुलिस,आपदा राहत बचाव दल, सिविल पुलिस सहित फायर बिग्रेड और एसडीआरएफ की टीम के लगभग 150 जवान मुस्तैद।

intro पौड़ी जिले में दैवीय आपदा, घटना दुर्घटना में राहत बचाव के लिए जल पुलिस, आपदा राहत बचाव दल, सिविल पुलिस, फायर ब्रिगेड, सहित एसडीआरएफ की टीम हर परिस्थिति से निपटने के लिए तत्पर तैयार है, वहीं हर थाना चौकी में आपदा राहत बचाव कार्य की किट की जानकारी के साथ जवान मौजूद है,
यह टीमें श्रीनगर के श्री कोट, लक्ष्मण झूला व कोटद्वार में मौजूद हैं।


Body:वीओ1- वहीं कोटद्वार स्थित एसडीआरएफ टीम इंचार्ज जयपाल राणा ने बताया कि हमारे पास पूरी आपदा राहत बचाव की किट उलब्ध है जिसमें हमारे पास फ्लड से संबंधित सामान उपलब्ध है रो रेस्क्यू का भी सामान उपलब्ध है फर्स्ट एंड कि हमारे पास पूर्णता कीट मौजूद है इस प्रकार की तैयारी हम हर समय करके तैयार रहते हैं प्रत्येक दिन हमारी टीम अभ्यास भी करती है जो मारी कंपनी कमांडेंट है उनका आदेश है कि सप्ताह में 5 बार दिन और 5 बार रात में टीम को अभ्यास करना अनिवार्य है साथ ही सप्ताह में कम से 10 से 15 किलोमीटर दूर जाकर मौक अभ्यास भी किया जाता है जो हमारी कोटद्वार में एसडीआरएफ की टीम है उसमें 10 लोग मौजूद हैं किसी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए व राहत बचाव कार्य के लिए 10 लोगों की टीम ही बहुत है अगर जरूरत पड़ती है तो आसपास के थाना फायर ब्रिगेड और अपनी कंपनी से ही राहत बचाव दल की व्यवस्था की जाती है बाकी कोटद्वार स्थित टीम हर समय अपनी किट लेकर राहत बचाव कार्य के लिए तत्पर रवाना होने के लिए तैयार रहती है

one to one jaypal rana

वीओ2- अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप राय ने बताया कि जिले में आपदा को ध्यान में रखते हुए हर थाना में आपदा राहत बचाव के लिए पूरी किट पहले से ही दी गई है, किट जिले के हर थाने में उपलब्ध है इसके अलावा श्रीनगर कोटद्वार में हमारी एसडीआरएफ की टीम मौजूद है, साथ ही श्रीनगर में जल पुलिस व आपदा रक्षक दल अलग से बनाया गया है इसमें सिविल पुलिस और पी ए सी के जवान हैं श्री कोर्ट में यह टीमें कैंप करती हैं यह टीम रुद्रप्रयाग के इलाकों को भी कबर करती है साथी हमारे पास एक जल पुलिस का बेडा लक्ष्मण झूला में मौजूद है जो वहां पर आने जाने वाले पर्यटकों को पर नजर बनाए रखती है अगर कहीं पर किसी तरह की आपदा की घटना की सूचना आती है तो इन टीमों को भी मौके के लिए रवाना किया जाता है कोटद्वार में हमारे पास कोतवाली में भी आपदा किट मौजूद है व आपदा राहत बचाव कार्य से शिक्षित सिपाही मौजूद है साथी कोटद्वार ग्रस्टनगंज स्थित हेलीपैड मैं एक एसडीआरएफ की टीम मौजूद है जो हर दम आपदा से निबटने के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था में रहती है किसी भी तरह की आपदा आने की सूचना में रात बचाव कार्य के लिए तैयार रहती है।

बाइट प्रदीप रॉय अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार


Conclusion:
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