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बंदूण गांव में बिजली के टूटे पोल दे रहे चमोली हादसे को न्योता, डीएम ने UPCL को दिया 24 घंटे का समय - पौड़ी डीएम आशीष चौहान

पौड़ी डीएम ने सतपुली के बंदूण गांव में मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया. इस दौरान गांव में बिजली व्यवस्था भगवान भरोसे नजर आई. बिजली के टूट पोल से बिजली की तारें लटक रही थी. डीएम ने यूपीसीएल को ठीक करने के लिए 24 घंटे का समय दिया है.

Pauri DM Ashish Chauhan
पौड़ी डीएम आशीष चौहान
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Published : Jul 26, 2023, 10:51 PM IST

पौड़ी: सतपुली तहसील के आंतरिक गांवों में बिजली व्यवस्था भगवान भरोसे है. टूटे पोलों में झूलती तारों पर जरा सी भी चूक चमोली करंट हादसे जैसी घटना को न्योता दे सकती है. ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने अफसरों से इसकी शिकायत नहीं की. लेकिन कोई भी इस समस्या को गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं है. वहीं अब मामला डीएम पौड़ी के संज्ञान में आया है.

डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 24 घंटों के भीतर टूटे पोलों की झूलती तारों को ठीक करने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं, डीएम ने लापरवाही मिलने पर संबंधित ठेकेदार पर मुकदमा भी दर्ज करने को कहा है. डीएम ने कहा कि चमोली करंट हादसे के बाद बिजली को लेकर जरा सी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. डीएम ने यूपीसीएल के अफसरों को झूलती तारों और लटकते पोलों का तत्काल निरीक्षण कर रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं.

बुधवार को पौड़ी डीएम ने जिले के दूरस्थ तहसीलों के आंतरिक गांवों में मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया. इस दौरान डीएम डॉ. आशीष चौहान सतपुली के बंदूण गांव पहुंचे. जहां गांवों में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर केवल ग्रामीण मोटर मार्ग ही पहुंचा है. डीएम के सामने ग्रामीणों ने खुलकर क्षेत्र की समस्याएं रखी.
ये भी पढ़ेंः मसूरी में नेशनल हाईवे 707-A पर भारी भूस्खलन, 4 घंटे तक बंद रहा राजमार्ग

गांव में स्वास्थ्य केंद्र नहीं: बंदूण की प्रधान अंजली देवी ने कहा कि गांव में स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. इस कारण बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. छोटी सी बीमारी के लिए लंबी दौड़ लगानी पड़ती है. यहां तक कि नवजात शिशुओं को टीके आदि के लिए दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है. इस पर डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को तत्काल भूमि चयनित करते हुए पीएचसी का डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए.

सड़क तो कट गई लेकिन नहीं मिला मुआवजाः बंदूण के ग्रामीणों ने डीएम से कहा कि गांव में पीएमजीएसवाई के द्वारा सड़क तो पहुंच गई है. लेकिन लंबे समय से उन्हें भूमि कटान का मुआवजा नहीं मिला. कई बार लोनिवि के अफसरों को अवगत कराया गया, लेकिन इस मामले में महकमा गंभीर ही नहीं है. इस पर डीएम ने हीलाहवाली करने वाले अफसरों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए. साथ ही पीएमजीएसवाई के अफसरों को 10 दिनों के भीतर मुआवजा मुहैया कराने को कहा है.
ये भी पढ़ेंः ऋषिकेश IDPL के आवासों को ध्वस्त करने के आदेश पर रोक, HC ने सरकार से मांगा जवाब

पौड़ी: सतपुली तहसील के आंतरिक गांवों में बिजली व्यवस्था भगवान भरोसे है. टूटे पोलों में झूलती तारों पर जरा सी भी चूक चमोली करंट हादसे जैसी घटना को न्योता दे सकती है. ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने अफसरों से इसकी शिकायत नहीं की. लेकिन कोई भी इस समस्या को गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं है. वहीं अब मामला डीएम पौड़ी के संज्ञान में आया है.

डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 24 घंटों के भीतर टूटे पोलों की झूलती तारों को ठीक करने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं, डीएम ने लापरवाही मिलने पर संबंधित ठेकेदार पर मुकदमा भी दर्ज करने को कहा है. डीएम ने कहा कि चमोली करंट हादसे के बाद बिजली को लेकर जरा सी भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. डीएम ने यूपीसीएल के अफसरों को झूलती तारों और लटकते पोलों का तत्काल निरीक्षण कर रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं.

बुधवार को पौड़ी डीएम ने जिले के दूरस्थ तहसीलों के आंतरिक गांवों में मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया. इस दौरान डीएम डॉ. आशीष चौहान सतपुली के बंदूण गांव पहुंचे. जहां गांवों में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर केवल ग्रामीण मोटर मार्ग ही पहुंचा है. डीएम के सामने ग्रामीणों ने खुलकर क्षेत्र की समस्याएं रखी.
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गांव में स्वास्थ्य केंद्र नहीं: बंदूण की प्रधान अंजली देवी ने कहा कि गांव में स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. इस कारण बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. छोटी सी बीमारी के लिए लंबी दौड़ लगानी पड़ती है. यहां तक कि नवजात शिशुओं को टीके आदि के लिए दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है. इस पर डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को तत्काल भूमि चयनित करते हुए पीएचसी का डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए.

सड़क तो कट गई लेकिन नहीं मिला मुआवजाः बंदूण के ग्रामीणों ने डीएम से कहा कि गांव में पीएमजीएसवाई के द्वारा सड़क तो पहुंच गई है. लेकिन लंबे समय से उन्हें भूमि कटान का मुआवजा नहीं मिला. कई बार लोनिवि के अफसरों को अवगत कराया गया, लेकिन इस मामले में महकमा गंभीर ही नहीं है. इस पर डीएम ने हीलाहवाली करने वाले अफसरों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए. साथ ही पीएमजीएसवाई के अफसरों को 10 दिनों के भीतर मुआवजा मुहैया कराने को कहा है.
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