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शानदार पहल: पौड़ी के इन गांवों में मुख्य दरवाजे पर लगी है बेटी की नेम प्लेट

पौड़ी जिला प्रशासन की इस अनोखी पहल से बेटियों को पहचान मिल रही है. घर से आगे उनके नाम की प्लेट लगाई जा रही है. इस योजना के शुरू होने से बेटियां में भी काफी खुश नजर आ रही हैं.

Pauri girl nameplate
बेटियों को मिल रही पहचान
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Published : Dec 1, 2020, 7:40 PM IST

Updated : Dec 2, 2020, 7:49 PM IST

पौड़ी: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बेटियों को उनकी पहचान दिलाने के लिए जिला प्रशासन पौड़ी की ओर से शुरू की गई शानदार पहल "घौर की पछ्यांण नौनी कु नौ" (घर की पहचान बेटी के नाम) अपनी पहचान बनाने लगी है. पौड़ी उत्तराखंड का पहला जिला है जहां पर ऐसी योजना की शुरुआत की गई है.

Pauri girl nameplate
बेटियों से होगी घर की पहचान.

इस योजना की शुरुआत पौड़ी के खिर्सू ब्लॉक से की गई. यहां अबतक दो गांवों के 125 घरों ने शान ने अपनी बेटियों के नाम घर के बाहर लगाए हैं. बुदेशु गांव के 70 और मल्ली गांव के 55 घरों में नेम प्लेट लगाई गई हैं.

Pauri girl nameplate
बेटियों के नाम को पहचान.

अच्छी बात ये है कि ग्रामीण खुद इस काम को करने के लिए आगे आ रहे हैं. यह सिलसिला जनपद के सभी ब्लॉकों में किया जाना है. वहीं बेटियां भी इस योजना से काफी खुश नजर आ रही हैं. उन्हें काफी गर्व है कि उनके नाम से उनके घर की पहचान होगी. परिजन भी इस योजना की शुरुआत के बाद खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

Pauri girl nameplate
पौड़ी जनपद की बेटियों को मिल रही पहचान
'घौर की पछ्यांण नौनी कु नौ'.

परिजनों का कहना है कि बेटियों को समाज में सशक्त और मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से किये गए प्रयास काफी सराहनीय है.

Pauri girl nameplate
बेटियों को सशक्त बनाया है मकसद.

एक ब्लॉक से की गई थी शुरुआत

बीते 9 सितंबर को पौड़ी जिला प्रशासन व महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से 'घौर की पछ्याण, नौनी कु नौ' योजना शुरू की गई थी. इस दौरान उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने खिर्सू ब्लॉक के बुदेशु गांव में बेटियों को उनके नाम की नेम प्लेट बांटी थीं. गौर हो कि राज्यमंत्री ने बुदेशु गांव को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत गोद भी लिया है.

Pauri girl nameplate
बेटियां किसी से कम नहीं.

मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाईं ने बताया कि बेटियों को सशक्त बनाने और समाज में उनकी अलग पहचान बनाने के लिए उनकी ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस पहल की मदद से बेटियों को अपनी पहचान मिलेगी. समाज में बेटियों को लेकर गलत धारणा रखने वाले लोगों की सोच में भी इससे बदलाव आयेगा. इस योजना की मदद से बेटियों को समाज मे पहचान दिलाने के साथ-साथ उन्हें सशक्त और मजबूत किया जाएगा.

पौड़ी: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बेटियों को उनकी पहचान दिलाने के लिए जिला प्रशासन पौड़ी की ओर से शुरू की गई शानदार पहल "घौर की पछ्यांण नौनी कु नौ" (घर की पहचान बेटी के नाम) अपनी पहचान बनाने लगी है. पौड़ी उत्तराखंड का पहला जिला है जहां पर ऐसी योजना की शुरुआत की गई है.

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बेटियों से होगी घर की पहचान.

इस योजना की शुरुआत पौड़ी के खिर्सू ब्लॉक से की गई. यहां अबतक दो गांवों के 125 घरों ने शान ने अपनी बेटियों के नाम घर के बाहर लगाए हैं. बुदेशु गांव के 70 और मल्ली गांव के 55 घरों में नेम प्लेट लगाई गई हैं.

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बेटियों के नाम को पहचान.

अच्छी बात ये है कि ग्रामीण खुद इस काम को करने के लिए आगे आ रहे हैं. यह सिलसिला जनपद के सभी ब्लॉकों में किया जाना है. वहीं बेटियां भी इस योजना से काफी खुश नजर आ रही हैं. उन्हें काफी गर्व है कि उनके नाम से उनके घर की पहचान होगी. परिजन भी इस योजना की शुरुआत के बाद खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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पौड़ी जनपद की बेटियों को मिल रही पहचान
'घौर की पछ्यांण नौनी कु नौ'.

परिजनों का कहना है कि बेटियों को समाज में सशक्त और मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से किये गए प्रयास काफी सराहनीय है.

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बेटियों को सशक्त बनाया है मकसद.

एक ब्लॉक से की गई थी शुरुआत

बीते 9 सितंबर को पौड़ी जिला प्रशासन व महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से 'घौर की पछ्याण, नौनी कु नौ' योजना शुरू की गई थी. इस दौरान उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने खिर्सू ब्लॉक के बुदेशु गांव में बेटियों को उनके नाम की नेम प्लेट बांटी थीं. गौर हो कि राज्यमंत्री ने बुदेशु गांव को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत गोद भी लिया है.

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बेटियां किसी से कम नहीं.

मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाईं ने बताया कि बेटियों को सशक्त बनाने और समाज में उनकी अलग पहचान बनाने के लिए उनकी ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस पहल की मदद से बेटियों को अपनी पहचान मिलेगी. समाज में बेटियों को लेकर गलत धारणा रखने वाले लोगों की सोच में भी इससे बदलाव आयेगा. इस योजना की मदद से बेटियों को समाज मे पहचान दिलाने के साथ-साथ उन्हें सशक्त और मजबूत किया जाएगा.

Last Updated : Dec 2, 2020, 7:49 PM IST
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