ETV Bharat / state

सुर्खियों में श्रीनगर किताब कौथिग, परमिशन को लेकर गरमाया माहौल, तेज हुई पॉलिटिक्स - SRINAGAR KITAB KAUTHIG

श्रीनगर गढ़वाल में 15-16 फरवरी को रामलीला मैदान में होना था किताब कौथिग, परमिशन नहीं मिलने के कारण कैंसिल हुआ प्रोग्राम

SRINAGAR KITAB KAUTHIG
किताब कौथिग प्रतीकात्मक चित्र (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 13, 2025, 4:08 PM IST

पौड़ी गढ़वाल: शिक्षा नगरी श्रीनगर गढ़वाल में होने वाले किताब कौथिग को निरस्त कर दिया गया है. प्रशासन की ओर से किताब कौथिक की अनुमति न मिलने के कारण इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. श्रीनगर गढ़वाल में 15-16 फरवरी को रामलीला मैदान में किताब कौथिक का आयोजन होना था. किताब कौथिक कार्यक्रम में गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने वाले थे. साथ ही किताब कौथिक में हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही लोकभाषा के 40 से अधिक प्रकाशक आने वाले थे.

प्रशासन ने दिया जवाब: किताब कौथिग को लेकर प्रशासन ने बताया- कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया में भ्रान्ति फैलाने की कोशिश की जा रही है, जो उचित नहीं है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को 15 और 16 फरवरी को जनजागरण कार्यक्रम श्रीनगर के रामलीला मैदान में कराने की अनुमति विधिवत रूप से दी गई है. इस पर सवाल उठाने का कोई औचित्य नहीं है. उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा ने कहा-

किताब कौथिग के आयोजकों की ओर से उनके समक्ष 12 फरवरी तक कोई भी आवेदन इससे संबंधित प्रस्तुत नहीं किया गया, इसलिए आवेदन निरस्त किए जाने की बात भी निराधार है.श्रीनगर में 15 और 16 फरवरी को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित होने से इन तिथियों में यहां किताब कौथिग की अनुमति नहीं दी गई. आरएसएस की ओर से इस मैदान में कार्यक्रम के लिए पूर्व में आवेदन किया गया था. उपजिलाधिकारी की ओर से एसएचओ श्रीनगर से सभी आवश्यक बिंदुओं पर आख्या मांग लिए जाने के बाद संघ को रामलीला मैदान में कार्यक्रम के आयोजन के लिए 10 फरवरी को अनुमति दे दी गई

किताब कौथिग के लिए शिक्षा नगरी में परमिशन नहीं मिलने पर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा-

''किताब कौथिग के लिए इजाजत न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. श्रीनगर शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र है, मैनें सुना है कि भाजपा के जुड़े विद्यार्थी परिषद के दवाब में प्रशासन ने किताब कौथिग की इजाजत नहीं दी है''

वहीं, श्रीनगर में किताब कौथिग को परमिशन न मिलने को लेकर भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने भी हल्ला बोला है. भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा-

भाजपा के छात्र संगठन का नाम विद्यार्थी परिषद है. उसे किताबों और कविताओं से डर लग रहा है. इतना डर कि लोक-कवियों और किताबों के कार्यक्रम "किताब कौथिक" को निरस्त करवा दिया है. भाजपा ने नाम विद्यार्थी परिषद रखा है जरूरी थोड़ी है काम पढ़ने-लिखने वाले हों'

इतनी ही नहीं मोहित डिमरी ने कहा गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी लगातार भू कानून और मूल निवास का समर्थन कर रह हैं. वे इन मुद्दों पर मुखरता से अपनी बात रख रहे हैं. जिसके कारण उत्तराखंड गौरव नरेंद्र सिंह नेगी का कार्यक्रम और श्रीनगर गढ़वाल में 16 फरवरी से प्रस्तावित किताब कौथिक को निरस्त कर दिया है.

एनएसयूआई ने भी बोला हल्ला: वहीं, इस मामले में एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव अंकित सुंदरियाल और प्रदेश सचिव मुकुल कुमार ने भी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा 15 और 16 फरवरी को श्रीनगर रामलीला मैदान में किताब कौथिग मेला होना था. जिसमें गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी की उपस्थिति अपेक्षित थी. इस आयोजन में हिंदी, अंग्रेजी और गढ़वाली लोकभाषा के लेखकों की पुस्तकें प्रदर्शित की जानी थीं, लेकिन विद्यार्थी परिषद के विरोध के चलते इसे रद्द कर दिया गया. एनएसयूआई नेताओं ने इसे भाजपा के अनुशांगिक संगठन की "कुंठित मानसिकता" का उदाहरण बताया. उन्होंने कहा ज्ञान किसी भी माध्यम से ग्रहण करना चाहिए, लेकिन विरोध के कारण बुद्धिजीवियों और छात्रों को इस अवसर से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने कहा राज्य के शिक्षा मंत्री इसी विधानसभा क्षेत्र से आते हैं. उन्हें शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए, बजाय इसके कि छात्रों को इस तरह के आयोजनों से रोका जाए.

पढ़ें- पौड़ी महोत्सव में नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों पर झूमे दर्शक, देर रात तक उठाया कार्यक्रम का लुत्फ

पौड़ी गढ़वाल: शिक्षा नगरी श्रीनगर गढ़वाल में होने वाले किताब कौथिग को निरस्त कर दिया गया है. प्रशासन की ओर से किताब कौथिक की अनुमति न मिलने के कारण इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. श्रीनगर गढ़वाल में 15-16 फरवरी को रामलीला मैदान में किताब कौथिक का आयोजन होना था. किताब कौथिक कार्यक्रम में गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने वाले थे. साथ ही किताब कौथिक में हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही लोकभाषा के 40 से अधिक प्रकाशक आने वाले थे.

प्रशासन ने दिया जवाब: किताब कौथिग को लेकर प्रशासन ने बताया- कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया में भ्रान्ति फैलाने की कोशिश की जा रही है, जो उचित नहीं है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को 15 और 16 फरवरी को जनजागरण कार्यक्रम श्रीनगर के रामलीला मैदान में कराने की अनुमति विधिवत रूप से दी गई है. इस पर सवाल उठाने का कोई औचित्य नहीं है. उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा ने कहा-

किताब कौथिग के आयोजकों की ओर से उनके समक्ष 12 फरवरी तक कोई भी आवेदन इससे संबंधित प्रस्तुत नहीं किया गया, इसलिए आवेदन निरस्त किए जाने की बात भी निराधार है.श्रीनगर में 15 और 16 फरवरी को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित होने से इन तिथियों में यहां किताब कौथिग की अनुमति नहीं दी गई. आरएसएस की ओर से इस मैदान में कार्यक्रम के लिए पूर्व में आवेदन किया गया था. उपजिलाधिकारी की ओर से एसएचओ श्रीनगर से सभी आवश्यक बिंदुओं पर आख्या मांग लिए जाने के बाद संघ को रामलीला मैदान में कार्यक्रम के आयोजन के लिए 10 फरवरी को अनुमति दे दी गई

किताब कौथिग के लिए शिक्षा नगरी में परमिशन नहीं मिलने पर लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा-

''किताब कौथिग के लिए इजाजत न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. श्रीनगर शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र है, मैनें सुना है कि भाजपा के जुड़े विद्यार्थी परिषद के दवाब में प्रशासन ने किताब कौथिग की इजाजत नहीं दी है''

वहीं, श्रीनगर में किताब कौथिग को परमिशन न मिलने को लेकर भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने भी हल्ला बोला है. भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा-

भाजपा के छात्र संगठन का नाम विद्यार्थी परिषद है. उसे किताबों और कविताओं से डर लग रहा है. इतना डर कि लोक-कवियों और किताबों के कार्यक्रम "किताब कौथिक" को निरस्त करवा दिया है. भाजपा ने नाम विद्यार्थी परिषद रखा है जरूरी थोड़ी है काम पढ़ने-लिखने वाले हों'

इतनी ही नहीं मोहित डिमरी ने कहा गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी लगातार भू कानून और मूल निवास का समर्थन कर रह हैं. वे इन मुद्दों पर मुखरता से अपनी बात रख रहे हैं. जिसके कारण उत्तराखंड गौरव नरेंद्र सिंह नेगी का कार्यक्रम और श्रीनगर गढ़वाल में 16 फरवरी से प्रस्तावित किताब कौथिक को निरस्त कर दिया है.

एनएसयूआई ने भी बोला हल्ला: वहीं, इस मामले में एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव अंकित सुंदरियाल और प्रदेश सचिव मुकुल कुमार ने भी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा 15 और 16 फरवरी को श्रीनगर रामलीला मैदान में किताब कौथिग मेला होना था. जिसमें गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी की उपस्थिति अपेक्षित थी. इस आयोजन में हिंदी, अंग्रेजी और गढ़वाली लोकभाषा के लेखकों की पुस्तकें प्रदर्शित की जानी थीं, लेकिन विद्यार्थी परिषद के विरोध के चलते इसे रद्द कर दिया गया. एनएसयूआई नेताओं ने इसे भाजपा के अनुशांगिक संगठन की "कुंठित मानसिकता" का उदाहरण बताया. उन्होंने कहा ज्ञान किसी भी माध्यम से ग्रहण करना चाहिए, लेकिन विरोध के कारण बुद्धिजीवियों और छात्रों को इस अवसर से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने कहा राज्य के शिक्षा मंत्री इसी विधानसभा क्षेत्र से आते हैं. उन्हें शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए, बजाय इसके कि छात्रों को इस तरह के आयोजनों से रोका जाए.

पढ़ें- पौड़ी महोत्सव में नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों पर झूमे दर्शक, देर रात तक उठाया कार्यक्रम का लुत्फ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.