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पौड़ी पहुंचे NSA ने ग्रामीणों से की मुलाकात, गढ़वाली में किया संवाद - uttarakhand news

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ग्रामीणों से मुलाकात कर गढ़वाली में की बातचीत. सभी की समस्याओं को सुनकर गांव के लिए निजी रूप से हरसंभव कोशिश करने का आश्वासन दिया है.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल.
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Published : Jun 23, 2019, 9:29 AM IST

पौड़ी: घीड़ी गांव में जन्मे अजीत डोभाल दोबारा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने के बाद निजी दौरे पर अपने पैतृक गांव पहुंचे. गांव में उन्होंने परिवार संग कुलदेवी की पूजा की और गांववासियों से करीब एक घंटे मुलाकात की. इस दौरान NSA को ग्रामीणों ने पानी, मोटर मार्ग, डामरीकरण जैसी समस्याओं से अवगत कराया. डोभाल ने भी गढ़वाली में ग्रामीणों से संवाद करते हुए गांव की समस्या दूर करने के लिए हर संभव कोशिश का आश्वासन दिया.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ग्रामीणों से की मुलाकात.

डोभाल से मुलाकात करने वाले ग्रामीणों ने बताया कि देश के इतने बड़े पद को संभालने के बाद भी वो जमीन और अपने गांव से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि पौड़ी के बनेलस्यूं पट्टी स्थित घीड़ी गांव में 20 जनवरी 1945 को जन्मे अजीत डोभाल न तो अपनी संस्कृति को भूले हैं और न ही स्थानीय बोली को. इससे पता चलता है कि वो अपनी जड़ों से आज भी जुड़े हैं.

पढ़ें- तीन तलाक बिल पर बोलीं सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर- महिलाओं को मिलेगा न्याय

स्थानीय निवासी पुष्पा देवी ने बताया कि NSA अजीत ने प्राथमिक शिक्षा गांव में ही ग्रहण की. इसके बाद उनकी आगे की पढ़ाई के लिए डोभाल का परिवार बाहर चला गया. गांव में उनका अपना मकान भी है, जो ध्वस्त हो चुका है. हालांकि, उनके कुछ परिजन अभी भी गांव में ही रहते हैं.

अजीत डोभाल के रिश्तेदार बताते हैं कि डोभाल के पिता सेना में मेजर थे. इसलिए बचपन से ही उनमें देश के लिए कुछ करने का जज्बा था. यही देश सेवा की ललक ने उनको देश की इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालने के काबिल बनाया है. साल 2014 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने के बाद गांव में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे थे और दूसरी बार फिर पद संभालने के बाद वो अपनी पत्नी और बेटे के साथ गांव पहुंचे हैं.

पढ़ें- 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी, कार्यसमिति की बैठक में वोट प्रतिशत बढ़ाने पर होगा मंथन

NSA अजीत डोभाल के भाई अजय डोभाल ने बताया कि उन्हें गर्व है कि उनका भाई आज देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने बताया कि वो व्यस्त कार्यक्रम के बाद भी अपनी पत्नी और भाई के साथ गांव की पूजा में सम्मिलित हुए, जिससे पूरे गांववासी काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि सपरिवार कुलदेवी बाल कुंवारी देवी की एक घंटे तक आराधना करने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंदिर समिति को डेढ़ लाख रुपये बतौर दान दिए.

पौड़ी: घीड़ी गांव में जन्मे अजीत डोभाल दोबारा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने के बाद निजी दौरे पर अपने पैतृक गांव पहुंचे. गांव में उन्होंने परिवार संग कुलदेवी की पूजा की और गांववासियों से करीब एक घंटे मुलाकात की. इस दौरान NSA को ग्रामीणों ने पानी, मोटर मार्ग, डामरीकरण जैसी समस्याओं से अवगत कराया. डोभाल ने भी गढ़वाली में ग्रामीणों से संवाद करते हुए गांव की समस्या दूर करने के लिए हर संभव कोशिश का आश्वासन दिया.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ग्रामीणों से की मुलाकात.

डोभाल से मुलाकात करने वाले ग्रामीणों ने बताया कि देश के इतने बड़े पद को संभालने के बाद भी वो जमीन और अपने गांव से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि पौड़ी के बनेलस्यूं पट्टी स्थित घीड़ी गांव में 20 जनवरी 1945 को जन्मे अजीत डोभाल न तो अपनी संस्कृति को भूले हैं और न ही स्थानीय बोली को. इससे पता चलता है कि वो अपनी जड़ों से आज भी जुड़े हैं.

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स्थानीय निवासी पुष्पा देवी ने बताया कि NSA अजीत ने प्राथमिक शिक्षा गांव में ही ग्रहण की. इसके बाद उनकी आगे की पढ़ाई के लिए डोभाल का परिवार बाहर चला गया. गांव में उनका अपना मकान भी है, जो ध्वस्त हो चुका है. हालांकि, उनके कुछ परिजन अभी भी गांव में ही रहते हैं.

अजीत डोभाल के रिश्तेदार बताते हैं कि डोभाल के पिता सेना में मेजर थे. इसलिए बचपन से ही उनमें देश के लिए कुछ करने का जज्बा था. यही देश सेवा की ललक ने उनको देश की इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालने के काबिल बनाया है. साल 2014 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने के बाद गांव में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे थे और दूसरी बार फिर पद संभालने के बाद वो अपनी पत्नी और बेटे के साथ गांव पहुंचे हैं.

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NSA अजीत डोभाल के भाई अजय डोभाल ने बताया कि उन्हें गर्व है कि उनका भाई आज देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने बताया कि वो व्यस्त कार्यक्रम के बाद भी अपनी पत्नी और भाई के साथ गांव की पूजा में सम्मिलित हुए, जिससे पूरे गांववासी काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि सपरिवार कुलदेवी बाल कुंवारी देवी की एक घंटे तक आराधना करने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंदिर समिति को डेढ़ लाख रुपये बतौर दान दिए.

Intro:पौड़ी गढ़वाल के घीड़ी गांव में जन्मे अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 में हुआ था। अजीत के प्राथमिक शिक्षा गांव में हुई उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह अपने पिता के साथ बाहर चले गए आज गांव में उनका अपना मकान भी ध्वस्त हो चुका है। वहीं उनके परिजन आज भी गांव में रहते हैं परिजन के साथ साथ पूरा गांव खुद को गौरवान्वित महसूस करता है कि आज देश की सुरक्षा का मुख्य जिम्मा उनके बेटे के हाथ में है और व्यस्त कार्यक्रम के बाद भी आज वह अपने परिवार के साथ गांव की पूजा में सम्मिलित हुए।


Body:अजीत डोभाल के रिश्तेदार बताते हैं कि उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव में हुई उनके पिता सेना में मेजर से चौकी अजीत को आगे की पढ़ाई के लिए अपने साथ ले गए साल 2014 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने के बाद वह अपने गांव पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचे थे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने के बाद दूसरी बार अपनी पत्नी और अपने पुत्र के साथ गांव पहुंचे हैं पूजा के बाद उन्होंने गांव के सभी लोगों के लिए 1 घंटे का समय निकाला और सभी के साथ वार्तालाप कर समय बिताया पूर्ण बताया कि उनके लिए गौरव का विषय है कि उनके गांव के व्यक्ति आज देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहा है।
बाईट-पुष्पा देवी
बाईट-दामोदर प्रशाद डोभाल


Conclusion:अजीत डोभाल के भाई (रिस्तेदार )अजय डोभाल ने बताया कि उन्हें गर्व है कि उनका भाई आज देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहा है भाई के व्यस्त कार्यक्रम के बाद भी वह अपनी पत्नी और भाई के साथ गांव की पूजा में सम्मिलित हुए। जिससे उनके और उनके गांव का मान और बढ़ गया है बताया कि आज मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद उन्होंने गांव के सभी लोगों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना।
बाईट-अजय डोभाल
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