पौड़ी: मॉनसून सीजन में प्रदेश में हो रही बारिश के कारण पहाड़ी जनपदों के साथ ही मैदानी जिलों में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस दौरान उन आपदा प्रभावितों पर इन दिनों संकट के बादल मंडाराने लगे है. जिनके भवन पिछली बारिश में पूरी तरह धराशायी होकर जमींदोज हो गये थे, ऐसे आपदा प्रभावितों को कुछ सालों तक जिला प्रशासन ने खाली पड़े सरकारी भवनों में ठहरा के शरण दी थी. लेकिन अब इन्हें भवन खाली करने के नोटिस दिए जा रहे हैं. जिसके बाद अब उनके सामने मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है.
बता दें कि, पौड़ी शहर में एक ऐसा ही परिवार है. जिसे जिला प्रशासन ने समय खत्म होने के बाद अब घर खाली करने के नोटिस जारी कर दिया है. उन्हें आपदा का मुआवाजा तक नहीं मिला है. आपदा प्रभावित परिवार अब जिलाधिकारी से भवन को खाली करने के लिए 6 माह का और समय मांग रहे हैं.
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डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि तय सीमा के लिए ही प्रभावितों को भवनों में आपदा मानकों के तहत ठहराया जाता है. वहीं, समय सीमा पूरी होने के बाद इन भवनों को खाली करवाने की कार्रवाई अमल में लाई जाती है. ताकि आपदा दौर में बेघर हो चुके अन्य बेसहारा परिवारों के ठहरने के व्यवस्था बनाई जा सके. उन्होंने बताया कि 6 माह तक पीड़ित परिवारों को मोहलत दिये जाने पर विचार-विमर्श करने के बाद ही फैसला करेंगे.